भाजपा व मंडल कमंडलो ने बतलाई जिला प्रशासन को वीवीआईपी की परिभाषा, महंतो ने कार्यक्रम से बनाई दूरी
भाजपा व मंडल कमंडलो ने बतलाई जिला प्रशासन को वीवीआईपी की परिभाषा, महंतो ने कार्यक्रम से बनाई दूरी
*अव्यवस्था के कारण मची अफरा तफरी, महिला जनसंपर्क अधिकारी व पत्रकारों को भागना पड़ा बाहर*
अनूपपुर
जिले के अमरकंटक में माँ नर्मदा की जयंती महोत्सव के अवसर पर तीन दिवसीय 3 फरवरी से 5 फरवरी तक का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया जा रहा है, जिसमे प्रशासन ने पूरी व्यवस्था के लिए बड़ी मात्रा में कर्मचारियों व अधिकारियों की ड्यूटी लगाई थी। अमरकंटक में व्यवस्था सही न होने के कारण श्रद्धालुओं में भीड़ पिछले वर्ष के मुताबिक बहुत ही कम देखने को मिली माँ नर्मदा की जयंती महोत्सव के अवसर पर पिछले वर्ष मुख्यमंत्री की मौजूदगी के कारण कार्यक्रम प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा, जिस कारण से कार्यक्रम पूरी तरह सफल रहा, मगर इस वर्ष मुख्यमंत्री के न आने के कारण जिला प्रशासन की व्यवस्था खानापूर्ति तक ही देखने को मिली पूरी व्यवस्था फेल नजर आई जगह- जगह जाम की स्थिति देखी गयी। नर्मदा जयंती के अवसर पर हर वर्ष भारी भीड़ देखी जाती थी, लेकिन अव्यवस्था के कारण इस वर्ष पहले व दूसरे दिन श्रद्धालुओं व आमजन की संख्या कम देखी गई। बाबा महाकाल भक्त गायक कलाकार हंसराज रघुवंशी के कार्यक्रम में भगदड़ की स्थिति निर्मित होती रही जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन भीड़ के आगे नतमस्तक नजर आया, इतने बड़े आयोजन , अमरकंटक इस वर्ष के कार्यक्रम में आमजन व श्रद्धालुओं अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
*भाजपा के मंडल कमंडल बने वीवीआईपी*
नर्मदा महोत्सव में भजनों की भजनों की सुमधुर प्रस्तुति के दौरान यह कार्यक्रम भाजपा के पदाधिकारी व मंडल कमंडल के कारण पूरी तरह भाजपामयी दिखा। वीवीआईपी दीर्घा जो पंडाल के सामने बनाया गया था, जिसमें कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री दिलीप जैसवाल, कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल, विधायक फुन्देलाल सिंह, पूर्व विधायक सुदामा सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष शहड़ोल व पूर्व महिला आयोग सदस्य अमिता चपरा, भाजपा जिलाध्यक्ष व पूर्व जनपद अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम, पूर्व विंध्य विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक अनूपपुर नगरपालिका अध्यक्ष तो वीवीआईपी के श्रेणी में आते हैं मगर इनके अलावा भाजपा के पदाधिकारी व मंडल कमंडल अध्यक्ष व कांग्रेस सहित सैकड़ों बड़े नेता पूरे वीवीआईपी दीर्घा में कब्जा जमाकर पूरे सुमधुर भक्ति गीतों का आनंद लेते नजर आए और आम जनता, श्रद्धालु, पत्रकार अव्यवस्था के शिकार होकर पूरे कार्यक्रम के दौरान धक्का खाते रहे। इन भाजपा कांग्रेस के मंडल कमंडलो को वीवीआईपी की श्रेणी में किसने रखा यह समझ से परे है। प्रशासन की बहुत बड़ी चूक है।
*कार्यक्रम में दिखी अव्यवस्था*
बाबा महाकाल के भक्त सुप्रसिद्ध गायक कलाकार का अमरकंटक के नर्मदा जयंती महोत्सव में हंसराज रघुवंशी द्वारा भजनों की सुमधुर प्रस्तुति स्थान सर्किट हाउस ग्राउंड प्रांगण में रात 8 बजे से शुरू हुआ। इस कार्यक्रम के लिए बहुत ही ज्यादा प्रचार व सुप्रसिद्ध गायक कलाकार होने के कारण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूरे शहड़ोल संभाग से भक्तजनों के कारण शाम को अमरकंटक में भारी भीड़ देखने को मिली। कार्यक्रम के आयोजकों ने इतने ज्यादा पास बांट दिए और कार्यक्रम में बैठने की व्यवस्था पूरी न होने के कारण भारी भीड़ को प्रशासन कंट्रोल नही कर पाई, कुर्सियां कम पड़ गयी, पास वाले लोग जबरदस्ती बैरीकेट को हटाकर दुसरो के लिए रिजर्व दीर्घा में घुस गई, जिससे उन लोगो को उठकर बाहर जाना पड़ा और असहाय पुलिस भीड़ के सामने मौन होकर देखते रही।
