अभाविप ने विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमिताओं के विरोध में कुलसचिव को सौंपा ज्ञापन


शहड़ोल

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शहडोल द्वारा विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमिताओं के विरोध में कुलसचिव डॉ आशीष तिवारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देते हुए विश्वविद्यालय अध्यक्ष नवनीत शर्मा द्वारा मांग की गई कि, विश्वविद्यालय के दोनों कैम्पस में ना तो पेयजल व्यवस्था है शीघ्र वॉटर कूलर एवं प्रसाधन की व्यवस्था की जाय, विश्वविद्यालय के दोनों कैम्पस के गर्ल्स कॉमन रूम को व्यवस्थित किया जाय एवं सेनेटरी वेंडिंग मशीन लगाई जाए, विश्वविद्यालय में चलाई जा रही बसों की संख्या बढ़ाई जय तथा विश्वविद्यालय के खेल विभाग में खेल सामग्री उपलब्ध कराई जाए और बाहर खेलने जाने वाले छात्रों को खेल भत्ता दिया जाय, विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में नवीन शिक्षा नीति की पुस्तके उपलब्ध नहीं हैं, शीघ्र पुस्तक मंगवाई जाय, एवं शहडोल कैम्पस में भी पुस्तकालय का संचालन किया जाय, विश्वविद्यालय के दोनों कैम्पस में वाईफाई लगवाए जाएं, विश्वविद्यालय में अकादमिक कैलेंडर का पूर्णतः पालन कराया जाय, एवं छात्र छात्राओं को आईडी कार्ड शीघ्र प्रदान किया जाय, विश्वविद्यालय के मैदान और पानी टंकी की सफ़ाई कराई जाए, विश्वविद्यालय के दोनों कैम्पस में कैंटीन प्रारंभ किया जाय, विश्वविद्यालय के शहडोल कैम्पस में आईटी सेल एवं परीक्षा विभाग का काउंटर प्रारंभ किया जाय विश्वविद्यालय के नवलपुर कैम्पस में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए, उक्त ज्ञापन में अभाविप की समस्त मागों को सात दिन में पूर्ण करने का आग्रह किया गया, एवं मांग पूरी न होने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी भी दी। ज्ञापन सौंपते समय विभाग संगठन मंत्री सावन सिंह, जिला संयोजक अखिलेश सिंह, विकासार्थ विद्यार्थी संयोजक सौरभ द्विवेदी सुबोधिनी शुक्ला, अमन त्रिपाठी, अब्दुल कादिर, शिवम वर्मा, अंजली पांडे, शुभी मिश्रा, राघवी पांडेय, निहारिका विश्वकर्मा, रितेश मिश्रा, उदय गुप्ता व छात्र छात्राएं एवं पर परिषद के कार्यकर्ता उपस्थित रहें।

हिरौली में रेस्क्यू किये गए तेंदुवा की इलाज के दौरान मुकुंदपुर में हुई मौत


उमरिया 

जिले के मानपुर परिक्षेत्र के खोरही बीट में रेस्क्यू कर कब्जे में लिया गया दो से ढाई साल के तेंदुवे की दुखद मौत की खबर मिल रही है।सूत्रों की माने तो रेस्क्यू के बाद पार्क प्रबन्धन तेंदुवे को ताला लाया था,जहाँ वन्य प्राणी चिकित्सकों की मदद से चिकित्सकीय उपचार किया जा रहा था,परन्तु अपेक्षाकृत स्वास्थ्य सुधार न होता देख तेंदुवे को भोपाल स्थित उच्च अधिकारियों के निर्देश पर मुकुंदपुर ले जाया गया था,परन्तु इलाज के दौरान कुछ ही घण्टे में तेंदुवे की मौत हो गई,इस दौरान वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ वैभव मौजूद रहे।विदित हो कि मृत तेंदुवा तीन वन कर्मियों समेत करीब 10 लोगों पर हमला किया था,जिसमे कई तो अभी भी इलाजरत है।कुल मिलाकर मानपुर परिक्षेत्र के हिरौली गांव में इन घटनाओं के दृष्टिगत लोगो मे जमकर दहशत रही है,तेंदुवे के इस अप्राकृतिक स्वभाव को देखते ये कयास लगाए जा रहे थे कि तेंदुवा रेबीज नामक बीमारी से ग्रस्त रहा होगा,हालांकि कुछ ही हफ्तों में 11 हाथियों की मौत के बाद तेंदुवे की मौत वन्य प्राणी प्रेमियों एवम पार्क प्रबन्धन के लिए गहरा सदमा है। देखना होगा विश्व विख्यात नेशनल पार्क बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व के वन्य प्राणियों को सुरक्षा देने में नवांगत फील्ड डायरेक्टर अनुपम सहाय कौन सा नया कदम उठाते है।हालिया दिनों में जिस तरह वन्य प्राणी के हमले और उनकी मौतों की खबर लोकल और राष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बनी रही है,उन्हें फिर से पटरी पर लाना शायद नवांगत फील्ड डायरेक्टर के लिए चुनोती होगा।

