सरपंच पति ने उपसरपंच को शासकीय भूमि में कब्जा करा कराकर रास्ता किया बंद

*निवर्तमान पटवारी मोहन सिंह की मिलीभगत से हड़पी जा रही जमीन*


अनूपपुर

ग्राम पंचायत धुरवासिन सरपंच पति चेतन सिंह के द्वारा पटवारी मोहन सिंह से साठगांठ कर शासकीय जमीनों में अवैध कब्जा कर आम नागरिकों के निकलने की रास्ता को बंद करा दिया है जिससे आम नागरिक परेशान है ग्राम कोटमी में शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है अनूपपुर व्रत पसान हल्का पटवारी धुरवासिन ग्राम कोटमी में  पटवारी की सांठगांठ से जमीन हड़पने का मामला हैरान करने वाला है। मुकेश यादव ने गंभीर आरोप लगाया है कि जनप्रतिनिधि उपसरपंच गेंदलाल यादव द्वारा शासकीय आराजी खसरा नंबर 227 में सरकारी जमीन पर कच्चे पक्के मकान, शौचालय खेत,खलिहान बनाकर उसे चारों ओर से घेर लिया है। इसके साथ ही, सार्वजनिक रास्तों तक पर अवैध कब्जा कर ग्रामीणों के आवागमन को बाधित कर दिया गया है।  

निवर्तमान पटवारी मोहन सिंह की मिलीभगत से जमीन हड़पी जा रही है सरपंच पति चेतन सिंह द्वारा भी शासकीय आराजीयो खसरा नंबर 1985 में अवैध कब्जा मकान बाड़ी बनाकर ढेरा जमा कर अन्य जगह पर शासकीय भूमि में  खेत खनिहाल झाला बनाकर अतिक्रमण अवैध कब्जा जोरों से किया है और पटवारी के साथ मिलकर शासकीय भूमि की रिकॉर्ड्स में हेराफेरी की है। एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,ये लोग सरकारी जमीन को 'निजी' दिखाकर बांट रहे हैं। खेत, मकान और खलिहान बनाने के लिए जमीन के टुकड़े बेचे जा रहे हैं। हमारे पुरखों के इस्तेमाल वाले रास्ते तक पर ताला लगा दिया गया है।कुछ ग्रामीणों ने दावा किया कि अतिक्रमणकारियों ने उन्हें धमकाया भी है। मध्य प्रदेश भूमि राजस्व संहिता के अनुसार, शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। इसके अलावा जनसंपत्ति अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज हो सकता है।

ग्राम कोटमी की घटना ने स्थानीय स्वशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पंचायतें जनसेवा और सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा के लिए बनी हैं, लेकिन यहां उनके जनप्रतिनिधि ही अतिक्रमण में लिप्त हैं। ग्रामीण अब जिला कलेक्टर, एसपी और राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय तक शिकायत भेजने की तैयारी में हैं। यदि 48 घंटे में कार्रवाई नहीं हुई, तो हम तहसील कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे।

हाथी ने रात में तोड़े दो मकान, फसलों को किया नुकसान ,कलेक्टर ने ली हाथियों से बचाव की सुरक्षा बैठक

*जिले ने तीन प्रवासी हाथी से किसान परेशान, दहशत का माहौल*


अनूपपुर

जिले में दो अलग-अलग स्थान पर तीन प्रवासी हाथियों के निरंतर विचरण कर रहे हैं, हाथियों द्वारा बुधवार एवं गुरुवार की मध्य रात्रि दो ग्रामीणों के मकानो में तोड़फोड़ कर किसानों के खेतों में लगी विभिन्न तरह की फसलों को आहार बनाते सुबह होते ही दो हाथी जैतहरी के धनगवां बीट के जंगल तथा एक हाथी अनूपपुर एवं राजेंद्रग्राम के बीच औढेरा एवं पटना बीट के जंगल के मध्य डेरा जमाया हुआ है, वही हाथियों के निरंतर विचरण को देखते हुए अनूपपुर कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बैठक लेकर हाथियों से बचाव एवं आम जनों की सुरक्षा पर चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।

