सरसों के फूलों पर ,मुस्कान सजाती जाना, अमराई के माथे पर, बौर सजाती जाना, तब बसंत महकेगा


*बसंत ऋतु पर गीत*  

       

        *तब बसंत महकेगा*    


तुम सरसों के फूलों पर ,मुस्कान सजाती जाना ,

तुम अमराई के माथे पर ,बौर सजाती जाना ,


तब पतझर की सूखी डाली,पै बसंत महकेगा ,

तब कोयल के रस भीने,स्वर से बसंत चहकेगा"।


मैं पलाश के पत्तों पर ,श्रंगार-गीत रच दूंगा ।


तुम अनब्याही अभिलाषा की,मांग सजाती जाना , 

तुम पंखुड़ियों से क्यारी की ,सेज सजाती जाना ,


तब तन पर यौवन की केसर,से बसंत बहकेगा,

तब कलियों के खुलते घूंघट, से बसंत झांकेगा।


मैं कोंपल की कोरों पर ,श्रंगार- गीत रच दूंगा।

 

तुम पुरवा के पांवों में , झंकार सजाती जाना,

तुम भंवरों के गुंजन में,झपताल सजाती जाना,


तब बंजारिन के इकतारे,से बसंत झनकेगा ,

तब पायलिया की रुन-झुन धुन से बसंत खनकेगा,


मैं मृदंग की थापों पर , श्रंगार-गीत रच दूंगा।


 गीतकार-अनिल भारद्वाज,एडवोकट, हाईकोर्ट ग्वालियर,

 काव्यकृति" साहित्यिक संस्था की वसंत उत्सव पर काव्य गोष्ठी संपन्न


जबलपुर  

संस्कारधानी जबलपुर शहर की उभरती हुई साहित्यिक संस्था "काव्यकृति" की वसंत उत्सव पर आधारित काव्य गोष्ठी कचनार प्लाजा कचनार सिटी विजय नगर जबलपुर में संस्था के संस्थापक और संयोजक विवेक शैलार के द्वारा सफलता पूर्ण आयोजित की गई। 

"काव्यकृति" की अध्यक्षता श्रीमान मदन श्रीवास्तव (गजलकार) मुख्य अतिथि संगम त्रिपाठी (हिंदी प्रचारिणी महासभा के संस्थापक) विशिष्ट अतिथि गणेश श्रीवास्तव प्यासा (सशक्त हस्ताक्षर के संस्थापक) और सारस्वत अतिथि राजेंद्र सिंह ठाकुर जो कि कटनी के जाने-माने कवि है और उद्घोषक अखिलेश खरे अखिल के द्वारा की गई।

संस्कारधानी की प्रतिष्ठित कवियत्रियों और मात्र शक्तियों ने "काव्यकृति" में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया जिसमें सरस्वती वंदना की शुरुआत श्रीमती अर्चना द्विवेदी गुदालु ने की प्रभा बच्चन श्रीवास्तव, कृष्णा राजपूत की ओजपूर्ण प्रस्तुति, मीना भट्ट भूतपूर्व जज, भावना दीक्षित कविता नेमा काव्या , मंजू जायसवाल, बुंदेली कवित्री तरुणा खरे और प्रीति नामदेव भूमिजा ने अपनी कविता से समां बांध दिया। जबलपुर के गणमान्य कवि प्रदीप बकौड़े, अम्लान गुहा नियोगी, कालिदास ताम्रकार, दीपेश दबे, लखनलाल रजक, प्रकाश सिंह ठाकुर, अमर सिंह वर्मा, गुप्तेश्वर द्वारका गुप्त, सुशील जैन, कृष्ण गोप की कविताओं ने मंच को नई ऊंचाइयां प्रदान की।

"काव्यकृति" समस्त कवियों और श्रोताओं का हृदय से आभारी है और आगे भी और रचनात्मक एवं साहित्यिक कार्यक्रमों और प्रयासों के लिए कटिबद्ध है ।

हिंदी महाकुंभ हिंदी प्रेमियों के दिलों में जगह बनाने में सफल रही - कवि संगम त्रिपाठी 

*देश प्रदेश व संस्कारधानी के हिंदी प्रेमियों ने एक स्वर में राष्ट्रभाषा बनाने हेतु शंखनाद किया*


