क्या कोतमा तहसीलदार अपनें अधीनस्थ कर्मचारी कोटवार को दिला पाएंगे न्याय?

*तहसीलदार ने थाना प्रभारी को कार्यवाही करने के लिए लिखा था पत्र*


अनूपपुर

जिले के कोतमा तहसील राजस्व विभाग में सबसे नीचे पायदान पर कार्य करनें वालें छोटे कर्मचारी कोटवार चौकीदारों ने अपनें वरिष्ठ अधिकारी तहसीदार ईश्वर प्रधान को ज्ञापन के माध्यम से शिकायत किए है  साथ ही कोटवार चौकीदारों अपनें मुखिया तहसीलदार से कहा कि एक तो कोतमा तहसील परिसर में सतीश गुप्ता द्वारा अवैध रूप से फोटो कापी कम्प्यूटर वगैरह की दुकान खोली गई है, और जब किन्हीं कारणों से सतीश गुप्ता की दुकान में आग लग जाती है या फिर किसी अज्ञात द्वारा लगा दी जाती है और अब उक्त दुकान में हुई आगजनी का जिम्मेदार सतीश गुप्ता द्वारा हम चौकीदारों को ठहराया जा रहा है।  चौकीदार राजकुमार पनिका और विष्णु प्रसाद पनिका ने बताया कि दुकान में आग लगनें के दूसरे दिन हम लोग हाजरी लगानें तहसील आए तो सतीश गुप्ता द्वारा राजकुमार पनिका विष्णु प्रसाद पनिका से गाली गलौज करतें हुए कहा गया कि कैसी चौकीदारी करतें हो बे तुम लोग सालें हरिजन आदिवासी मेरी दुकान में आग तुम्ही लोगों की वजह से लगी है तुम लोग इसके जिम्मेदार हो तो हम लोगों ने कहा कि हम लोग चौकीदारी तहसील और एसडीएम कार्यालय की करतें है तुम्हारे दुकान की नही तो सतीश गुप्ता और गाली गलौज करनें लगा साथ ही शोसल मीडिया फेसबुक पोस्ट में भी सतीश गुप्ता द्वारा हम चौकीदारों को दुकान में आग लगनें का जिम्मेदार ठहराया जा रहा गलत प्रचार प्रसार किया जा रहा, जिससें हम सभी चौकीदारों को बहोत आहत है इसलिए  निवेदन है कि सतीश गुप्ता के विरुद्ध कार्यवाही की जाए।

*तहसीलदार ने थाना प्रभारी को लिखा पत्र*

 कोतमा तहसीलदार ईश्वर प्रधान ने दिनांक 14 अगस्त 2024 को कोतमा थाना प्रभारी को सतीश गुप्ता के विरूद्ध कार्यवाही करनें पत्र लिखा गया साथ ही अनूपपुर कलेक्टर सहित कोतमा अनु विभागीय अधिकारी राजस्व की ओर सूचनार्थ किया, लेकिन थाना प्रभारी कोतमा 6 दिन बीत जानें के बाद भी शासकीय कर्मचारी कोटवार चौकीदारों की शिकायत पर अब तक गौर नही किये और ना ही अब तक सतीश गुप्ता के विरुद्ध कोई कार्यवाही किये, जबकि कोतमा तहसीलदार द्वारा सतीश गुप्ता के विरुद्ध कार्यवाही करनें का पत्र थाना प्रभारी को दिया गया है साथ ही पीड़ित फरियादी कोटवार चौकीदार ने भी थाना प्रभारी को लिखित शिकायत दी है, अब देखना यह है कि कोतमा तहसीलदार ईश्वर प्रधान अपनें अधीनस्थ कर्मचारियों को न्याय दिला पातें है या नही।

*इनका कहना।

इस संबंध में मेरी थाना प्रभारी से चर्चा हुई है थाना प्रभारी ने कहा है कि सर जाचं करके सतीश गुप्ता के विरूद्ध निश्चित कार्यवाही करेंगे।

*ईश्वर प्रधान तहसीलदार कोतमा*

हसदेव क्षेत्र के बीमार चिकित्सालय को प्रबंधकीय उपचार की अवष्यकता....!

