बंजारा महासभा द्वारा समाज की विशाल आम सभा संपन्न, सरकार के सामने रखे महत्वपूर्ण मांगे
बंजारा महासभा द्वारा समाज की विशाल आम सभा संपन्न, सरकार के सामने रखे महत्वपूर्ण मांगे
*बंजारा समाज को घुमंतू एवं अर्ध घुमंतु जाति की श्रेणी में दर्जा दिया*
अनूपपुर
अमरकंटक । चैत्र शुक्ल पक्ष तिथि दशमी दिन सोमवार को पवित्र नगरी अमरकंटक में विश्व बंजारा दिवस के पावन अवसर पर बंजारा महासभा अमरकंटक तहसील पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर द्वारा नाका स्थित सामुदायिक भवन में आज बंजारा दिवस के पावन अवसर पर पारंपरिक ढंग से कार्यक्रम आयोजित कर समाज का कार्यक्रम गौरवपूर्ण ढंग से हर्ष उल्लास एवं उमंग के साथ मनाया, इस अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित हुए । बंजारा दिवस के कार्यक्रम की शुरुआत नर्मदा संत रेवा नायक महाराज एवं सेवालाल महाराज के छायाचित्र पर पुष्पहार अर्पित कर तथा दीप प्रज्वलित शुभारंभ किया गया, विश्व बंजारा समाज के विशाल आम सभा की अध्यक्षता समाज के युवा एवं जागरूक नेता ईश्वर सिंह नायक ने की ।
विशाल महासभा में विभिन्न वक्ताओं ने समाज के बारे में अपने-अपने विचार सुझाव रखें । इस अवसर पर एक पंक्ति का प्रस्ताव जो प्रमुख रूप से सामने आया उसमें बंजारा समाज को अनुसूचित जनजाति के रूप में शामिल करने की मांग रखा उक्त प्रस्ताव पर सर्व सम्मत से प्रस्ताव पारित कर निर्णय लिया गया कि समाज की मंशा से शासन को अवगत कराया जाए।
आम सभा में लगभग सभी वक्ताओं ने कहा कि बंजारा समाज को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग जातियों एवं समाज में दर्जा दिया गया है इससे समाज की एकरूपता नहीं हो पा रही। मध्य प्रदेश में बंजारा समाज को घुमंतू एवं अर्ध घुमंतु जाति की श्रेणी में दर्जा दिया गया है, फलस्वरूप हमें इसका वास्तविक लाभ नहीं मिल पाता है जाति प्रमाण पत्र बनवाने जाने पर हमारे लड़के लड़कियों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाया जाता, इस कारण हमारे लड़का लड़की विद्यालयों में प्रवेश पाने से वंचित रह जाते हैं तथा शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। शासन प्रशासन हमारी इस दशा को समझता नहीं है यहां वहां घूमते रह जाते हैं सिवा परेशानी के कुछ नहीं मिलता । शासन में बैठे लोगों को अब समझना होगा की बंजारा समाज को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल किया जाए ।
बंजारा समाज के नेता ईश्वर नायक ने कहा कि बंजारा समाज को पवित्र नगरी अमरकंटक में 10 एकड़ की भूमि दी जाए, ताकि हमारा समाज उक्त भूमि पर पारंपरिक सामाजिक पेड़ पौधे लगा सके उनमें बेल गूलर आम हर्रा बहेड़ा आंवला नीम पीपल जैसे पेड़ लगा सके और अमरकंटक को हरा भरा कर सके हमारा समाज इसी का व्यापार करता रहा, अमरकंटक का पर्यावरण शुद्ध रहे पवित्र रहे हमारा समाज धर्म की समाज की रक्षा करता रहा है हमारी कुलदेवी मां नर्मदा है नर्मदा के प्रथम भक्त संत रेवा नायक रहे हम उन्हीं के आदर्शों पर बताएं मार्ग पर चल रहे हैं । मां नर्मदा बंजारन देवी है । बंजारा समाज शुरू से वन उपज का व्यापार करता रहा है समाज सनातन धर्म का प्रवाहक है तथा हिंदू धर्म की रक्षा करता आया है, बंजारा समाज के लोगों का योगदान स्वतंत्रता संग्राम में भी रहा है लाखा बंजारा कौन नहीं जानता उनके योगदान को सभी जानते हैं । उन्होंने आगे कहा कि बंजारा समाज में अनेकों निर्माण कार्य किए हैं वह आज ऐतिहासिक इमारत है बंजारा समाज को राष्ट्र के मुख्य धारा में जोड़े जाने हेतु सभी को एक कर अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल किया जाए, हमारा धर्म संस्कृति परंपरा सब मां नर्मदा जी से जुड़ी हुई है । पतित पावनी मां नर्मदा हमारे समाज की कुलदेवी है आराध्या है हमारे तन मन में मस्तिष्क में दिल में विराजती है उनका आशीर्वाद हमें मिला है ।
विश्व बंजारा दिवस के पावन अवसर पर सामुदायिक भवन नाका से नर्मदा मंदिर तक विशाल रैली बंजारा समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा में नाचते गाते जयकारा लगाते हुए मुख मार्गो से होकर निकले इसमें लगभग 1 हजार से भी अधिक पुरुष महिलाएं युवक युवती हाथों में पोस्ट बैनर लेकर चले, इस दौरान सभी लोग संत रेवा नायक तथा संत सेवालाल जयकारा लगाते रहे । नर्मदा मंदिर में पूजन अर्चन कर महा आरती एवं सभी ने दीप प्रज्वलित किया । विश्व बंजारा दिवस के पावन अवसर पर मां नर्मदा जी को कल ही भोग का प्रसाद चढ़ाया गया तथा सभी दूरस्थ अंचलों से आए बंजारा समाज के महिला पुरुष युवक की युवक युवती को भोजन कराया गया।
विश्व बंजारा दिवस विशाल महासभा में अन्य लोगों के अलावा मनोज नायक, प्रताप नायक, जीवन नायक, जवाहर नायक, मोती नायक, जगदीश नायक, कमल नायक, बृजभान नायक, दयाराम नायक, ओमकार नायक, चिंतामणि ईश्वर नायक, अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण नायक, देवी सिंह नायक, राजू राम नायक, धना नायक, महिपाल नायक, राकेश नायक, दुर्गादास नायक, रसाल नायक, अशोक सिंह नायक, सुल्तान सिंह नायक, कृष्ण पाल सिंह नायक, मेघ सिंह नायक, श्रवण नायक, हरिनंदन नायक, झामा नायक, बंजारा नायक समाज के महिला पुरुष भारी संख्या में उपस्थित शामिल रहे।