जबलपुर 

हिंदी महाकुंभ प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा का दिव्य आयोजन हिंदी को हिंदी प्रेमियों के दिलों में जगह बनाने में सफल रही। हिंदी महाकुंभ के भव्य आयोजन में डाॅ धर्म प्रकाश वाजपेई सुप्रसिद्ध सिविल सेवा गुरु अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेई हिंदी संस्थान दिल्ली व प्रेरणाश्रोत प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा, महामहोपाध्याय डॉ हरिशंकर दुबे साहित्य मनीषी, रिंकू विज अध्यक्ष नगर निगम जबलपुर, साध्वी अरुंधति गिरी (पुष्पा बिसेन) राष्ट्रीय अध्यक्ष दिल्ली नारायणी साहित्य अकादमी दिल्ली, हेमंत कुमार बिसेन सी ई ओ पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद जबलपुर, डॉ अभिजात कृष्ण त्रिपाठी प्राचार्य जानकी रमण महाविद्यालय जबलपुर, प्रदीप मिश्र अजनबी महासचिव प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा दिल्ली, सीमा शर्मा 'मंजरी' दिल्ली, बिनोद कुमार पांडेय नोएडा, राजेश पाठक प्रवीण मंच मणि, विजय तिवारी किसलय, कविता राय, आशुतोष तिवारी, संतोष नेमा, डॉ सलमा जमाल, रजनी कटारे 'हेम' , सुरेश मिश्र विचित्र, डॉ आशा श्रीवास्तव, उर्मिला श्रीवास्तव, अर्चना मलैया, राजेन्द्र मिश्रा, आशा झा सखी, अभिमन्यु जैन, शरतचंद्र पालन, रजनी चौहान, प्रभा विश्वकर्मा, बालमुकुंद लखेरा, वंदना सोनी 'विनम्र  ' , अर्चना गुदालु, अंजलि शर्मा, उमा मिश्रा, संदीप सक्सेना, श्वेता रैकवार, सरस्वती देवी द्विवेदी, कुंजीपटल चक्रवर्ती निर्झर, अमित अग्रवाल, डॉ प्रशांत मिश्रा, अनुराग दुबे, लखन रजक, आशा मालवीय, प्रीति नामदेव भूमिजा, अश्विनी कुमार पांडेय, शिवम द्विवेदी, प्रतिक्षा सेठी, सुरेश दर्पण, नंद कुमार जैन, महेश छाबड़ा, कैलाश नेमा, राकेश राय सुरेश चक्रवर्ती, अनिल सेन संपादक जबलपुर दर्पण,ललित कोष्टा पत्रकार समाचार पत्र पत्रिका, विनोद गहरवार पत्रकार, अनिल गुप्ता पत्रकार, राजवीर शर्मा वरिष्ठ पत्रकार की आयोजन में गरिमामय उपस्थिति रही।

कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने विज्ञप्ति में बताया कि संस्कारधानी जबलपुर मध्यप्रदेश में हिंदी महाकुंभ को दिव्य व भव्य बनाने में मुख्य संरक्षक - अरविंद तिवारी संरक्षक -  वीरेंद्र कुमार दुबे , श्रीमती राजकुमारी रैकवार राज, ज़ी . एल. जैन, प्रभा बच्चन श्रीवास्तव, श्रीमती मीना भट्ट, अनिल शुक्ला। सलाहकार -  श्रीमती सिद्धेश्वरी सराफ, चंदादेवी स्वर्णकार, अनुराधा दीप्ति गर्ग, तरुणा खरे, बच्चन श्रीवास्तव, ऋषिराज रैकवार, पुरुषोत्तम भट्ट, अमर सिंह वर्मा, अम्लान गुहा नियोगी। कार्यक्रम संयोजक - गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी संस्थापक सशक्त हस्ताक्षर संस्था। स्वागताध्यक्ष - मदन श्रीवास्तव। स्वागत समिति - रश्मि पांडेय 'शुभि', विवेक शैलार, प्रकाश सिंह ठाकुर। सम्माननीय सदस्य - आशा झा सखी, श्रीमती निर्मला डोंगरे, कालीदास ताम्रकार काली जबलपुरी ने प्रेरणादायक कार्य कर देश व प्रदेश से आए कवि कवयित्री साहित्य मनीषियों व हिंदी प्रेमियों के दिलों में स्थान बनाने में सफल रहे। संस्कारधानी जबलपुर के इतिहास में इस आयोजन को सदैव याद किया जाएगा व हिंदी प्रेमियों को प्रेरणा मिलेगी। हिंदी महाकुंभ के दिव्य व भव्य आयोजन में संस्कारधानी जबलपुर के हिंदी प्रेमियों का जनसैलाब चर्चा का विषय बना हुआ है।

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