कोदो खाकर बिगड़ी तबियत, 4 लोग अस्पताल मे भर्ती


उमरिया

जिले के समीपस्थ ग्राम लोढ़ा मे कोदो खाने से करीब चार लोगों की तबियत बिगड़ गई है। बताया गया है कि गांव के आदिवासी बैगा परिवार मे कोदो की रोटी बनाई गई थी। जिसका सेवन करते ही उन्हे पेट मे दर्द, मरोड़ और उल्टियां शुरू हो गई। थोड़ी ही देर मे हालत ज्यादा खराब होने पर उनहे जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया। जहां उनका उपचार किया जा रहा है। इनमे बिंदी बाई बैगा पति पुसुआ 55, पुसूवा बैगा 60, राहुल बैगा 14 तथा राजबाई बैगा 8 शामिल हैं। ये सभी एक ही परिवार के बताये गये हैं।

किसानो को मिले धान का ब्याज सहित रुपया, लंबित भुगतान को लेकर कांग्रेस ने सौंपा मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन

*122.35 करोड़ रूपये बकाया, आर्थिक तंगी से किसान परेशान*


उमरिया

किसानो से खरीदी गई धान का भुगतान करने की मांग को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन अपर कलेक्टर शिवगोविंद मरकाम को सौंपा है। इस मौके पर पार्टी के जिलाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अजय सिंह ने कहा कि जिले मे धान की खरीदी का काम कई दिन पहले खत्म हो गया है। इतना ही नहीं पूरा अनाज गोदामो मे पहुंच भी गया है। इसके बाद भी हजारों किसानो को उपार्जन की राशि अभी तक नहीं मिल सकी है। जबकि नियम है कि अनाज परिवहन होने के तीन दिन मे पैसा कृषक के खाते मे पहुंच जाना चाहिये। श्री सिंह ने बताया कि जिले के अनेक किसान ऐसे हैं, जिनको अपनी उपज बेचे डेढ़ महीने से भी अधिक समय हो गया है।

*122.35 करोड़ रूपये बकाया*

जानकारी के मुताबिक जिले मे धान उपार्जन का अंतिम भुगतान 4 फरवरी को आया था। सूत्रों का दावा है कि उपार्जन ऐजेन्सी के पास पैसा नहीं होने से यह स्थिति बनी है। अभी भी 8 हजार 695 किसानो का 122.35 करोड़ रूपये फंसा हुआ है। कांग्रेस द्वारा सौंपे गये ज्ञापन मे कहा गया है कि संबंधित विभाग की लापरवाही व भुगतान न होने से कई किसान बैंकों का बकाया नहीं जमा कर सके हैं और उन्हे डिफाल्टर की सूची मे डाल दिया गया है। जिसके चलते राजस्व विभाग उन्हे कुर्की जैसी कार्यवाही की चेतावनी दे रहा है।

*आर्थिक तंगी के सांथ हो रहा अपमान*

गौरतलब है कि जिले के अधिकांश किसान बैंकों के अलावा साहूकारों से भी कर्ज लेकर खेती व घर का खर्च चलाते हैं। फसल का पैसा मिलते ही यह कर्ज चुकता कर दिया जाता है। इस बार भुगतान मे देरी के कारण किसानों को जहां आर्थिक तंगी के सांथ साहूकारों का अपमान सहना पड रहा है। वहीं पैसे के आभाव मे वे रबी की फसल के लिये खाद, कीटनाशक आदि नहीं खरीद सके हैं। जिससे इस सीजन की फसल भी कमजोर हो गई है।