*बीस हजार लोग अस्पताल से चिकित्सा की आस लगाए बैठे रहते हैं*


अनूपपुर ।  

जिले के अन्तिम छोर पर बसा कोयलांचल क्षेत्र बिजुरी कालरी, राजनगर आर.ओ, राजनगर ओपेन काष्ट कालरी, बहेराबध कालरी, कोरजा कालरी झीरिया कालरी ,सहित झगराखण्ड उपक्षेत्र के कामगारों के लिये स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर एसईसीएल कम्पनी का एक मात्र चिकित्सालय आमाखेरवा (मनेन्द्रगढ) के केन्द्रीय चिकित्सायलय अब कामगारों के लिये आशा की किरणें बची है । लेकिन अब वह भी प्रबन्धकीय उदासीनता के चलते चिकित्सयलय उपेक्षा का दंश झेल रहा है जिसके चलते एसईसीएल के हसदेव क्षेत्र का कामगार सर्वजनिक अवकाश के दिन जांच के अभाव में निजी लैब संचालको के हाथों लूटने को तैयार है । 

प्राप्त जानकारी के अनुसार जब से कम्पनी में अधिकारियों पीआरपी के लेख जोखा का हिसाब उच्च प्रबन्धन मांगने लगा अधिकारी कम लागत में अपने को बेहत्तर दिखाने के चक्कर में कामगारों के हीतों पर कुठारा घात करना चालू कर दिये और क्षेत्रीय युनियन प्रतिनिधि भी  निजी स्वार्थों में संलिप्तता के चलते अपने जिम्मेदारी से इतिश्री कर लेते है । यह प्रायः देखने को मिलता है कि हसदेव क्षेत्र के किसी भी कालरी का कामगार स्वयं या अपने आश्रित को लेकर रविवार या संवैतनिक अवकाश के दिन एसईसीएल के हसदेव क्षेत्र द्धारा संचालित केन्द्रीय चिकित्सालय आमाखेरवा (मनेन्द्रगढ) में जाता है तो आवश्यक सेवा के नाम पर चिकित्सक तो एक या दो मिल जाते है । रक्त जांच, एक्सरे ,ईसीजी और ड्रेसर करने वाले सम्बधित स्टाप की डियुटी नही लगाई जाती । आपाकालीन सेवा में लिये गये चिकित्सक या अवकाश पर रहे चिकित्सक अपने क्वाटर पर कालरी कर्मी को सेवायें दे देते है । लेकिन बिमारी से संबधित जांच के लिये बाजार में खुले जांच केन्द्रों पर भेज देते है । गौर करने वाली बात है कि जहॉं लगभग 4400 नियमित एवं ठेकेदार कामगार मिलाकर लगभग बीस हजार लोग चिकित्सालय से ईलाज के लिये आश लगाये बैठे है । उस जगह पर प्रबंधन आवश्यक सेवा में रक्त जांच, एक्सरे , ईसीजी और ड्रेसर से पदों पर काम करने वाले कर्मचारी से काम क्यों नही लेती ? ई.सी.जी. और ड्रेसर के काम में कालरी के जनरल मजदूरों से काम लिया जा रहा है जब कि उक्त कार्य के लिये तकनीकी कामगार होने चाहिये । इस बिषयों पर चर्चा के लिये मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजय कुमार से सर्म्पक करने का प्रयास किया गया तो जानकारी प्राप्त हुआ कि अपने आवश्यक कार्य से अवकाश पर चल रहे है ।

