मोजर बेयर पावर प्लांट में फ्लाई ऐश ट्रांसपोर्ट को लेकर विरोध प्रदर्शन, गाड़ियों की लगी लंबी कतारें


अनूपपुर 

जिले के जैतहरी स्थित मोजर बेयर पावर प्लांट में फ्लाई ऐश ट्रांसपोर्टेशन को लेकर विवाद हो गया है। लोकल ट्रांसपोर्टरों के प्रतिनिधि, फ्लाई ऐश ट्रांसपोर्ट ऑनर एसोसिएशन, ने स्थानीय ट्रांसपोर्टरों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए पावर प्लांट के मुख्य गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन के कारण पावर प्लांट में गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं और पावर प्लांट का काम प्रभावित हुआ।

*क्या है मामला*

एसोसिएशन का आरोप है कि पावर प्लांट में फ्लाई ऐश का काम लोकल ट्रांसपोर्टरों की बजाय बाहरी ट्रांसपोर्टरों से कराया जा रहा है। इससे लोकल ट्रांसपोर्टरों को आर्थिक नुकसान हो रहा है और उनकी गाड़ियां पावर प्लांट में काम नहीं कर पा रही हैं। इस स्थिति के विरोध में, संगठन ने पावर प्लांट के गेट पर जाम लगा दिया, जिससे पावर प्लांट की गतिविधियां ठप्प हो गईं।

स्थानीय प्रशासन ने हस्तक्षेप करते हुए एसडीएम के नेतृत्व में मोजर बेयर पावर प्लांट और एसोसिएशन के बीच समझौता कराया। समझौते के अनुसार, पावर प्लांट में अब बाहरी वेण्डरों को बुलाया जाएगा और तीन दिनों के भीतर बाहरी वेण्डरों और लोकल ट्रांसपोर्टरों के बीच एक बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में ट्रांसपोर्टेशन के मुद्दे पर चर्चा कर समाधान खोजा जाएगा।

रेडियोलॉजिस्ट नहीं, फिर भी अस्पताल में हो रही थी सोनोग्राफी, स्वास्थ्य विभाग ने मशीन की सील

*सोनोग्राफी मशीन को सील करते स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी*


शहडोल 

जिले में किस कदर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, इसका ताजा नमूना मुख्यालय के सिंहपुर रोड पर संचालित देवांता अस्पताल में देखने को मिला। अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट नही होने के बाद भी यहां सोनोग्राफी मशीन का उपयोग किया जा रहा था। साथ ही इसका रजिस्ट्रेशन भी नही था। जानकारी लगने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल पहुंचकर मशीन को सील कर दिया। लेकिन, नियमानुसार को जब्त नहीं किया गया है। इससे पहले जिले में बिना अनुमति संचालित सोनोग्राफी सेंटर्स को सील कर मशीन भी जब्त कर ली गई थी। विदित हो कि पूर्व में भी उक्त अस्पताल में काफी लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं। मरीजों से जबरन रुपए ऐंठने का भी मामला सामने आया था। जिसके बाद अस्पताल को सील कर दिया गया था। अब एक बार फिर बिना रेडियोलॉजिस्ट के सोनोग्राफी मशीन का संचालन कर मरीजों की जान खतरे में डाली जा रहीं थी।

*शिकायत मिली तो पहुंच गई टीम*

बिना अनुमति के संचालित सोनोग्राफी मशीन को मुख्य चिकित्सा ओर स्वास्थ्य अधिकारी की एक टीम ने सील कर दिया। लेकिन जब्ती नहीं बनाई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अशोक कुमार लाल ने बताया कि सूचना पर डॉक्टर आरके शुक्ला के साथ टीम मौके पर गई थीं, जहां नियम विरुद्ध तरीके से सोनोग्राफी मशीन मिली है। जिसे सील करने की कार्रवाई की गई है। सीएमओ से मशीन जब्त नहीं करने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मुझे नियम के बारे में जानकारी ही नहीं है। जानकार बताते हैं कि इससे पहले जिले में नियम विरुद्ध तरीके से चल रही सोनोग्राफी मशीन को सील करने के बाद जब्त किया गया था। मशीन को जब्त जरूरी है, अगर अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया तो वह नियम के विरुद्ध है।