*कार्यक्रम में महंतो ने बनाई दूरी*
नर्मदा महोत्सव में हंसराज रघुवंशी के कार्यक्रम में अमरकंटक के सभी आश्रमों के महंत कार्यक्रम में नही पहुँचे। इतने बड़े आयोजन पर महंतो की दूरी बनाना प्रशासन के ऊपर सवालिया निशान लग रहा है। जनचर्चा है कि प्रशासन ने सभी आश्रमो से नर्मदा महोत्सव कार्यक्रम में किसी न किसी रूप में मदद ली, लेकिन कार्यक्रम में ससम्मान आमंत्रण नही दिया गया जिस वजह से महंतो में नाराजगी दिखी और कार्यक्रम से दूरी बनाई रखी, प्रशासन पार्टी के मंडल को वीवीआईपी दीर्घा में स्थान दे दिया, मगर महंतो को स्थान नहीं दे पाया जो चर्चा का विषय है।
*पत्रकारो से हुई धक्का मुक्की*
कार्यक्रम में पत्रकारो के लिए प्रशासन ने पत्रकार दीर्घा अलग से बनाकर रखा था, पहले तो उस पत्रकार दीर्घा में 10 से 12 अन्य लोग पहले से ही कब्जा जमाए बैठे थे, पत्रकारो को उस दीर्घा में जगह मिल जाने के कारण कार्यक्रम का कवरेज करने लगे, कुछ पल बाद पत्रकार दीर्घा लगभग 100 लोग पुलिस द्वारा लगाई गई बैरीकेट को हटाकर जबरदस्ती पुलिस की मौजूदगी में घुसकर पत्रकारो से बत्तमीजी व धक्का मुक्की करने लगी और भगदड़ की स्थिति में अफरा तफरी निर्मित होने पर पत्रकार वहाँ से जान बचाकर बाहर भागे, जिसमे एक महिला पत्रकार व महिला जिला जनसंपर्क अधिकारी को भी पत्रकार दीर्घा से बाहर भागना पड़ा, अगर वहाँ से नही भागते तो कुछ भी अप्रिय घटना घट सकती थी।
*खाने व रुकने की नही हुई व्यवस्था*
नर्मदा महोत्सव अमरकंटक में तीन दिवसीय कार्यक्रम में पहुँचने वाले पत्रकारो को प्रशासन ने पास तो जारी कर दिया मगर खाने व रहने की क्या व्यवस्था कहा पर किसी को कोई भी जानकारी नही दी गई, जिस कारण से पत्रकार पूरे दिन परेशान नजर आए कुछ लोग तो व्यवस्था न होने के कारण वापस घर चले गए कुछ अपने खाने व रहने की व्यवस्था खुद करके रात गुजारनी पड़ी, जब कि प्रशासन ने जिन अधिकारियों व कर्मचारियों ड्यूटी लगाई थी उनकी रहने खाने की सारी व्यवस्था बनाई थी।
*पत्रकारो की हुई उपेक्षा*
नर्मदा जयंती महोत्सव के प्रथम दिन 3 फरवरी के कार्यक्रम के लिए 2 फरवरी को पत्रकारो को मीडिया पास तो जनसंपर्क विभाग जारी कर दिया मगर अमरकंटक जाने का साधन क्या होगा, रुकने खाने की कहा व्यवस्था है इसकी कोई भी सूचना नही दी गयी, जिस कारण से पत्रकार प्रथम दिन के कार्यक्रम में नही पहुँच सके। जनसंपर्क विभाग व जिला प्रशासन इस रवैये से ऐसा लगता है की उनको अब पत्रकारों को आवश्यकता नही है केवल फार्मेलिटी के लिए पास जारी कर दिए हैं। जब पत्रकारों की उपेक्षा की खबर चली तो दूसरे दिन प्रशासन व जनसंपर्क विभाग हरकत में आया, और पत्रकारो को फोन करजे वाहन की व्यवस्था बात कही, जिस पर कुछ पत्रकारो ने वाहन लेने से मना कर दिया।
*कार्यक्रम खत्म होते लगा जाम*
रात 11 बजे जैसे ही कार्यक्रम समाप्त हुआ पुलिस वीवीआईपी व अन्य व्यवस्था में फंसी रही, कार्यक्रम से निकलने वाले चारपहिया, दोपहिया व पैदल चलने वालों की भीड़ के कारण जगह जगह सड़क पर काम की स्थिति निर्मित हो गयी जबकि वहाँ पर एक भी पुलिस व यातायात विभाग का एक भी कर्मचारी मौजूद नही दिखा, इसी तरह दोपहर में शोभा यात्रा के दौरान कई जगह जाम की स्थिति निर्मित हुई थी जिससे कई श्रद्धालु कई घंटे जाम में फंसे रहे।