4 दिनों से लापता आशीष का जोहिला नदी में मिला शव, सोसाईट नोट जब्त

*सोसाइट नोट में अनगिनत सवाल, पुलिस कर रही है पूरे मामले की जांच*


इंट्रो- राजेन्द्रग्राम के वरिष्ठ पत्रकार यदुवंश दुबे वा उनकी पत्नी पर हुए हमले के तीन दिन बाद उनके बड़े नाती आशीष दुबे का पानी में डूब कर मौत हो जाना, मृतक के चाचा को उसके कमरे से सोसाईट नोट मिलना, जिसमें पिता की मौत के बाद मॉ, दादा-दादी वा भाईयों का रोना, दादा के चिड़चिड़ेपन की आदत से परेशान होना, पिता की मौत के बाद से अपनी दुनिया को खत्म करना, ये सब अपने मन में रखते हुए 18 वर्षीय आशीष दुबे ने पानी में डूब कर आत्महत्या कर लिया। फिलहाल पुलिस यदुवंश दुबे पर किए गए हमलवारों को ढूंढने तथा आशीष की आत्महत्या के कारणों की जांच में जुटी हुई है। अब देखना है कि पूरे मामले में पुलिस किस छोटे-छोटे पहलु पर नजर रखकर दोनो ही मामलो का खुलासा करती है।

अनूपपुर

राजेन्द्रग्राम के वरिष्ठ पत्रकार यदुवंश दुबे वा उनकी पत्नी पर 5 नवम्बर की दरम्यिानी रात 2 बजे दो नाकाबपोश द्वारा घर में घुसकर धारदार हथियार से हमला कर दिया, जिसके बाद पूरे मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 115(2), 331(6)बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया है, जिसमें कई संदिग्धों से पूछताछ भी जारी है। घटना के तीन दिन बाद 8 नवम्बर की रात लगभग 8.30 बजे वरिष्ठ पत्रकार यदुवंश दुबे का 18 वर्षीय नाती आशीष दुबे पिता स्व. अनिल दुबे के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जहां 11 नवम्बर की दोपहर लगभग 12.30 बजे राजेन्द्रग्राम रेस्ट हाउस के पीछे जोहिला नदी में उसका शव तैरता गया। सूचना के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक मोती उर्र रहमान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इसरार मन्सूरी सहित एसडीओपी एवं राजेन्द्रग्राम पुलिस मौके पर पहुंच कर घटना स्थल का निरीक्षण करते हुए पंचनामा तैयार करते हुए शव को पीएम के लिए राजेन्द्रग्राम अस्पताल भेजा गया, जहां पीएम उपरांत शव परिजनों को सौंपते हुए पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच में जुट गई है। 

