बुजुर्ग ने नाबालिक से जंगल में ले जाकर किया दुष्कर्म, बच्ची को जंगल में छोड़ भागा आरोपी


शहडोल 

जिले में 69 साल के बुजुर्ग की हैवानियत का मामला सामने आया है जो चौंका देने वाला है। आप है कि बुजुर्ग ने नाबालिक अपने साथ जंगल ले गया घटना को अंजाम दिया है, नाबालिक बच्ची बुजुर्ग झांसे में आ गई, आरोपी वाला फुसला कर नाबालिक को जंगल में ले गया और दुष्कर्म किया। जंगल में वारदात को अंजाम देने के बाद बुजुर्ग आरोपी नाबालिक के छोड़कर भाग गया, बच्ची ने घर पहुंच कर परिजनों को आपबीती सुनाई जानकारी लगने के बाद परिजनों को पैरों तले जमीन खिसक गई बच्ची को लेकर फौरन थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया है, घटना की जानकारी लगने पर लोग आपको सूचित हो गए लोगों ने थाने का घेराव पर प्रदर्शन शुरू किया प्रदर्शनकारी आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करें और पीड़िता को इंसाफ दिलाने की मांग की है। आपको बता दें कि शहडोल में 10 दिन पहले ही एक आदिवासी यूपी के साथ जिंदगी की घटना सामने आई थी, बुढार थाना प्रभारी संजय जायसवाल के अनुसार आरोपी सौारभ उर्फ रवि तिवारी झांसा देकर 26 वर्षीय युवती के साथ 2021 से लगातार शारीरिक संबंध बनाता रहा।

पशु चिकित्सा अधिकारी को नही जिमेदारी का एहसास बजती रही फ़ोन की घंटी रहे बेखबर


अनूपपुर

इंट्रो= कहने के लिए तो डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है चाहे वह किसी भी विभाग के डॉक्टर ही क्यों ना हो लेकिन जब वही डॉक्टर अपनी जिम्मेदारियो का निर्वहन न करते हुए सिर्फ पैसे कमाने की होड़ में लग जाए तो कहा जा सकता है कि इनके लिए सिर्फ और सिर्फ पैसा ही सब कुछ हो चुका है।

अनूपपुर

रात में नगर परिषद डोला क्षेत्र अंतर्गत नेशनल हाईवे एनएच 43 कुल्हड़ ढाबा के समीप किसी अज्ञात वाहन ने पशु को चोटिल कर चलता बना। जिसे मनेंद्रगढ़ से चलकर बिजुरी की ओर जा रहे कुछ युवा लड़कों द्वारा देखने पर मदद के लिए कुछ गाड़ियों वालों को रोकाया गया साथ ही उनकी की मदद के साथ पशु को सड़क से किनारे करते हुए पशु चिकित्सा अधिकारियों को भी लगातार फोन लगाते रहे लेकिन पशु चिकित्सा अधिकारी फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझे।वही जब घटना की जानकारी स्थानी लोगों को पता चली तो उनके द्वारा राजनगर बिटनरी हॉस्पिटल में पदस्थ पशु चिकित्सा अधिकारी बी एस करौलिया को लगातार फोन लगाया गया लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया इससे साफ नजर आता है कि वह अपने जिम्मेदारी से बेखबर हो चुके हैं। 

*सड़कों पर पसरे रहते हैं आवारा पशु*

सड़कों पर चल रहे वाहनों से कई बार पशु घायल होते हैं व उनकी मौत भी हो जाती है लेकिन वहीं कई बार ऐसा भी होता है कि पशुओं से राहगीरों को भी चोट आती हैं नेशनल हाईवे एनएच 43 कुल्हड़ ढाबा से लेकर झिरियाटोला तिराहे तक शाम होते ही आवारा पशुओं का जमावड़ा जगह-जगह लगा रहता है यह पशु बरसात के दिनों में सुखी जगह की तलाश में सड़कों पर पसरी रहती हैं जिससे कि कई बार खुद भी चोटिल होते हैं व इनसे टकरा कर राहगीरों को भी चोटिल होना पड़ता है ऐसा ही एक मामला 18 अगस्त की शाम कल कुल्हड़ के समीप देखा गया जहां पर ग्रामीणों की मदद से पशु को सड़क से किनारे करते हुए पशु के उपचार के लिए लगातार पशु चिकित्सा अधिकारी बी एस करौलिया को संपर्क किया जा रहा था लेकिन उनके द्वारा फोन उठाना मुनासिब नहीं समझ गया।यह कोई पहला मामला नहीं है कई बार ऐसा देखा गया है कि बस करौलिया को फोन लगाने पर उनके द्वारा ना ही फोन रिसीव किया जाता है और ना ही रिटर्न कॉल किया जाता है। अभी हाल ही में इंदौर में उपचार के आभाव में सड़कों पर घायल हुई पशु अपना दम तोड़ दी जिससे डाक्टर को निलाबित कर दिया गया था।