सशक्त हस्ताक्षर की 27 वीं कवि गोष्ठी श्री जानकी रमण महाविद्यालय में संपन्न हुई


जबलपुर - सशक्त हस्ताक्षर की 27 वीं कवि गोष्ठी श्री जानकी रमण महाविद्यालय में संपन्न हुई ၊ गोष्ठी स्मृति शेष ख्यातिलब्ध शिक्षाविद्‌, साहित्यकार श्री जानकी रमण महाविद्यालय के संस्थापक स्व० हरिकृष्ण त्रिपाठी की धर्मपत्नि स्व.  श्रीमती माया त्रिपाठी एवं बुंदेली के मर्मज्ञ विख्यात शब्दकार डॉ. स्व. पूरनचंद श्रीवास्तव को सादर समर्पित रही ၊ संस्थापक गणेश श्रीवास्तव प्यासा ने सभी का अपने शब्द सुमनों से अभिनंदन किया ၊

मुख्य अतिथि डॉ. अभिलाष पाण्डेय विधायक उत्तर, जबलपुर, अध्यक्षता आचार्य डॉ. हरिशंकर दुबे, विशिष्ट अतिथि द्वय डाॅ. प्रोफेसर चंद्रप्रकाश गूजर विभागाध्यक्ष व्यापार प्रबंधन,डॉ. ललित कुमार सिंह विभागाध्यक्ष, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट, समाज सेवक मुकेश श्रीवास्तव, निरंजन द्विवेदी वत्स, सारस्वत अतिथि राजेश पाठक प्रवीण, मंगल भाव प्रतुल श्रीवास्तव की गरिमामय उपस्थिति  रही ၊ सभी अतिथियों, साहित्य मनीषियों ने स्व. माया त्रिपाठी के चित्र पर श्रद्धापूर्वक पुष्पांजलि  अर्पित की ၊ त्रिपाठी परिवार से उपस्थित डॉ. मुकुल तिवारी ने अपनी मातु श्री के जीवन पर प्रकाश डाला ၊ व्यंग्यकार प्रतुल श्रीवास्तव ने अपने पिताश्री डॉ. पूरनचंद श्रीवास्तव के व्यक्तित्व - कृतित्व पर प्रकाश डाला ၊ अतिथियों ने बताया समाज से साहित्य को एवं साहित्य से समाज को प्रेरणा मिलती है ၊

इस अवसर पर सशक्त हस्ताक्षर द्वारा विधायक डॉ. अभिलाष पाण्डेय, डॉ. चंद्रप्रकाश गूजर, डॉ. ललित कुमार सिंह, मुकेश श्रीवास्तव कायस्थ परिवार धनवंतरी नगर, निरंजन द्विवेदी वत्स का साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु शाल, श्रीफल, मानपत्र देकर सम्मानित किया गया ၊

कवि केशरी प्रसाद पाण्डेय, एड. प्रभा खरे अखिल,अमर सिंह वर्मा, अम्लान गुहा नियोगी, विवेक शैलार,मदन श्रीवास्तव, संदीप खरे युवराज, महासचिव जी. एल. जैन, मनोज शुक्ल मनोज, आई. पी. गोस्वामी, संतोष कुमार दुबे, संतोष नेमा संतोष, अरुण शुक्ल ने एक से बढ़कर एक रचनाएँ प्रस्तुत की ၊ विजय नेमा अनुज, सुशील कुमार जैन, डॉ. भावना दीक्षित, लखन रजक ने मंच को नयी ऊँचाईयाँ दी ၊ एम. के. श्रीवास्तव,सुरेश चंद्रायण, नाट्य निर्देशक दविन्दर सिंह ग्रोवर, विनय शर्मा , रविन्दर मुर्हार, पराग तेलंग, प्रदीप खरे की गरिमामय उपस्थिति रही ၊ संचालन गणेश श्रीवास्तव प्यासा, आभार प्रदर्शन अध्यक्ष मदन श्रीवास्तव ने किया ၊

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