रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन करने पर पुलिस ने ट्रैक्टर किया जप्त


अनूपपुर

जिले के केवई नदी पचखूरा घाट में कुछ लोग ट्रेक्टर से अवैध रेत उत्खनन कर परिवहन कर रहे हैं सूचना पर हमराह पुलिस स्टाफ के मौके से जाकर रेड कार्यवाही की गई तो  में एक लाल रंग का मैसी कम्पनी का बिना नंबर का ट्रेक्टर का चालक  रेत लोड कर परिवहन करते पाया गया चालक से नाम पता पूछने पर अपना नाम राजेंद्र प्रसाद कोल पिता केमला कोल उम्र 27 साल निवासी खमरौंध थाना कोतमा का होना एवं  ट्रेक्टर के स्वामी विनोद केवट के कहने पर केवई नदी पचखूरा घाट से चोरी से रेत निकाल कर लोड़कर परिवहन करना बताया जिनके कब्जे से एक लाल रंग का ट्रेक्टर बिना नंबर मैसी कम्पनी  व ट्राली में अवैध रेत लोड कुल मशरूका 5,53000/- रूपये का जप्त कर  आरोपी चालक राजेंद्र प्रसाद कोल पिता केमला कोल उम्र 27 साल निवासी खमरौंध थाना कोतमा एवं ट्रैक्टर मालिक विनोद केवट के खिलाफ धारा 303(2),317(5) बी एन एस एवं 4/21 खान एवं खनिज अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया । 

 राष्ट्रीय राजमार्ग 43 कार व मोटरसाइकिल की टक्कर, 2 युवक गंभीर घायल


शहडोल

जिला मुख्यालय शहड़ोल से बुढार की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 पर अभी से कुछ देर पहले हुई सड़क दुर्घटना में दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए वही दुर्घटना में कार चालक महिला को कोई चोट नही आने की खबर है बताया गया कि बुढार स्थित नेहरू डिग्री कॉलेज की प्रिंसिपल  कॉलेज से छुट्टी होने के बाद अपने गृह नगर शहडोल आ रही थी कार को महिला अधिकारी ही चला रही थी इसी दौरान बुढार थाना अंतर्गत लालपुर में मजार के कुछ आगे शहडोल की तरफ से आ रहे दो युवक अनियंत्रित होकर कार से टकरा गए यह भी बताया गया कि बाइक अनियंत्रित थी और युवक उसे लापरवाही पूर्वक चला रहे थे।

प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि बाइक सवार विपरीत दिशा में बाइक को चल रहे थे और इसी कारण यह दुर्घटना हुई दोनों युवक बाइक सहित कार के किनारे के हिस्से में जा घुसे जिससे उन्हें गंभीर चोटें आई स्थानीय लोगों ने तत्काल ही सड़क से जा रहे  वाहन में घायलों को सवार करके शहडोल अस्पताल रवाना कर दिया है दुर्घटना में घायल युवकों की शिनाख्त नहीं हो सकी है इधर भी सड़क में हुई दुर्घटना के कारण सड़क के दोनों तरफ काफी जाम की स्थिति निर्मित हो गई थी जिसे स्थानीय लोगों ने वाहन किनारे करके मार्ग को दुरुस्त किया खबर मिलने के बाद बुढार पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और काफी देर से बंद मार्ग को खुलवाया गया आगे की जानकारी प्रतीक्षित है।

नवरात्रि में जगह जगह सजा मातारानी का दरबार, पूजा अर्चना कर भक्त ले रहे हैं आशीर्वाद

*धूमधाम से मनाया जा रहा है नवरात्रि, माता रानी के नौ स्वरूपों की होती हैं पूजा*


अनूपपुर

जिले के राजेन्द्रग्राम में शारदीय नवरात्रि में जगह जगह मातारानी का दरबार सज गया पूरा नगर जगमगा कर माता के भक्ति भाव मे डूबा हुआ है सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति के द्वारा मेन मार्केट में दुर्गा माता की विशाल प्रतिमा स्थापित कर मातारानी की झांकी सजाई गई जिसे देखने पहले ही दिन से भक्त जनों की भीड़ उमड़ पड़ी जिसमे संध्या आरती के पश्चात मऊगंज से आये प्रसिद्ध रामलीला का पाठ किया जा रहा है जिसे देखने आस पास के ग्रामीण बड़े ही श्रद्धा भाव से पहुँच रहे हैं।

 *स्थापित हुई माता जग जननी*

पीडब्लूडी वार्ड नं0 05 पटवारी कालोनी सिविल लाइन किरगी बसनिहा आवास कालोनी शिवरीचंदास जोहिला तट पर स्थापित नगर की प्राचीन जगत जननी माँ दुर्गा मंदिर सहित समूचे क्षेत्र में आस पास सभी गांव में विधि विधान से माता रानी की स्थापना कर बड़े ही श्रद्धा भाव से मातारानी की 9 दिन की सेवा कर सुबह शाम आरती जस गीत गाकर माता के भोग के बाद प्रसाद वितरण किया जाकर नौवे दिन हवन के बाद कन्या भोज के साथ भंडारे का आयोजन के साथ बाजे गाजे के साथ मातारानी को विसर्जित किया जाता है। जहाँ दर्शन प्राप्त करने सुबह शाम श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है।

*बस स्टैंड में विराजेगी माता काली*

विगत 04 वर्षों से अनवरत बस स्टैंड राजेन्द्रग्राम में आयोजक मंडली माँ काली उत्सव समिति द्वारा 1 माह पूर्व से  साज सज्जा की तैयारी में जुट जाते है बहुत ही लगन और श्रद्धा भाव से मातारानी के आयोजन सफल बनाते है मातारानी की विशाल झांकी आकर्षक का केंद्र बनती है जिसे देखने समूचे क्षेत्र से भक्त गण अपनी अपनी अरजी लेकर माता के दरबार पहुँचते है आसपास का पूरा क्षेत्र भक्ति भाव मे लीन हो जाता है 03 अक्टूबर नवरात्रि शारदीय को ही कलश एवं जावरा अखंड ज्योति स्थापना कर माँ चंडी का पाठ आरम्भ कर दिया गया 09 अक्टूबर सप्तमी के दिन होगी काली माता की स्थापना 10 को कन्या भोज एवं महाअष्टमी 11 को पूर्णाहुति एवं महा आरती 12 अक्टूबर दशहरा को खप्पर आरती महारात्रि पूजन आरती 13 एकादशी को महा आरती एवं गरबा नृत्य कार्यक्रम एवं 14 अक्टूबर द्वादशी को ढोल नगाड़े के साथ मातारानी का विसर्जन होगा।

*9 स्वरूपों के लिए होती है समर्पित*

हिंदू धर्म में नवरात्र की अवधि पूर्ण रूप से मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के लिए समर्पित मानी जाती है। नवरात्र को लेकर यह माना जाता है कि इस अवधि में माता रानी का धरती पर आगमन होता है और वह अपने भक्तों का उद्धार करती हैं। इस दौरान साधक माता रानी के नौ स्वरूपों की भक्ति-भावना के साथ पूजा-अर्चना कर उनकी कृपा प्राप्त करता है। साथ ही यह वह समय भी है, जब ऋतु में परिवर्तन आता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी साधक श्रद्धाभाव के साथ नवरात्र के व्रत और पूजा करता है, उसके सभी दुख-विपत्ति दूर होते हैं।

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