एनरोलमेंट और रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर प्राइवेट स्कूल की अवैध वसूली 

*रजिस्ट्रेशन के लिए 12 सौ रुपये की जगह 5 हजार मांग रहा स्कूल प्रबंधन*


अनूपपुर

जिले के अंतिम छोर राजनगर में संचालित लिटिल एंजल हायर सेकेंडरी स्कूल छात्र-छात्राओं के परिजन और अभिभावकों को अप्रत्याशित तरीके से लूटने की तैयारी कर रहा है। व्हाट्सएप में स्कूल द्वारा बनाए गए ग्रुप में कक्षा दसवीं के छात्र-छात्राओं के रजिस्ट्रेशन और एनरोलमेंट नंबर रजिस्ट्रेशन को लेकर एक मैसेज डाला गया जिसमें रजिस्ट्रेशन और एनरोलमेंट के लिए डॉक्यूमेंट के साथ 5हजार रुपये फीस जमा करने की बात अभिभावकों से कही गई है, मैसेज के ग्रुप में आते ही अभिभावकों में तनाव का माहौल बन गया था, जहां शासकीय और अन्य प्राइवेट स्कूल में रजिस्ट्रेशन और एनरोलमेंट नंबर के नाम पर सरकार द्वारा तय किए गए 12सौ रुपये की फीस जमा की जा रही है, तो वही लिटिल एंजेल हाई सेकेंडरी स्कूल द्वारा परिजनों से अवैध तरीके से उक्त कार्य के लिए 5 हजार की मांग की जा रही है। उक्त सूचना के बाद जब प्राचार्य से बात किया गया गलती से मैसेज डालने की बात कह कर पूरे मामले से हटाने का प्रयास किया गया है। प्राइवेट स्कूल में अवैध वसूली के खिलाफ सरकार ने पहले ही अभियान छेड़ रखा है लेकिन यह अभियान अनूपपुर में जिला शिक्षा अधिकारी के कार्य के कारण फीका नजर आ रहा है जिससे परिजनों से अवैध वसूली अब तक जारी है। 

*शिक्षा का मंदिर बना वसूली का अड्डा*

स्कूल प्रबंधक द्वारा शिक्षा के नाम पर अवैध वसूली का आरोप लगा है। जानकारी के अनुसार स्कूल प्रबंधक द्वारा जहां 12 सौ से 13सौ रुपए में कक्षा दसवीं का रजिस्ट्रेशन होना है वहीं स्कूल प्रबंधक द्वारा अभिभावकों से 5हजार रुपए की मांग करना कहां तक सही है। शिक्षा के मंदिर को कमाई का जरिया और वसूली अड्डा बनाकर प्राइवेट स्कूल द्वारा मनमानी तरीके से अभिभावकों को पर परेशान करने के लिए नए-नए हथकंडे अब बनाए जा रहे हैं। कुल मिलाकर खुले तौर पर शिक्षा के नाम पर स्कूलों को वसूली का अड्डा बना दिया गया है जिससे कभी ट्यूशन फीस तो कभी रजिस्ट्रेशन फीस तो कभी परीक्षा फीस के नाम पर लाखों रुपए वसूले जा रहे हैं और स्थितियां जज की तस है। 

*क्या शासकीय भूमि में बना है लिटिल कॉन्वेंट?*

 राजनगर में लिटिल कॉन्वेंट हाई सेकेंडरी स्कूल का संचालन लंबे समय से किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा दिए गए गाइडलाइन का पालन न करते हुए मनमानी तरीके से स्कूल का संचालन संचालकों द्वारा किया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लिटिल कॉन्वेंट हाई सेकेंडरी स्कूल को शासकीय भूमि में बनाकर अवैध तरीके से अतिक्रमण कर संचालित किया जाता रहा है। जानकारी के अनुसार लिटिल एंजल कॉन्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल राजनगर  स्कूल शासकीय जमीन पर बना हुआ है जिला शिक्षा अधिकारी और कोर्ट में क्षेत्र के राजस्व अधिकारियों के संरक्षण के कारण लगातार प्राइवेट स्कूल अपने मनमानी में उतारू हो गए हैं वही सूत्र से मेरी जानकारी के अनुसार अवैध तरीके से बनाए गए भवनों की भी गहनता से जांच की आवश्यकता है ताकि मामला दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। 

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