ग्राम पंचायत पारित किया गया विवादित प्रस्ताव, 22 प्रतिशत कमीशन हुआ तय

*कमीशन की राशि नही मिलने पर, निर्माण कार्यो में नही करेंगे सहयोग*


अनूपपुर 

जिले की पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत सालारगोंदी में एक विवादास्पद प्रस्ताव पारित किया गया है, जो अब चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्राम पंचायत की मासिक बैठक में उपसरपंच सोनिया बाई ने प्रस्ताव रखा कि शासकीय कार्यों में से प्रत्येक कार्य पर 5% की राशि पंचों को दी जानी चाहिए। सरपंच विक्रम प्रसाद ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि हर कार्य में 10% का कमीशन लिया जाएगा।

*कमीशन हुआ तय*

बैठक में उपसरपंच ने प्रस्ताव रखा कि सरकारी राशि का कमीशन 7% उपसरपंच के लिए, 10% सरपंच के लिए और बाकी पंचों के लिए 5% निर्धारित किया जाए। इस प्रस्ताव के अनुसार, यह कमीशन राशि शासकीय कार्यों में बंटवारा कर दी जानी चाहिए। यदि यह राशि नहीं दी जाती है, तो ग्राम पंचायत के कार्यों में सहयोग नहीं किया जाएगा।

*वित्तीय लाभ न मिलनेव से असंतुष्ट*

ग्राम पंचायत सचिव जयंती पनाडिया ने इस प्रस्ताव को गैरकानूनी और गलत ठहराया। इसके कारण सरपंच और अन्य पंचों ने सचिव के खिलाफ जिला पंचायत सीईओ के पास झूठी शिकायत की। सचिव जयंती पनाडिया ने मीडिया के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि उनके नियमानुसार कार्य करने के कारण सरपंच और पंचों को वित्तीय लाभ नहीं मिल पाता है, जिससे वे असंतुष्ट हैं और लगातार उन पर दबाव बनाते हैं। सचिव ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी भी अवैध प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया है और नियमानुसार सभी कार्यों को करने का प्रयास किया है।

*निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा*

सचिव जयंती पनाडिया ने बताया कि उनकी नियुक्ति के बाद शौचालय निर्माण का कोई नया प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किया गया है, क्योंकि पिछले सचिव और सरपंच के कार्यकाल में लाभार्थियों को शौचालय निर्माण का लाभ मिल चुका था। उन्होंने कहा कि सामुदायिक शौचालय और सीसी रोड के निर्माण के लिए प्रस्ताव जनपद में भेजा गया है, और स्वीकृति मिलने के बाद कार्य शुरू होगा।

*ग्राम पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवाल*

शिकायत में दूसरे सचिव सुरेंद्र मिश्रा के दखल के संबंध में, सचिव जयंती पनाडिया ने कहा कि सुरेंद्र मिश्रा, जो सीनियर सचिव हैं और पहले इसी पंचायत के सचिव रह चुके हैं, से कभी-कभी कार्यों को नियमानुसार पूरा करने के संबंध में सलाह ले लेती हैं। यह सलाह केवल काम को सही तरीके से करने के लिए होती है, लेकिन सरपंच और पंचों को यह पसंद नहीं आता, क्योंकि इससे उनके वित्तीय हित पूरे नहीं हो पाते हैं।

यह घटना ग्राम पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती है और प्रशासन को भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अधिक सख्त कदम उठाने की आवश्यकता बताती है। सचिव जयंती पनाडिया का कहना है कि वह केवल नियमों के अनुसार कार्य कर रही हैं और इसके लिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।

शादी का झांसा देकर नाबालिग से युवक 5 महीने तक बनाता रहा संबंध, आरोपी गिरफ्तार

*2 माह का गर्भ ठहरने पर आरोपी उसे छोड़कर हुआ था फरार*


शहडोल 

जिले से नाबालिग किशोरी से दुराचार का मामला सामने आया है. जहां एक युवक ने किशोरी को शादी को झांसा देकर दुराचार किया. जब किशोरी 2 महीने की प्रेग्नेंट हुई तो उसने शादी से इंकार कर दिया, जिससे आहत होकर किशोरी महाराष्ट्र चली गई. जिसे पुलिस ने दस्तयाब कर लिया है और इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