*पालकों पर भी होनी चाहिए कार्यवाही*

अक्सर देखा जाता है कि दुर्घटना के बाद मृत व घायल गायों के मालिक सामने नही आते हैं, गौवंश मालिक भी बेपरवाह तरीके से बेजुबान गौवंश को सड़कों पर लावारिस खुला छोड़ देते है जिससे बढ़ी संख्या में गौवंश सड़कों पर दिन- रात भटकते व बैठे रहते हैं. इस कारण कई बार आवागमन अवरुद्ध हो जाता है, गौवंश के कारण वाहन चालकों का मार्ग से निकलना मुश्किल हो जाता है. इसको लेकर कई बार लोगों ने शिकायत की, लेकिन जिम्मेदार इस पर जरा भी ध्यान देने को तैयार नहीं है, इसके चलते नागरिक परेशानी उठाने को मजबूर हैं।

*इनका कहना है।

हम लोगों द्वारा सड़क पर तड़प रहे बेजुबान पशु को सड़क से किनारे करने के उपरांत लगातार पशु चिकित्सक को फोन लगाते रहे लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव न करना या कोई रिप्लाई ना देना उनकी लापरवाही दर्शाती है ऐसे चिकित्सकों पर शासन प्रशासन को कार्यवाही करना चाहिए।

*यूवा टीम मनेंद्रगढ़*

लोगों के माध्यम से हमे भी जानकारी प्राप्त हुई थीं पर जिम्मेदार पशु चिकित्सा अधिकारियों का फोन ना उठाना उनकी घोर लापरवाही दर्शाता है ऐसे चिकित्सकों पर कार्यवाही जरूर होना चाहिए।

*रीनू सुरेश कोल अध्यक्ष नपा डोला*

धूमधाम से मनाया गया रक्षाबंधन का पर्व, बहनों ने भाइयों की कलाई पर बांधी राखी

*दोपहर के बाद शुरू हुआ मुहूर्त, भाई ने बहनों को दिया उपहार*


अनूपपुर

अनूपपुर जिला मुख्यालय सहित कोतमा, बिजुरी, राजनगर, राजेन्द्रग्राम, अमरकंटक, जैतहरी, चचाई व भालूमाड़ा सहित भाई बहन के अटूट स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व जिले में धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी और उनके दीर्घायु जीवन की कामना की। भाइयों ने बहनों को आजीवन उनकी रक्षा करने का वचन दिया।

सोमवार को भाई बहन के अटूट स्नेह का पर्व रक्षाबंधन का त्यौहार पूरे देश मे हर्ष उल्लास और परंपरा पूर्वक मनाया गया। हर वर्ष की तरह सावन पूर्णिमा की तिथि पर बहनों ने रक्षा सूत्र से भाइयों की कलाइयां सजाई। रेशम की डोरी के धागे भले ही कच्चे हो लेकिन इसके पीछे का स्नेह अटूट और बेहद मजबूत होता है। बहन-भाई के प्यार का प्रतीक इस त्योहार को लेकर घर-घर में व्यापक तैयारियां की गई थी। सोमवार की सुबह लोगों ने स्नान कर देवी देवताओं की पूजा अर्चना की। हालांकि इस वर्ष रक्षाबंधन के पर्व पर भद्रा नक्षत्र का साया रहा जो लगभग 1.30 बजे समाप्त हुआ। इसके बाद बहनों ने भाइयों की कलाई में रक्षा सूत बांधकर जन्म जन्म तक सुख-दु:ख में साथ निभाने का वचन भाईयों से लिया। भाईयों ने भी बहनों को उपहार देकर हमेशा साथ निभाने का वादा किया। इस दौरान शाम तक राखी बांधने और मुंह मीठा कराने का दौर भी जारी रहा।

पर्व के मौके पर घर के बुढे- बुजुर्गों का पैर छुकर आशिर्वाद लिया गया। दोपहर में अधिकांश बहनों ने भाई की कलाई पर राखी सजाई और उपहार पाकर अपनों के साथ खुशियां मनाई। सुबह से ही तैयारी कर रही बहनों ने भाइयों के हाथों में राखियां बांधी। भारतीय हिंदू संस्कृति में सभी रिश्तो को महत्व देने के लिए कई पर्व मनाए जाते हैं ।भाई दूज के साथ रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन के अनूठे संबंध को और गहरा करने का पर्व है। भारत में रक्षाबंधन को लेकर पौराणिक और ऐतिहासिक परंपरा रही है। 

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