प्रलेस की बैठक संपन्न, ओवर ब्रिज संघर्ष समिति का प्रलेस देगा साथ, मनाई प्रेमचंद जयंती 


अनूपपुर

प्रगतिशील लेखक संघ इकाई अनूपपुर की माह जुलाई की बैठक ३१ जुलाई को रात्रि ८ बजे से १० बजे तक विजेंद्र सोनी के निवास पर संपन्न हुई । इस बैठक में प्रलेस अध्यक्ष गिरीश पटेल, राष्ट्रीय सदस्य विजेंद्र सोनी , उपाध्यक्ष बालगंगाधर सेंगर सदस्य अध्यक्ष मंडल द्वय मीना सिंह व आनंद पाण्डेय, कोषाध्यक्ष डॉक्टर असीम मुखर्जी, वरिष्ठ सदस्य भूपेश शर्मा, राजेश मानव , देवव्रत कर , चंद्रशेखर सिंह आदि उपस्थित थे । सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया गया कि प्रलेस अनूपपुर , ओवर ब्रिज संघर्ष समिति के साथ है तथा शीघ्र ओवर ब्रिज निर्माण के लिए संघर्ष समिति द्वारा उठाए जा रहे प्रत्येक कदम पर शिरकत करेगा , हालाँकि पूर्व में प्रलेस की राय थी कि ओवर ब्रिज के स्थान पर अंडर ब्रिज बनाया जाना चाहिए जिससे न केवल अनूपपुर का विस्तार होगा बल्कि अत्यंत अल्प खर्चे और सीमित समय के अंदर यह निर्मित हो जाएगा तथा सरकार द्वारा अदा की गई मुवावजे की राशि की भी बचत होगी पर सरकार ने ओवर ब्रिज बनाने का निर्णय लिया । अत्यंत मंथर गति से चल रहे पुल निर्माण के कारण अनूपपुर वासी हलाकान हो गए और मुख्य बाज़ार ठप्प पड़ गया, मरीज़ों को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में पुल का निर्माण अतिशीघ्र किया जाना आवश्यक है । इसके लिए ओवर ब्रिज संघर्ष समिति के साथ प्रलेस अनूपपुर ने सम्मिलित हो कर पूर्ण क्षमता के साथ, साथ देने का निर्णय लिया है ।

नगरपालिका पुस्तकालय के बंद किए जाने के विरूद्ध प्रगतिशील लेखक संघ शीघ्र ही आंदोलन प्रारंभ करेगा । प्रलेस ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी , अध्यक्ष नगरपालिका, कलेक्टर अनूपपुर , कमीश्नर शहडोल से मुलाक़ात कर लिखित आवेदन दिया पर नतीजा कुछ नहीं निकला इसलिए आंदोलन करने के लिए प्रलेस व अन्य समान धर्मी संस्थाएँ मजबूर हैं ।

“प्रेमचंद के साहित्य का राजनीति और समाज पर असर “ विषय पर राजेश मानव, डॉक्टर असीम मुखर्जी, बालगंगाधर सेंगर, मीना सिंह, भूपेश शर्मा , विजेंद्र सोनी और गिरीश पटेल ने अपने विचार व्यक्त किये ।