धनपुरी थाना क्षेत्र में 15 साल की किशोरी का 26 वर्षीय लखन सिंह गोंड ने शादी का झांसा देकर 5 महीने तक दुराचार करता रहा. 3 नवंबर को वह किशोरी को उसके घर से भगा ले गया और दुराचार किया. जब उसे पता चला की किशोरी 2 महीने की प्रेग्नेंट है तो वह उसे वापस उसके घर के पास छोड़ दिया और वह गोंदिया (महाराष्ट्र) चली गई।

इधर, परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, उधर, महाराष्ट्र में किशोरी को अकेले देखकर जीआरपी ने पूछताछ की और बाल कल्याण समिति (बाल संप्रेक्षण ग्रह) गोंदिया के हवाले कर दिया, इसके बाद समिति के लोगो ने किशोरी के संबंध में धनपुरी पुलिस से संपर्क कर किशोरी को उनके हवाले कर दिया, जब युवती धनपुरी आई तो उसने पुलिस और परिजनों को आप-बीती सुनाई।

पीड़िता के शिकायत पर पुलिस ने आरोपी लखन सिंह गोंड के खिलाफ कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया और उसे धर दबोचा। थाना प्रभारी ने बताया कि एक नाबालिग के साथ शादी का झांसा देकर दुराचार का मामला सामने आया था, किशोरी के 2 माह का गर्भ ठहरने पर आरोपी उसे छोड़कर भाग गया। पीड़िता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार के न्यायालय पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

एसईसीएल व नीलकंठ कंपनी से प्रभावित किसान, मजदूरों की समस्याओं पर युवा कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन

*धरना, प्रदर्शन कर जीएम ऑफिस का किया घेराव, मांगे पूरी नही हुई तो होगा चका जाम*


अनूपपुर

जिले के एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र अंतर्गत अमाडांड खुली खदान में माइनिंग का कार्य कर रही नीलकंठ कंपनी द्वारा कम्पनी में कार्यरत श्रमिकों को कोल इंडिया की हाई पावर व ज्वाइंट कमेटी के अनुसार वेतन, अन्य सुविधायें, स्थानीय युवाओं को रोजगार प्रदान न किए जाने तथा माइनिंग क्षेत्र के प्रभावित किसानों की समस्या के विरोध में युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष गुड्डू चौहान के नेतृत्व में एस ई सी एल जी एम ऑफिस जमुना कोतमा क्षेत्र का घेराव कर जी एम जमुना कोतमा क्षेत्र को ठेका श्रमिकों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा गया। 

ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि ठेका कंपनी नीलकंठ में प्रभावित भूमि स्वामित्व व ग्रामीण किसान परिवार से बेरोजगार लोगो को इनके योग्यता अनुसार 80 प्रतिशत रोजगार दिया जाये। ठेका कंपनी नीलकंठ गाईनिंग लिमिटेड में कार्यरत सभी श्रमिको को कोल इण्डिया हाई पावर व ज्वाईंट कमेटी के नियमानुसार वेतन भत्ता (एच पी सी रेट) व अन्य सुविधाये प्रदान की जाये। ठेका कंपनी के सभी श्रमिको को हाजरी बायोमेट्रिक मशीन के द्वारा लिया जाये। ठेका कंपनी में काम करने वाले सभी श्रमिको को प्रत्येक माह की पेमेंट स्लिप प्रदान किया जाये, जिससे कि उनको अपना प्रतिदिन का बेसिक पेमेंट पता चल जाये। समी ठेका मजदूरो को पेमेंट प्रतिमाह 10 तारीख के अंदर दिया जाये, यदि 10 तारीख के अंदर पेमेंट नहीं दिया जाता है तो 11 वे तारीख को ड्राईवर और ऑपरेटर अपना काम बंद कर देंगे, इससे एसईसीएल व नीलकंठ कंपनी को जो भी क्षति पहुंचेगी उसकी जवाबदारी ठेका कंपनी नीलकंठ की होगी। ठेकेदार कंपनी द्वारा ड्राईवर आपरेटर सुपर वाईजर हेल्पर सिक्योरटी गार्ड को छोटी-छोटी गलती के कारण ड्यूटी से निकाल दिया जाता है या उनकी नौकरी ही खा ली जाती है, तो ठेकेदार कंपनी से अपील है कि ऐसा न किया जाये, बल्कि इस पे ध्यान दिया जाये। ठेकेदार कंपनी के द्वारा शासकीय अवकाश के दिन ड्यूटी कराने पर डबल हाजरी व रेस्ट करने पर सिंगल हाजरी दिया जाये। ठेका कंपनी नीलकंठ में बाहर सो बुलाकर वर्कर से पैसे लेकर कंपनी में भर्ती किया जा रहा है, और यहां के ग्रामीण व क्षेत्रीय लोगो के लिये नीलकंठ कंपनी में जाते हैं तो उन्हे 01 सप्ताह बाद आना 15 दिन बाद आना वादे पर वादा देकर वापस घर भेज दिया जाता है, और उनको भर्ती में नहीं लिया जाता। ठेकेदार कंपनी नीलकंठ में जो बाहर से आये हुये आपरेटर को कंपनी द्वारा एचपीसी रेट लगभग 1400/- रूपये दिया जाता है और जो कुछ ग्रामीण व क्षेत्रीय लोग कंपनी में कार्यरत है, उन्हें 500/- रुपए की दर से भुगतान किया जाता है, ऐसा कर उनके साथ हो रहे शोषण को बंद किया जाना चाहिये। उदाहरण हेतराम चौधरी, प्रकाश पाण्डेय, दीपक पांडेय के द्वारा दिनांक 21/06/24 को गाली-गलौज कर कंपनी द्वारा उनकी ड्यूटी बंद कर दिया जाता है, क्योंकि ये चुकान गांव से था, फिर दुबारा बाहर से आये डाईवर से यही बर्ताव कर उसकी ड्यूटी बंद कर दी जाती है। ठेका कंपनी के द्वारा पेमेंट क्षेत्रीय लोगो को कम देने पर पूछा गया तो ग्रामीणो के डाईवरो को उन्हें नौकरी से निकाल देने और झूठे आरोप लगाकर एस ई सी एल का इतना नुकसान किया है कहकर नौकरी से निकाल दिया जाता है। ठेका कंपनी नीलकंठ के द्वारा जो भी क्षेत्रीय ग्रामीणो को 500 से 700 के रेट से पेमेंट किया गया है, और शेष जो भी बचा है, उसे एरियस के रूप में भुगतान किया जाना चाहिये। ठेका कंपनी नीलकंठ के द्वारा जो एसईसीएल के नियमानुसार संडे पर ड्यूटी करने पर डबल हाजरी व रेस्ट करने पर सिंगल हाजरी का प्रावधान है. उसी नियम के तहत दिया जाना चाहिये। ठेका कंपनी नीलकंठ जो कि शालाना बोनस बनता है, व वर्कर के ड्यूटी के हिसाब से दिया जाना चाहिये। ठेका कंपनी नीलकंठ के द्वारा जो भी एस ई सी एल के नियम के अनुसार जो भी 01 वर्ष में सीक लीव सी एल बिल बनता है, उसे अपने वर्कर को प्रदान करे। 

           इन सभी बिन्दुओं के निराकरण के हेतु पूर्व मे आमाडांड सब एरिया साहब को ज्ञापन दिया गया था जिसके कुछ दिन बाद आपसे आपके आफिस में भेंट कर इस पत्र के एक एक बिन्दुओं पर चर्चा भी कि गई थी परंतु आज दिनांक तक हमारे ज्ञापन पर आपसे हुई चर्चा पर तथा हमारी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया न कोई पहल कि गई साफ तौर पर यह वादा खिलाफी और अनदेखी है जिससे यह प्रतीत होता है कि आपको केवल अपने कार्य क्षेत्र मे उत्पादन से ही मतलब है कार्य क्षेत्र की जनता के प्रति कोई जवाबदेही जिम्मेदारी नहीं है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। 

          अंत में निवेदन करते हुए लेख किया कि हमारी समस्त मांगों सभी बिन्दुओं पर एक सप्ताह के भीतर निराकरण करने की कृपा करें। अन्यथा हमे धरना प्रदर्शन घेराव चक्काजाम आंदोलन का रास्ता अपनाने मे विवश होना पड़ेगा जिसकी संपूर्ण जवाबदारी आपकी यानि एसईसीएल एवं नीलकंठ कंपनी की होगी। ज्ञापन का वाचन जिला कांग्रेस संगठन मंत्री मनोज मिश्रा ने किया। ज्ञापन सौंपने में युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष गुड्डू चौहान के साथ पूर्व विधायक मनोज कुमार अग्रवाल, जिला संगठन मंत्री मनोज मिश्रा, किसान नेता पदुम चंद्रा, इंटक अध्यक्ष संजय पटेल, कार्यवाहक अध्यक्ष मोहन पाव एवं प्रभावित क्षेत्र के सरपंच, उपसरपंच, किसान, तथा भारी संख्या में ठेका मजदूर, स्थानीय बेरोजगार युवा मौजूद रहें।

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