*एजेंसी ने किया बंटाढार*

विपक्ष का आरोप है कि शासन द्वारा अचानक उपार्जन का कार्य नान से छीन कर एनसीसीएफ को सौंप दिया गया। नई एजेन्सी की लापरवाही के कारण समय पर धान का परिवहन नही हो सका और करोड़ों रूपये की धान बरिश मे भीग कर खराब हो गई। कांग्रेस की मांग है कि किसानो का बकाया भुगतान ब्याज सहित करने के सांथ ही समस्या के लिये दोषी अधिकारियों व संस्था के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाय। इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय सिंह, पूर्व अध्यक्ष राजेश शर्मा, ठाकुर दास सचदेव, त्रिभुवन प्रताप सिंह, अमृतलाल यादव, प्रवक्ता अशोक गौंटिया, शिशुपाल यादव, मनोज सिंह, संतोष सिंह, विजेन्द्र सिंह (अब्बू), श्रीमती सावित्री सिंह, श्रीमती शकुंतला धुर्वे, श्रीमती रामायणवती कोल, मिथलेश राय, नासिर अंसारी, हीरेश मिश्रा, संतोष सिंह ददरौड़ी, निरंजन सिंह, राजीव सिंह बघेल, उमेश कोल, मुकेश सिंह, अयाज खान, प्रहलाद यादव, सोमचंद वर्मा, किशोर सिंह, कन्हैया राय, वीरेंद्र सेंगर, सतवंत सिंह, मो. साजिद, जग्गी कोरी, संजीव सिंह, ओमप्रकाश सोनी मुन्ना, कल्लू गुप्ता, पीएन राव, कन्हैया राय, सोनू कुशवाहा, अजय कुशवाहा, रामरतन प्रजापति, राज किशोर सहित सैकड़ों कार्यकर्ता पदाधिकारी उपस्थित थे।

पूर्व प्राचार्य संत की मेहनत लाई रंग शासकीय तुलसी महाविद्यालय को मिला नैक मूल्यांकन में बी प्लस ग्रेड


अनूपपुर

जिला मुख्यालय स्थित प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस शासकीय तुलसी महाविद्यालय में विगत दिनो राष्ट्रीय प्रत्यायन एवं मूल्यांकन परिषद की पीयर टीम ने महाविद्यालय के विभिन्न गुणवत्ता मानकों का विधिवत मूल्यांकन किया गया। इस मूल्यांकन प्रक्रिया में देश केअलग-अलग ख्यातिलब्ध संस्थाओं से तीन विशेषज्ञों की टीम आई थी।

इस दौरान नैक पीयर टीम ने महाविद्यालय के सात प्रमुख मूल्यांकन मापदंडों जिनमें शैक्षणिक पाठ्यक्रम के पहलू, शिक्षण अधिगम और मूल्यांकन, शोध नवाचार एवं विस्तार गतिविधियां, इंफ्रास्ट्रक्चर और लर्निंग संसाधन, छात्र सहायता एवं प्रगति, गवर्नेंस लीडरशिप और प्रबंधन, संस्थागत मूल्य और बेस्ट प्रैक्टिसेज से सम्बंधित समस्त पहलुओं की विधवत जांच किया। साथ ही महाविद्यालय के समस्त विभागों, प्रकोष्ठों, इकाइयों और स्थापना शाखा, छात्रवृत्ति शाखा, लेखा शाखा, परीक्षा शाखा, एनसीसी, एनएसएस एवं स्पोर्ट्स की गतिविधियों तथा स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना द्वारा आयोजित विभिन्न गतिविधियों जैसे प्लेसमेंट एवं ट्रेंनिंग प्रोग्राम आदि का भी जाँच किया गया। जिस पर पूर्व प्राचार्य डॉ जे के संत की मेहनत रंग लाई, तत्कालीन प्रचार प्राचार्य डॉ जे के संत ने अपनी कार्य कुशलता से नैक के लिए सबसे पहले एस एस आर सबमिट कराया जिसकी वजह से सभी गुणवत्ता मानकों पर शासकीय तुलसी महाविद्यालय खरा उतरा और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद बेंगलुरु द्वारा अग्रणी महाविद्यालय को बी प्लस ग्रेड प्रदान किया गया। 

*दिन रात हुई मेहनत*

महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ. देवेंद्र सिंह बागरी एवं शाहबाज़ खान, सभी क्राइटेरिया प्रभारियों के साथ प्रो प्रो अजय राज सिंह, प्रो संगीता वासनानी, डॉ राधा सिंह, डॉ प्रीति सागर मालैया, डॉ संजीव द्विवेदी, डॉ सत्येंद्र सिंह चौहान, लैब टेक्नीशियन रामकरन वर्मा, सुरेंद्र तिवारी, संतोष सोलंकी, राजेश कवर, संतोष सिंह, शेर सिंह, विकास खंडे, आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही  जिन्होंने दिन रात एक कर  नैक मूल्यांकन में महाविद्यालय को ग्रेडिंग दिलाया।

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