एसएमएस यूनियन की एकता और संघर्ष के आगे झुका कालरी प्रबंधन मांनी सभी मांगे

*सभी खदानों में लोडरों को मिलेगा 15 से 20 लाख रुपए*


 अनूपपुर

कोयलांचल नगरी जमुना कोतमा क्षेत्र के श्रम वीरों की विभिन्न समस्याओं एवं मांगों को लेकर कोयला मजदूर  सभा संघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष श्रीकांत शुक्ला के नेतृत्व में श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर चल रहे अनशन के संबंध में महाप्रबंधक कार्यालय में  प्रबंधन द्वारा आज मीटिंग आहूत की गई, जिसमें प्रबंधन प्रतिनिधि के तरफ से अधिकारी व यूनियन के पदाधिकारी मुख्य रूप से शामिल हुए, मीटिंग सौहाद्र पूर्ण वातावरण में संपन्न हुई जिसमें मुख्य  रूप लोडरो की समस्या को मुख्यतया से रखा गया, जमुना कोतमा क्षेत्र में लगभग वर्तमान में 137 लोडर कार्यरत है, मुन्ना यादव एवं रवि साहू जो लोडर पद से माइनिंग सरदार के पद पर चयन उपरांत उनकी बेसिक काट दी गई थी, इसके लिए भी पूर्व में लंबी लड़ाई के पश्चात अथक प्रयास से कोयला मजदूर सभा संघ के अध्यक्ष श्रीकांत शुक्ला प्रयास के फलस्वरुप उनका बेसिक फिक्सेशन करवाकर  उनको लगभग 70-70 लाख एरियर का भुगतान कोयला मजदूर सभा संघ के प्रयास से दिलाया जा चुका था, किंतु एमजीबी का भुगतान  छोड़ दिया गया था उसका भुगतान नहीं किया गया था, किंतु कोयला मजदूर सभा संघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष शुक्ला ने श्रमिकों की पाई पाई एवं उनका हक उनको दिलाने के लिए पूर्ण रूप से संकल्पित है। मीटिंग में प्रबंधन से लंबी चर्चा उपरांत माह जनवरी के वेतन में एमजीबी को बेसिक में जोड़कर फरवरी माह में भुगतान किए जाने एवं एरियर   लगभग 15 से  20 लाख का भुगतान मार्च के वेतन के साथ जोड़कर अप्रैल माह में भुगतान करने की प्रबंधन के बीच सहमति हुई है, अन्य कई मुद्दों जैसे रामकेश का कार्य नहीं वेतन नहीं की निराधार पत्र के संबंध में वार्ता कर जल्द कमेटी बनाकर जांच उपरांत भुगतान किए जाने की सहमति बनी आज प्रबंधन ने सभी 12 सूत्रीय मांगों को ध्यान पूर्वक सोच विचार करके सभी मांगों में अपनी सहमति प्रदान करते हुए, श्रीकांत शुक्ला को आश्वस्त करते हुए सौहाद्र पूर्ण वातावरण में मीटिंग का समापन किया गया यह कोयला मजदूर सभा संघ के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों की बड़ी जीत है।

कुएं में गिरे 2 सांभर, वन विभाग ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला


उमरिया

जिले के बांधवगढ टाइगर रिज़र्व के पनपथा बफर क्षेत्र अंतर्गत सुखदास गांव में दो नर साम्भर देर रात कुंएं में गिर गए थे।  जिसकी खबर सुबह ग्रामीणों को लगी, जिसके बाद ग्रामीणों ने जिम्मेदार पार्क अधिकारियों को जानकारी दी। कुछ देर में ही पार्क टीम पनपथा बफर क्षेत्र पहुंच गई। बताया जाता है कि घटना स्थल कुंआ ज्यादा गहरा नही था, जिस वजह से कुंएं में गिरने के बाद से ही दोनों नर साम्भर बाहर निकलने काफी प्रयास करते रहे, पर दुर्भाग्य से नही निकल पा रहे थे, इस मशक्कत में दोनों साम्भर काफी थक भी गए थे, पार्क टीम मौके का मुआयना कर घटना स्थल पर जेसीबी मंगाई और कुंएं का ऊपरी सिरा गिरा दिया, जिसके बाद सहजता से दोनों साम्भर बाहर निकले और जंगल की ओर दौड़ लगाकर चले गए। इस तरह दोनो सांभर का सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया, बीटीआर क्षेत्र से जुड़े रहवासी गांव में ओपन कुंएं को लोहे के जाली आदि से ढकने की ज़रूरत है,ऐसी घटनाएं पूर्व में भी हो चुकी है,कई बार वन्य प्राणियों को बचा लिया गया है, कई बार ऐसी घटनाओं से वन्य प्राणियों की मौत भी हो चुकी है।

भगवद् गीता अर्जुन को युद्धभूमि में दी गई शिक्षा बस नहीं युवाओं को मिलती है शिक्षा- प्रशांत पाण्डेय


अनूपपुर

शिक्षक प्रशांत पाण्डेय ने बताया कि भगवद् गीता केवल अर्जुन को युद्धभूमि में दी गई शिक्षा नहीं है, युद्धभूमि में यह ज्ञान प्रदान करने का तात्पर्य है कि यह हर युग और हर व्यक्ति के लिए प्रासंगिक है। इसे शंखनाद के बाद कहा गया है, जो हर समय के लिए उपयुक्त है एवं मानव जीवन को नई दिशा देने का सामर्थ्य रखता है। विशेषकर आज की युवा पीढ़ी, जो कई मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक समस्याओं से जूझ रही है, उनके लिए भगवद्गीता अनेक लाभदायक समाधान प्रस्तुत करती है।

1. स्वधर्म पालन: गीता सिखाती है कि हर व्यक्ति को अपने कर्तव्यों को समझकर उसे पूर्ण निष्ठा से निभाना चाहिए।

2. समत्व भाव: सफलता और असफलता दोनों में समान दृष्टि रखना जीवन को संतुलित बनाता है।

3. स्वयं को पहचानें: आत्मा की पहचान और आत्म-साक्षात्कार जीवन के वास्तविक उद्देश्य को समझने में मदद करता है।

4. कर्मयोग: गीता सिखाती है कि फल की चिंता किए बिना अपना श्रेष्ठ कर्म करना चाहिए।

5. आध्यात्मिकता का महत्व: जीवन में भौतिक उपलब्धियों से परे आत्मिक शांति और संतोष आवश्यक हैं।

6. साहस और धैर्य: कठिन परिस्थितियों में साहस और धैर्य बनाए रखना सफलता की कुंजी है।

7. निर्णय लेने की क्षमता: गीता से युवाओं को जीवन में सही निर्णय लेने की प्रेरणा मिलती है।

8. संदेह से बचें: संदेह करने वाले व्यक्ति का जीवन अस्थिर रहता है; इसलिए विश्वास और श्रम से आगे बढ़ें।

9. कृष्ण भक्ति: श्रीकृष्ण की भक्ति युवाओं को आत्मिक शांति, आनंद और सच्चे प्रेम का अनुभव कराती है। यह भक्ति जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण और समर्पण की भावना लाती है।

10. आदर्श नेतृत्व: गीता से नेतृत्व के गुण सीखकर युवा समाज के प्रेरणास्रोत बन सकते हैं।

गीता केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि जीवन जीने की संपूर्ण कला है।

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