नीलकंठ इंफ्रा लिमिटेड बेरोजगार युवकों का पी रहा खून, मापदंड व माइनिंग एक्ट की कर रहा तेरही

*प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण का जीना हुआ दूभर, अधिकारियों पर लगे कई गंभीर आरोप*


अनूपपुर

साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड अनूपपुर जिले के जमुना कोतमा कोयलांचल क्षेत्र अंतर्गत आमाडाण खुली खदान में निजी कंपनी नीलकंठ इंफ्रा माइनिंग लिमिटेड केंद्र एवं प्रदेश सरकार व माइनिंग एक्ट की धज्जियां उड़ाकर खुले आम तेरही कर रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले के आमाडांण कोयला खदान के प्रभावित क्षेत्र टिमकी टोला, बरतराई ,निमहा,मझौली कुहका,भाद सहित अन्य दर्जनों टोला मजरा के हजारों रह वासियों का खुलेआम शोषण करने में उतारू है ।पहले प्रभावित क्षेत्र के किसानों का शोषण एसईसीएल कॉलरी प्रबंधन के अधिकारियों ने किया अब निजी कंपनी नीलकंठ इंफ्रा माइनिंग लिमिटेड क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं करा रहा है। जानकारी मिली है कि इस कंपनी में कार्यरत कई जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर भोले भाले ग्रामीणों के साथ बैठक कर बिना बताए कई दस्तावेजों में हस्ताक्षर करा लेते हैं इतना ही नहीं बेरोजगार युवकों को छोटे-छोटे काम देकर वेतन के नाम पर खुलेआम खून पीने में उतारू है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक आमाडांण से पयारी, भालूमाडा, आने वाले मुख्य मार्ग के बीचोंबीच खदान से कोयला एवं ओवी लेकर दौड़ रहे भारी वाहन आए दिन राहगीरों को मौत के घाट उतार रहे हैं इस कम्पनी के सैकड़ो  फर्राटे लगाने वाले भारी वाहनों में किसी तरह से सुरक्षा का पालन नहीं किया जा रहा जहां पर मुख्य मार्ग क्रॉसिंग है वहां बैरिकेड स्टॉपर नहीं रखे गए छोटे-छोटे बैरियर लगाकर दिखावा किया जा रहा है क्रॉस प्वाइंट में क्षेत्र के जो बेरोजगार युवक कार्य कर रहे हैं उन्हें किसी भी तरह से साधन सुविधा उपलब्ध नहीं कराया जाता, जमुना कोतमा सहित आमाडाण कालरी क्षेत्र में जन चर्चा है कि नीलकंठ इंफ्रा माइनिंग लिमिटेड में पदस्थ कई अधिकारी कर्मचारी क्षेत्र के बेरोजगारों से रिश्वत लेकर छोटे-मोटे पदों पर रोजगार दिला रहे हैं उन कर्मचारियों को कोल इंडिया,एसईसीएल एवं कलेक्टर दर पर प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी नहीं दिया जाता बल्कि बेरोजगार युवकों का शोषण किया जा रहा है। इस क्षेत्र के प्रभावित लोगों ने बताया है कि नीलकंठ इंफ्रा माइनिंग लिमिटेड के सैकड़ो भारी वाहन दौड़ लगाते हैं लेकिन कंपनी द्वारा पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा जिसके चलते धूल डस्ट से कई लोग अस्थमा एवं दमा के मरीज हो चुके हैं, इतना ही नहीं आमाडाण खुली खदान एवं मुख्य मार्गो के उड़ते धूल डस्ट के चलते क्षेत्र की पूरी फसल कुआं तालाब का पानी एवं सब्जी की खेती क्षेत्र के रहवासियों के मकान पूरी तरह से डस्ट से प्रभावित हैं, नीलकंठ इंफ्रा माइनिंग लिमिटेड के अधिकारी कर्मचारी आम जनता, छोटे-छोटे बच्चे एवं मवेशियों को मौत का न्योता दे रहे हैं यहां कार्य कर रही कंपनी आमाडाण खुली खदान के उत्तरी एवं पश्चिमी व दक्षिणी क्षेत्र पर बिना बैरिकेड बिना कांटा तार बाउंड्री के कॉलरी में कार्य कर रही है इतना ही नहीं खुलेआम ब्लास्टिंग भी किया जाता है ग्रामीणों ने बताया कि कांटा तार की बाउंड्री ना होने के चलते आए दिन पालतू जानवर खदान के नीचे गिरकर मौत के गाल में समा जाते हैं फिर भी नीलकंठ इंफ्रा मॉर्निंग लिमिटेड के जिम्मेदार अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सो रहे हैं आमाडाण खदान प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने जिले के संवेदनशील न्यायप्रिय कलेक्टर हर्षल पंचोली, पुलिस अधीक्षक मोतिउर रहमान से मांग किए हैं कि लापरवाह नीलकंठ इंफ्रा माइनिंग लिमिटेड की कार्यशाली की जांच करा कर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए जिससे क्षेत्र की जनता अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सके।

7 दिसंबर को लगेगा हेल्थ चेकअप कैम्प, कई प्रकार के बीमारियों का होगा नि :शुल्क जांच 


