अध्यक्ष पार्षद सवालो के घेरे में, राम जानकी मंदिर निर्माण की मांग तेज, प्रशासन की अनदेखी, जनता में आक्रोश


अनूपपुर

जिले के नगर परिषद बरगवां अमलाई के वार्ड क्रमांक 1 में स्थित खसरा नंबर 133/1 पर राम जानकी मंदिर निर्माण का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि सन् 1995 में भाजपा के तत्कालीन विधायक लल्लू सिंह द्वारा इस भूमि पर मंदिर की आधारशिला रखी गई थी, जिसके लिए यहां के रहवासी बचनबद्ध हैं लेकिन  अब नगर परिषद द्वारा इस भूमि पर पार्क निर्माण की शासकीय योजना बनाई जा रही है। इससे जनता में गहरा आक्रोश है, और वे इस भूमि को केवल राम जानकी मंदिर के लिए सुरक्षित रखने की मांग कर रहे हैं।

*मंदिर की आधारशिला क्षतिग्रस्त करने का आरोप*

स्थानीय निवासियों ने नगर परिषद एवं शासकीय अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कुछ दिनों पहले मंदिर की आधारशिला को जानबूझकर क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इस घटना से क्षेत्रवासियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है, जिससे जनता में आक्रोश और बढ़ गया है।ग्रामीणों के अनुसार, यह स्थान बरगवां हनुमान मंदिर ,मेला वाहन पार्किंग और जल स्रोत छटन से जुड़ा हुआ है, जो खेतों की सिंचाई और मरणोपरांत क्रियाकर्म के लिए स्नान-शुद्धिकरण हेतु उपयोग किया जाता रहा है। इससे पहले से ही यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित है।

*मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष जारी रहेगा*

बरगवां के रहवासियों और श्रद्धालुओं ने स्पष्ट किया है कि वे किसी भी कीमत पर इस भूमि पर शासकीय या अन्य निर्माण नहीं होने देंगे। उनका कहना है कि राम जानकी मंदिर निर्माण के लिए वे हर स्तर पर संघर्ष करने को तैयार हैं, और यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

*सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप*

ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि वार्ड क्रमांक 1 के खसरा नंबर 103 में पहले से ही हनुमान मंदिर के बगल में एक विशाल गार्डन मौजूद है। इसके बावजूद खसरा नंबर 133/1 पर एक और पार्क बनाने का निर्णय केवल शासकीय धन के दुरुपयोग और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने के लिए लिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, इस भूमि का उपयोग किसानों और पशुपालकों के लिए भी आवश्यक है, साथ ही यहां महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान होते हैं।

*जनता की मांग: प्रशासन तुरंत हस्तक्षेप करे*

नगरवासियों ने जिला कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी महोदय से अनुरोध किया है कि वे स्वयं स्थल पर आकर स्थिति का जायजा लें और जनता की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए इस भूमि को केवल राम जानकी मंदिर के लिए सुरक्षित करने का आदेश दें।

भृष्टाचार व वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर सीएमओ को कमिश्नर ने किया निलंबित


उमरिया

शहडोल कमिश्नर सुरभि गुप्ता के निर्देश पर कलेक्टर उमरिया द्वारा नगरपरिषद नौरोजाबाद अनियमितता मामले में जांच कराई गई, जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर हुआ। जांच रिपोर्ट आने के बाद सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, लेकिन सीएमओ ने जवाब नहीं दिया। इस पर मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण संहिता और अपील नियम 1966 के तहत उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

जिले के अंतर्गत नौरोजाबाद में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी ज्योति सिंह के कारनामे किसी से छिपे नहीं है। लगातार लंबे समय से उनके द्वारा निर्माण कार्यों और सामग्री की खरीद फरोख्त में गड़बड़ी की जाती रही है। इसी के चलते कमिश्नर शहडोल के निर्देश पर कलेक्टर उमरिया के द्वारा मामले की जांच कराई गई। जांच में  व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई।

पूरे मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद कलेक्टर उमरिया के द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी नौरोजाबाद ज्योति सिंह को पत्र जारी कर कारण बताओ नोटिस जारी किया। सात दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया था, लेकिन सीएमओ ज्योति सिंह के द्वारा कारण बताओ नोटिस का भी जवाब नहीं दिया गया। ज्योति सिंह की कार्यशैली से वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का भी लगातार अवहेलना करना प्रतिलक्षित होता है।

सीएमओ नौरोजाबाद ज्योति सिंह के उक्त कृत मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण संहिता के विपरीत एवं दंडनीय है। इसी के चलते मध्य प्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 9 (1) क के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को उपयोग में लाते हुए कमिश्नर शहडोल सुरभि गुप्ता ने नगर परिषद नौरोजाबाद की सीएमओ ज्योति सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

बता दें कि सीएमओ ज्योति सिंह इसके पहले उमरिया नगर पालिका परिषद की मुख्य नगर पालिका अधिकारी रही हैं। इस दौरान भी इनके द्वारा तमाम कार्यों और खरीदी में व्यापक रूप से गड़बड़ी सामने आई थी, जिसके चलते ज्योति सिंह कई अखबारों और चैनलों की सुर्खियों में रही हैं। इस दौरान भी उनके क्रियाकलापों की जांच कराई गई। उसमें भी गड़बड़ियां सामने आई थीं। इसके बाद उनका स्थानांतरण नगर परिषद नौरोजाबाद के लिए किया गया। वहां वह लगातार सामग्री की खरीदी और निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार में संलिप्त रही।

सीएम हेल्पलाईन के निराकरण, प्रदेश में जिले को मिला प्रथम स्थान


अनूपपुर

सीएम हेल्पलाईन में दर्ज शिकायतों के निराकरण में स्वास्थ्य विभाग द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया गया है। जिसके परिणामस्वरूप अनूपपुर जिला स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान अर्जित किया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.के. वर्मा ने बताया है कि 83.42 वेटेज स्कोर के साथ A ग्रेड प्राप्त कर अनूपपुर जिले की रैंकिंग प्रथम रही है। स्वास्थ्य विभाग की इस उपलब्धि के लिए कलेक्टर हर्षल पंचोली ने पूरी टीम को बधाई दी है। उन्होंने इस तरह के प्रयास आगामी समय में भी जारी रखने की अपेक्षा की है।

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