दो नर हाथी विगत 6 दिनों से वन परिक्षेत्र,थाना एवं तहसील जैतहरी अंतर्गत वन बीट धनगवां के जंगल जो ग्राम पंचायत क्योटार के कुसुमहाई गांव से लगा हुआ है, दिन में विश्राम करने बाद देर रात होते ही आहार की तलाश में जंगल से बाहर निकल कर बुधवार एवं गुरुवार की रात कुसुमहाई के पाढाडोल स्थल पर लालबहादुर सिंह की झोपड़ी में तोड़फोड़ कर झंडीटोला तक विचरण करते हुए गुरुवार की सुबह फिर से इस जंगल में ठहरे हुए हैं, पाढाडोल टोला में दो ग्रामीण अपने कच्चे घरों में दैनिक उपयोग वाली सामग्रियों को निरंतर आते हाथियों के द्वारा नुकसान किए जाने के डर से विभिन्न तरह के उपयोगी सामग्रियों को महुआ के पेड़ में चढ़ाकर बांधकर रखे हुए हैं, जो शाम होते ही परिवार के सभी सदस्यों को बीच गांव/बस्ती में सुरक्षा की दृष्टि से भेज कर कुछ ग्रामीणों के साथ रात में हाथियों के बिचरण पर नजर रखे रहते हैं, वहीं एक दांत वाला नर हाथी पूरे दिन वन परिक्षेत्र अनूपपुर के औढेरा बीट अंतर्गत डालाडीह के जंगल में दिन बीतने बाद देर रात को जंगल से निकलकर ग्राम पंचायत बैहार के दोखहाटोला राजू यादव के बांडी में केला खा कर, बैहार से गिरवी गांव में पहुंचकर रामचंद्र पिता फूलसिंह के घर में तोड़फोड़ किया, गिरवी निवासी भुवन सिंह गोंड़ के खेत में लगे गेहूं, गेंदलाल पनिका खलिहान में रखे मंसूर की फसल को अपना आहार बनाते हुए गुरुवार की सुबह वन परिक्षेत्र अनूपपुर के औढेरा एवं वन परिक्षेत्र राजेंद्रग्राम के पटना बीट के मध्य जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहा है,दोनों हाथियों के देर रात किस ओर विचरण करेंगे यह रात होने पर ही पता चल सकेगा।

अनूपपुर जिले में दो अलग-अलग स्थान पर हाथियों के विचरण पर वन मंडलाधिकारी अनूपपुर विपिन कुमार पटेल के निर्देश पर वनविभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की गश्ती दल टीम बनाकर निरंतर निगरानी की जा रही है, वही हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्राम पंचायतो के द्वारा ग्रामीणों को सचेत एवं सतर्क रहने की जानकारी मुनादी एवं अन्य माध्यमों से किया जा रहा है। अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली ने गुरुवार की दोपहर कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक आयोजित कर राजस्व,वन एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों को हाथियों के निरंतर विचरण पर निगरानी रखते हुए गश्ती दल सदस्यों की संख्या बढाये जाने,हाथियों के द्वारा किए जा रहे आम जनों के नुकसान पर तत्काल सहायता प्रकरण तैयार किए जाने,आवश्यकता पड़ने पर ग्रामीण जनों को सुरक्षित स्थान शासकीय भवन सुनिश्चित कर ठहराये जाने के संबंध में निर्देशित किया गया है।

मस्टर कर्मचारियों ने रखी जनसंवाद व प्रेसवार्ता जनप्रतिनिधियों सहित नगर की जनता रही मौजूद

*नगर के युवाओ के साथ छल, सविलियन के करीबियों ने बनाई दूरी*


अनूपपुर

जिले के राजनगर के भगत सिंह चौक पर फर्जी भर्ती सविलियन के विरोध में 1 अप्रैल 2025 जनसंवाद, प्रेसवार्ता की गई जहाँ इस मामले पर कई जनप्रतिनिधियों ने अपनी प्रक्रिया देते हुये कहाँ की पूर्व मे ग्राम पंचायत में पदस्त अधिकारीयों के साथ ही जिले से लेकर संभाग तक के कुछ अधिकारीयों के सहमति से यह कार्य किया गया। जिसमें जिला, संभाग व अन्य राज्य के लोगों को कूट रचना कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर एक,एक परिषद से 50 से 60 अतरिक्त लोगों को समलित किया गया। जिसका विरोध होने पर सम्बंधित विभाग द्वारा जांच भी की गई थी। जिस पर नगर परिषद में किये गए भ्रष्टाचार के इस पुरे मामले पर दोसी पाए जाने पर पूर्व में सम्बंधित विभाग द्वारा कइयों पर कार्यवाही करते हुये कार्य से पृथक किया गया साथ ही शासन की राशि को फर्जी तरीके से सम्बंधित को लाभ दिलाने पर रिकबरी के आदेश भी दिया गया था। जिसकी आज दिनांक तक कोई रिकबरी नहीं हो सकी है।

