मंत्री की टिप्पणी से नाराज तहसीलदार हड़ताल पर, राजस्व कार्य हुए प्रभावित

अनूपपुर


राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा द्वारा महिला तहसीलदार पर की गई की टिप्पणी के विरोध में तीसरे दिन भी प्रदेश भर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार हड़ताल पर हैं, जिसके बाद राज्य में समस्त राजस्व संबंधी कार्य प्रभावित हो गए हैं। अनूपपुर जिले के सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने अपर कलेक्टर दिलीप पाण्डेय को ज्ञापन सौंपकर तीन दिन के लिए हड़ताल पर चले गए। नायब तहसीलदार संघ के प्रभारी जिलाध्यक्ष संजय कुमार जाट के अनुसार, 10 जनवरी को राजस्व मंत्री ने एक सार्वजनिक मंच से महिला तहसीलदार का अपमान किया, जिससे पूरे विभाग में रोष व्याप्त है। तहसीलदारों का कहना है कि वे जनता के राजस्व संबंधी सभी काम पूरी निष्ठा से करते हैं और इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। विरोध स्वरूप सभी तहसीलदारों ने सामूहिक बैठक कर तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है।

टाईगर व हाथियों के विचरण से दहला जिला, प्रशासन ग्रामीणों के बचाव के लिए नही पर पा रहा है कोई उपाय


*निगरानी दल गस्ती कराकर ग्रामीणों को सतर्क एवं सावधान रहने की कर रहे हैं अपील*

अनूपपुर 

जिले में वर्तमान समय दो नर हाथियों के साथ मादा टाइगर के निरंतर विचरण से अनूपपुर एवं जैतहरी तहसील,थाना एवं वन परिक्षेत्र के ग्रामीण निरंतर परेशान एवं दहशत की स्थिति में जीने को मजबूर हैं, वन्य प्राणियों से निजात मिले इस संबंध में प्रशासन कोई उपाय नहीं कर पा रहा है,जिसके कारण प्रभावित क्षेत्र के साथ अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीण रात-रात भर जाग कर अपने टोला,मोहल्ला एवं गांव पर निरंतर नजर बनाए रखते हैं, वही प्रशासन एवं वनविभाग भी प्राकृतिक तौर पर विचरण कर रहे वन्यप्राणियों को आबादी वाले क्षेत्र से दूर करने हेतु निगरानी दल के माध्यम से गस्ती करा कर ग्रामीणों को सतर्क एवं सावधान रहने की बात कर रहे हैं।

अनेकों ग्रामों के ग्रामीणों में विगत माह अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ तहसील एवं अमरकंटक वन परिक्षेत्र में 2 दिसंबर को आई एक मादा टाइगर कुछ दिनों तक ग्राम पंचायत लपटी के मेढाखार के आबादी वाले क्षेत्र में भैंस के बच्चे का शिकार कर, कुछ दिन ठहरने बाद छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के विभिन्न अंचलों में विचरण करने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य में विचरण कर रही थी, जिसे चिरमिरी के हल्दीबाड़ी में वनविभाग के द्वारा रेस्क्यू कर कॉलर आईडी पहनाकर अचानक मार्ग टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र में स्वतंत्र विचरण हेतु छोड़ा गया, कुछ दिन रहने बाद फिर से छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न क्षेत्र में वितरण करते हुए 8-10 दिन पूर्व अमरकंटक क्षेत्र के जलेश्वर एवं उमरगोहान इलाके के जंगल में ठहरते हुए जैतहरी से अनूपपुर, तहसील,वन परीक्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में निरंतर विचरण कर रही है, मादा टाइगर को देर रात आबादी वाले क्षेत्रों में विचरण करते आने पर ग्राम पंचायत ताराडांड के बैरहनीटोला,ताराडांड तिराहा,ग्राम पंचायत लखनपुर के पचडीपानी आदि क्षेत्रों में देखा ग्रामीणों ने गया वहीं ग्राम पंचायत लखनपुर के अगरियानार क्षेत्र में जंगल के बीच बसे ग्राम पचडीपानी के बैगा बहुल्य बस्ती में रात मादा टाइगर पहुंचकर फूल सिंह बैगा के एक माह के बछड़े का को पकड़कर घसीट कर बरमसिया की ओर ले गई इस बीच ग्रामीणों के हो-हल्ला करने पर यह आगे की ओर चली गई। वहीं विगत 22 दिनों से छत्तीसगढ़ राज्य से आए दो प्रवासी नर हाथी कई दिनों से वन परिक्षेत्र,थाना,तहसील जैतहरी के ग्राम पंचायत गोबरी में स्थित गोबरी गांव के जंगल में दिन में ठहरने/विश्राम करने के बाद देर रात होने पर गोबरी,पगना,बांका ठेंगश्रहा,गोसरी के भदराखार टोला,मोहल्ला में अचानक पहुंचकर ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर घरों के अंदर रखे तथा खेतों में लगे विभिन्न प्रजाति के अनाजों को अपना आहार बना रहे हैं, दोनों वन्यप्राणियों की निरंतर उपस्थित एवं विचरण के कारण क्षेत्र के साथ अनेको ग्रामों के ग्रामीण डरे एवं सहमे हुए हैं जिन्हें दोनों वन्यप्राणियों से निजात मिल सके का कोई उपाय नहीं सूझ रहा है, वहीं जिला प्रशासन एवं वनविभाग गश्ती दल का गठन कर ग्रामीण एवं ग्राम पंचायतो के जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ग्रामीणों को सतर्क एवं सावधान रहने के संबंध में मुनादी एवं अन्य माध्यमों से सजग कर रहे हैं, रात दोनों हाथियों ने गोबरी पंचायत के ठेंगरहा एवं भदराखार टोला,मोहल्ला में तीन ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ एवं 6 ग्रामीणों के खेतों में लगी सामग्रियों को अपना आहार बनाते हुए सुबह फिर से विगत 3 वर्षों से बना कर रखें रहवास स्थल गोबरी के जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं।

