15 लाख के 165 गुम हुए मोबाइल पुलिस ने किए बरामद


शहड़ोल

शहडोल पुलिस ने मोबाइल चोरी और गुम होने के मामलों में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने साइबर सेल की मदद से करीब 15 लाख कीमत के 165 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इन मोबाइल फोन को छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों से बरामद किया गया है। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में लोगों ने मोबाइल गुम होने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने साइबर सेल की मदद से इन मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की। जहां-जहां मोबाइल की लोकेशन मिली, पुलिस ने वहां पहुंचकर बरामदगी की।

पुलिस की तरह 24 घंटे करते हैं काम, पटवारियों ने 13 महीने का वेतन समेत कई मांगें रखीं, सौपा ज्ञापन


शहड़ोल

शहडोल में पटवारी संघ ने कलेक्टर के माध्यम से प्रमुख सचिव राजस्व और आयुक्त भू-अभिलेख को ज्ञापन सौंपा। पटवारियों का कहना है कि पिछले कुछ सालों से छुट्टी के दिनों में भी सामान्य कार्यों के लिए उन्हें बुलाया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि या तो यह व्यवस्था बंद की जाए या फिर पुलिस विभाग की तरह उन्हें भी 13 महीने का वेतन दिया जाए। काम के लिए मोबाइल फोन हुआ खराब, नए की मांग की है।

सार्थक ऐप और ई-डायरी अटेंडेंस को लेकर भी पटवारियों ने अपनी परेशानी बताई। उनका कहना है कि उन्हें उचित संसाधन और मोबाइल नहीं दिए जाते। छह साल पहले मिले सस्ते मोबाइल अब बेकार हो चुके हैं। दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के कारण ऐप का इस्तेमाल व्यावहारिक नहीं है। पटवारियों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सम्मान निधि योजना को लेकर भी समस्या उठाई। उनका कहना है कि योजना में पैसा सीधे किसान के खाते में आता है। पटवारी का काम सिर्फ किसान का रजिस्ट्रेशन करना है। लेकिन पैसा नहीं आने पर उन पर सीएम हेल्पलाइन के निराकरण का दबाव बनाया जाता है।

पटवारियों ने पदोन्नति की मांग भी रखी। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग में तहसीलदार, नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक को वेतन उन्नयन और पदोन्नति का लाभ मिला है। लेकिन पटवारियों को यह सुविधा नहीं दी गई। उन्होंने मांग की कि राजस्व निरीक्षक के खाली पदों पर वरिष्ठ पटवारियों को पदोन्नति दी जाए।

दिन दहाड़े खुलेआम सट्टे का खेल बेख़ौफ़ जारी, खाकी की मिलीभगत पर उठे रहे सवाल


उमरिया 

जिले के पाली थाना क्षेत्र अंतर्गत व ग्रामीण इलाकों में सट्टे और जुए का अवैध कारोबार लगातार फल-फूल रहा है। हाल ही में एक स्थानीय नागरिक ने फेसबुक पर पोस्ट कर इस मामले को उजागर किया, जिसमें दावा किया गया कि पाली क्षेत्र में सट्टा खुलेआम चल रहा है और इसे रोकने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है।

पोस्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि शहर से गांव तक फैले इस गैरकानूनी धंधे के पीछे कुछ प्रभावशाली लोग शामिल हैं, जिनमें बुद्धा, राहुल, विजय और एक अग्रवाल जी का नाम चर्चा में है। इन पर आरोप है कि वे सट्टे का नेटवर्क चला रहे हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग जुड़ चुके हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे गोरखधंधे में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि खाकी वर्दीधारी कुछ लोग इन सटोरियों से सांठगांठ कर कारोबार को संरक्षण दे रहे हैं। यही कारण है कि शिकायतों के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

पाली के जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि इस अवैध सट्टे और जुए के कारोबार पर तुरंत रोक लगाई जाए और इसमें शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई हो। साथ ही, पुलिस की भूमिका की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए। यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन कब जागता है और पाली को इस अवैध कारोबार से कब मुक्ति मिलती है।

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