*चाचा अमित दुबे को मिला सोसाइट नोट*

मामले की जांच के दौरान मृतक के चाचा अमित दुबे को आशीष के कमरे में एक सोसाईट नोट मिला, जिसे मृतक के चाचा ने उक्त सोसाईट नोट पुलिस को दिया गया, जहां पुलिस ने उक्त 6 पेज के सोसाईट नोट को जब्त कर लिया गया है। सोसाईट नोट में आशीष दुबे ने अपने पिता स्व. अनिल दुबे की मृत्यु के बाद घर के बिगड़े महौल से काफी परेशान था। सोसाईट नोट मिलने के बाद आशीष दुबे ने स्वयं अपनी आत्महत्या किए जाने के कारणों का लेख किया गया है। पूरा मामला जो अपने पिता की मौत के बाद से पूरे घर का माहौल बिगड़ जाने तथा घर में छोटी मोटी बातों को लेकर हो रही लड़ाईयों से काफी परेशान होना तथा कई बार आत्महत्या का प्रयास करना लेख है। इतना नही नही आशीष ने पापा के जाने के बाद अपने आप को परिवार से दूर जाने की सोच रखते हुए सोसाईट नोट लिख कर आत्महत्या करने का मामला पूरे अनूपपुर जिले के लिए हैरान वा चकित कर देने वाला है। पुलिस द्वारा बताया गया कि जब्त उक्त सोसाईट नोट के जांच के लिए उसे हैंडराईटिंग एक्सपर्ट के पास भेजा जाएगा। 

*दादा-दादी पर हुए हमले पर सबूत से छोड़छाड़*

सोसाईट नोट में दादा-दादी, मम्मी और छोटे भाईयों को रोते देखकर मुझसे सहा नही जाने, मुझसे कोई नाता नही रखने तथा मुझे मेरी गलतियों की सजा मिले, इसलिए मेरे द्वारा अपने दादा-दादी पर हुए हमले के हर सबूत को अपनी ओर कर दिया, जिससे पुलिस मुझे टॉर्चर कर मार डाले। सोसाईट नोट में आशीष ने लिखा की सबसे पहले मैने कैंची और चाकू छुआ, जिससे मेरे निशान और डीएनए आ जाए। कैंची को मैने पोछा था, मेरा गोल्डल शर्ट जिसे मैने पहला था उसके हाथ का बटन तोड़ कर फेंका था। शर्ट को गायब करना तथा मेरे चेहरे पर निशान आना तथा हाथ पर कट का निशान सब मैने जानबुझकर किया था। कपड़े में गांठ बांधकर उसमें खून लगाकर उसे मैने ही सार जाने वाली गली में फेंका था। ब्लेड से अजीबों गरीब कट लगाए जिससे शक मेरे ऊपर आये। ये सब मैने तब किया जब पूरा परिवार अस्पताल और चाचा के घर चले गये थे, जब वारदात वाली जगह 1 घंटे अकेला था। सोसाईट नोट में उसने अपने दादा-दादी पर हमला करने वाले लोग पकड़े जाने चाहिए, जो दोनो लोग पीछे से स्कूटी से भागे थे।

*रिश्तेदारों के कारण हुई पापा की मौत*

सोसाईट नोट में लिखा गया कि सबसे बड़ी जी का जंजाल रिश्तेदारी है, जितना परेशान बाहर के लोग नही करते उतना रिश्तेदार ही उनका काम कर देते है। कब तक चुप रहॅू, पापा की मौत भी इन्ही रिश्तेदारों के वजह से हुई है। जहर खाया था उन्होने, एक ही बार में सभी से छुटकारा पा लिया। मेरे नजर में उन्होने अच्छा किया, कम से कम इतना लोगो से चार बाते सुनने से अच्छा है की एक ही बार में सभी से छुटकारा पा जाओं। मै होता तो काई रिश्तेदार मेरे घर में कदम तक नही रखने देता। उसने अपने सेन्दुरी और शहडोल वाले लोगो पर घर के नाश वा टार्चर का कारण बताया। जिसके बाद मैने 3-4 महीने से किसी रिश्तेदार को अपने से फोन लगाना बंद कर दिया। 

*सोसाईट नोट पुलिस ने किया जब्त, जांच जारी*

पूरे मामले में पुलिस को आशीष द्वारा लिखे गए सोसाईट नोट उसके घर से मिले, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। वहीं पुलिस ने सभी पहलुओं पर नजर रखे हुए है। इसके साथ ही यदुवंश दुबे पर हुए हमलावरों की पतासाजी की जा रही है। पुलिस द्वारा बताया गया कि जब्त उक्त सोसाईट नोट के जांच के लिए उसे हैंडराईटिंग एक्सपर्ट के पास भेजा जाएगा।

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