वयस्क बाघ को टाईगर रिजर्व मे छोड़ा, माँ की मौत के बाद किया गया था रेस्क्यू


उमरिया

जिले के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के बाड़े मे पल रहे बाघ को गत दिवस संजय गांधी टाईगर के जंगल मे छोड़ दिया गया। बताया गया है कि करीब दो साल पहले संजय टाईगर रिजर्व मे मां की मौत के बाद अपनी बहन के सांथ भटक रहे शावक को लाकर मगधी रेंज के बहेरहा बाड़े मे रखा गया था। पूरी तरह वयस्क हो जाने पर उसे वापस संजय गांधी टाईगर रिजर्व के मोहन रेंज मे छोड़ा गया। इससे पूर्व बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के उप संचालक प्रकाश कुमार वर्मा की उपस्थिति मे वन्यप्राणी चिकित्सकों एवं दल ने इस नर बाघ का सफलता पूर्वक रेस्क्यू किया। जिसके बाद उसे विशेष वाहन द्वारा संजय टाइगर रिजर्व सीधी रवाना किया गया। इस दौरान कई वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा डॉ. राजेश तोमर पशु चिकित्सक, संजय टाइगर रिजर्व सीधी की टीम एवं दीपक राज परिक्षेत्र अधिकारी मगधी विभागीय अमले के साथ उपस्थित थे।

उमरिया

जिले के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के बाड़े मे पल रहे बाघ को गत दिवस संजय गांधी टाईगर के जंगल मे छोड़ दिया गया। बताया गया है कि करीब दो साल पहले संजय टाईगर रिजर्व मे मां की मौत कद अपनी बहन के सांथ भटक रहे शावक को लाकर मगधी रेंज के बहेरहा बाड़े मे रखा गया था। पूरी तरह वयस्क हो जाने पर उसे वापस संजय गांधी टाईगर रिजर्व के मोहन रेंज मे छोड़ा गया। इससे पूर्व बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के उप संचालक प्रकाश कुमार वर्मा की उपस्थिति मे वन्यप्राणी चिकित्सकों एवं दल ने इस नर बाघ का सफलता पूर्वक रेस्क्यू किया। जिसके बाद उसे विशेष वाहन द्वारा संजय टाइगर रिजर्व सीधी रवाना किया गया। इस दौरान कई वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा डॉ. राजेश तोमर पशु चिकित्सक, संजय टाइगर रिजर्व सीधी की टीम एवं दीपक राज परिक्षेत्र अधिकारी मगधी विभागीय अमले के साथ उपस्थित थे।

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