*सविलियन के करीबियों ने बनाई दूरी*

राजनगर की धरा डोला, डूंमर कछार, बंनगवा में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान वर्ष 2016-17 में पधार कर नगर की जनता को सौगात के रूप में तीन ग्राम पंचायत को नगर परिषद का दर्जा दिया गया था, जहाँ इस सौगात से नगर में पूरी तरफ खुशी का माहौल था, लेकिन कुछ मठाधीसो ने एसा चक्रब्यूह रचा की नगर के युवाओ को दर किनार करते हुये अपने सगे सम्बन्धियों को फर्जी भर्ती संविलियन में सम्मलित कर उच्च अधिकारी तक दस्तावेज प्रस्तुत किये, जिसके विरोध में नगर परिषद के मस्टर कर्मचारीयों के द्वारा राजनगर के हृदय स्थल भगत सिंह चौक पर बैठक रखी गई, जहां पर देखा गया कि इस फर्जी भर्ती संविलियन में जिन लोगो के करीबियों को सम्मिलित किया गया था, उन सभी ने जनसंवाद, प्रेस वार्ता से अपनी दूरी बनाई रखी इससे यह सब देखा जा रहा है, कि कहीं न कहीं इस बड़ी फर्जी भर्ती संविलियन में नगर के बेरोजगार युवाओं के साथ यहां के चिन्हित लोगों के द्वारा ही युवाओं के हक को मारा गया है व भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है।

*अध्यक्ष, उपाध्याय सहित कई पार्षद रहें उपस्थित*

जनसंवाद के माध्यम से अपनी बातों को रखते हुये जनप्रतिनिधियों ने बताया की नगर में फर्जी तरीके किये गए संविलियन भर्ती कर्मचारियों द्वारा जिस तरह से न्यायालय में गलत तथ्य पेश कर फर्जी भुगतान कराने का प्रयास किया था, उसे लेकर मास्टर कर्मचारी व संविलियन कर्मचारीयों के साथ ही नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है।  जिस पर राजनगर में जन संवाद एवं प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जहाँ पर मंच के माध्यम से उपस्थित मंचासीन अतिथियों द्वारा नगर में हुये भ्रष्टाचार को लेकर जम कर आवाज उठाई गई, कार्यक्रम में समस्त राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों ट्रेड यूनियन के नेताओं एवं आम जनों को आमंत्रित किया गया था।

*नगर के युवाओ के साथ छल*

जनसंवाद व प्रेस वार्ता कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने जन संवाद को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह से इस क्षेत्र को सौगात दी थी, उससे अधिक काले कारनामे कर संविलियन भर्ती कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ साथ सरकार के मंसूबे पर जिम्मेदार लोगों द्वारा पानी फेरा गया है। देश पर आई कोरोना जैसी महामारी में नगर के स्थानीय सविलियन कर्मचारी,मास्टर कर्मचारीयों ने अपनी व अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर काम किया। जब की अन्य लोगों ने पुरे कोविड़ काल में दूरिया बना रखी थी।

*प्रशासन द्वारा की गई थी कार्यवाही*

अपनी बातों को रखते हुए मंचाशीन जनप्रतिनिधियों ने बताया कि जब पूर्व में इस फर्जी भर्ती सविलियन को लेकर आवाज बुलंद की गई थी जहाँ पूरे प्रकरण की जांच भोपाल स्तर पर कराई गई थी और जांच पर दोषी पाए जाने पर फर्जी संविलियन भर्ती में एसडीएम से लेकर नगरीय प्रशासन में संयुक्त संचालक जैसे बड़े अधिकारी के ऊपर कार्यवाही की गई थी साथ ही उन्हें बर्खास्त भी कर दिया गया था, तो यह संविलियन कर्मचारी सही कैसे हो गए। भारत देश में ऐसी कोई ग्राम पंचायत नहीं होगी जहां तीन या चार से अधिक कर्मचारी होते होंगे फिर भी एक-एक नगर परिषदों में 65 से 70 लोगों का संविलियन किया गया जो खुद अपने आप में एक सवालिया निशान खड़ा करता है, जिसके लिए हम सभी को एकजुट होकर जन आंदोलन करना होगा और माननीय न्यायलय के सामने सही साझय देने होंगे। वही जब इस पूरे प्रकरण में संयुक्त संचालक शहडोल से जानकारी के लिए उनके मोबाइल नंबर पर विगत 2 दिन से संपर्क किया जा रहा है, लेकिन उनके द्वारा फोन उठाना उचित नहीं समझ गया और ना ही रिटर्न कॉल की गई। 

*इनका कहना है।*

नगर पालिका क्षेत्र के सम्बन्ध में मुझे कोई जानकारी नहीं है।

*तन्मय वशिष्ट शर्मा, जिला पंचायत सीईओ, अनूपपुर*

न्यायलय द्वारा समय दिया गया था अधिकारीयों द्वारा समय पर दस्तावेज प्रस्तुत न करने पर न्यायलय द्वारा निर्णय दिया गया है हम सभी मस्टर कर्मचारी सही दस्तावेज कोट के समझ प्रस्तुत करेंगे।

*योगेन्द्र गुप्ता, दैनिक कर्मचारी, नगर परिषद, बंनगवा*

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