अनूपपुर

जिले के कोतमा नगर में किम्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल एवं आर.डी.एस. हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वाधान में विशेषज्ञ चिकित्सको द्वारा निःशुल्क हेल्थ चेकअप कैम्प जनरल एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जरी पेट, पित्त की थैली, किडनी, यूरेटर एवं ब्लेडर, बच्चेदानी, स्तन की गांठ, अपेंडिक्स, गाल ब्लेडर, प्रोस्टेट ग्रंथी थाइराईड, अमाशय एवं अग्नाशय संबंधी समस्याएं न्यूरो एवं स्पाईन सर्जरी एक्सीडेंट एवं ट्रामा, साइटिका, माइग्रेन, स्ट्रोक / लकवा, ब्रेन हेमरेज,मिर्गी,ब्रेन ट्यूमर,

वर्टीगो,मस्तिष्क रीढ़ की समस्या, मनोरोग,मान्सिक तनाव,मंदबुद्धी

सभी प्रकार के रोगों का नि : शुल्क चेकअप  07 दिसंबर शनिवार को सुबह 11:00 बजे से दोप. 02:30 बजे तक आर.डी.एस. हॉस्पिटल बंजारी चौक, रेउला रोड, कोतमा मे आयोजित किया जायेगा।

नागरिकों से अपील की गई है कि निशुल्क जांच कैंप में पहुंचकर लाभ उठायें ।

छात्रों के शिक्षा, नौकरी सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर छात्र, जयस व आदिवासी समाज का जन आन्दोलन

*विश्वविद्यालय के मुख्ये द्वार पर शांति पूर्ण धरना प्रर्दशन करते हुए किया घेराव*


अनूपपुर

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक में आदिवासी छात्रों के शिक्षा, नौकरी व उनके हितों सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आदिवासी छात्र संगठन, जयस संगठन, सर्व आदिवासी समाज का संयुक्त रूप से जन आन्दोलन विश्वविद्यालय के मुख्ये द्वार पर शांति पूर्ण धरना प्रर्दशन करते हुए घेराव करते हुए मांगों को पूर्ण करने तक बैठे रहने की चेतवनी दी हैं। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन समझौते के प्रयास में जुटा हैं। इस दौरान पुलिस चौकस हैं। शाम 6 बजे तक धरना जारी हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन नही दे रहा जबाब।

संगठनों ने अपने मांग पत्र में कहा हैं कि वर्तमान में चल रही शैक्षणिक और गैरशैक्षणिक भर्ती प्रक्रिया पर रोंक लगाते हुये उच्चस्तरीय जाँच कर अतिशीघ्र दोषियों पर कार्यवाही की जाय और जिन लोगों का नाम सोसल मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से प्रचारित है ऐसे अभ्यर्थियों की भर्ती प्रकिया पर विशेष जांच की जाय। विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु जिन कृषकों की भूमियां अधिगृहीत की गई थी, उन्हें मुआवजा व उनके परिवार के सदस्यों को नौकरी का लाभ दिया जाय। विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, भरिया, सहरिया के लिये विशेष कोटे का प्रावधान किया जाय ताकि इनको उच्च शिक्षा व रोजगार के अवसर मिल सकें। आदिवासी छात्र/छात्राओं को शिक्षा एवं नौकरी में 50: आरक्षण का प्रावधान किया जाय। कार्य परिषद की बैठकों की कार्यवृत्ति (मिनट्स) एवं रोस्टर रजिस्टर को विश्वविद्यालय की बेवसाईट पर अपलोड किया जाय। प्रवेश परीक्षा को सीयूईटी से बाहर रख अपने स्तर पर परीक्षा का आयोजन हो ताकि क्षेत्रीय विद्यार्थियों को प्रवेश का अधिक अवसर मिल सके। पीएडी प्रवेश परीक्षा (आरईटी) अतिशीघ्र सम्पन्न कराई जाय। सुरक्षा और मेनपावर सर्विसेस में काम कर रहे लोगों का प्रतिदिन की उपस्थिति और कंपनी व्दारा भुगतान हेतु विश्वविद्यालय में जमा की गई उपस्थिति पंजी का सत्यापित प्रतिलिपि प्रदान की जाय, तथा किसे पहली बार कब कान्ट्रैक्ट दिया गया और कब-कब किस आधार पर कान्ट्रैक्ट को नवीनीकरण किया गया, उसकी सत्यापित प्रतिलिपि प्रदान किया जाय। पिछले पांच साल में एलबीआई का मेस किस आधार पर चलाया जा रहा है तथा एलबाईआई भारत सरकार किस प्रोजेक्ट व्दारा संचालित है और किस काम के लिये दिया गया था, एवं फूड (है।) लायसेंस की कॉपी दी जाय एवं किस खाते में पैसा जमा किया जा रहा है आय-व्यय का विवरण दें। पहले से निर्मित नालियों को तोड़कर फिर से निर्माण किये जाने में कितनी राशि व्यय की गई तथा उन्हें बनाने की क्या आवश्यकता थी, इन पर खर्च के विवरण की जानकारी उपलब्ध कराने, विश्वविद्यालय द्वारा रूपये 2 करोड़ से अधिक की राशि व्यय करके 200 से अधिक कम्प्यूटर खरीदे गये इसके बावजूद भी सीयूईटी परीक्षा एवं गैर शैक्षणिक भर्ती प्रक्रिया परिसर में क्यों नहीं कराई गई, कारण बतायें।


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