फ्लाईओवर ब्रिज निर्माण संघर्ष समिति के आह्वान पर बाजार पूरी तरह रहा बन्द

*लॉक डाउन के बाद पहली बार जिला मुख्यालय में रहा ऐतिहासिक बंद*


अनूपपुर

लगभग 2 वर्षों से ज्यादा समय से फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण को लेकर रेलवे के फाटक को पूरी तरह से बंद कर दिया गया और वही निर्माण कार्य कछुए की गति से धीरे-धीरे प्रारंभ किया गया। बीच-बीच में कार्य पूरी तरह बंद हो जाता था। आम नागरिकों को छात्र-छात्राओं को एवं अन्य लोगों को रेलवे फाटक के दोनों तरफ आने-जाने में लगभग चार से पांच किलोमीटर की दूरी घूम कर तय करनी पड़ती थी। जिससे सभी को व्यापक परेशानी होती थी। यही नहीं पूरा बाजार भी चौपट सा हो गया था। लेकिन कोई देखने सुनने वाला नजर नहीं आया। कई बार मंत्रियों-अधिकारियों से निवेदन किया गया लेकिन फ्लाई ओवर निर्माण में तेजी आते नजर नहीं आई।जिससे अनूपपुर के नागरिकों ने एक सर्वदलीय मंच का निर्माण किया। जिसका नाम जिला ओवर ब्रिज निर्माण संघर्ष समिति दिया गया। इसमें संरक्षक मंडल सहित पदाधिकारियों का गठन किया गया। समिति के बनने के बाद एक ज्ञापन तहसीलदार को सौपा गया एवं गुरुवार 1 अगस्त को अनूपपुर बाजार बंद रखने का आवाहन किया गया। जिसका परिणाम यह हुआ कि कलेक्टर अनूपपुर द्वारा रेलवे, सेतु निगम एवं जिला ओवरब्रिज निर्माण संघर्ष समिति के साथ एक संयुक्त बैठक कर शीघ्र कार्य करने के निर्देश दिए गए।

लेकिन जिला फ्लाईओवर ब्रिज निर्माण संघर्ष समिति ने अपने बंद के निर्णय को यथावत रखते हुए 1 अगस्त को बंद का पंपलेट जगह-जगह वितरित कराया। जिसका परिणाम हुआ कि सुबह सूर्य उदय के साथ ही शहर की एक-एक दुकान इस कदर बंद रही की लोगों को लॉकडाउन की याद ताजा हो गई। अनूपपुर ऐतिहासिक बंद का संदेश प्रशासन सहित प्रदेश की सुर्खियों में छाया रहा। रेलवे के आला अफसर भी ऐतिहासिक बंद की खबर से परेशान नजर आए। नगर का हर नागरिक एवं जिला मुख्यालय आने-जाने वाले लोगों को रेलवे फाटक बंद होने से एवं लंबी दूरी घूम कर एक तरफ से दूसरे तरफ जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। जिसको देखते हुए व्यापारियों ने स्वेच्छा से अपनी-अपनी दुकान सुबह से ही बंद रखी। यहां तक की ग्रामीण अंचल के लोग भी बाजार में नजर नहीं आए। क्योंकि इतना प्रचार-प्रसार कर दिया गया था। जिसका नतीजा यह रहा की अनूपपुर ऐतिहासिक बंद पूरी तरह से शत-प्रतिशत सफल रहा।

ज्ञातव्य हो कि अनूपपुर जिला मुख्यालय के साथ साथ रेल्वे का एक महत्वपूर्ण जक्शन है। जनता - जनार्दन के मांग के अनुरूप लंबे जद्दो जहद के बाद राज्य सरकार एवं केन्द्रीय रेल मंत्रालय द्वारा बी.के.61 में रोड ओव्हर ब्रिज के निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृति हुआ। विगत 02 वर्षों से ज्यादा समय निर्माण कार्य को प्रारंभ हुए हो चुका है। निर्माण कार्य का एक हिस्सा रेल विभाग (केन्द्रीय सरकार) एवं सड़क के हिस्से का निर्माण कार्य (म.प्र. राज्य सेतु निगम) के द्वारा किया जा रहा है। लेकिन देखा गया कि निर्माण कार्य मंथर गति से चल रहा है। जिला एवं जक्शन मुख्यालय होने की बजह से भारी संख्या में नागरिको का आवागमन होता है। अनूपपुर जो मध्यप्रदेश राज्य के अंतिम छोर पर स्थित है यहाँ से पड़ोसी राज्य छ.ग. की सीमा प्रारंभ होती है।

यूथ कांग्रेस के द्वारा 15 सुत्रीय मांगों को लेकर सीएमओ को सौंपा ज्ञापन

*15 दिन में कार्यवाही करे नही तो नगर परिषद के सामने होगा धरना प्रदर्शन*


अनूपपुर

मा नर्मदा जी के उद्गम स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक के जनमानस के जन समस्यायों एवं वार्डों के विकास निर्माण कार्यों को लेकर यूथ कांग्रेस अध्यक्ष बिरू तंबोली के नेतृत्व में ज्ञापन दिया गया जो इस प्रकार है 

माँ नर्मदा जी के उद्गम स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक के वार्ड क्रमांक 13 टिकरीटोला में सी सी रोड निर्माण एवं रंगमंच का विस्तार किया जाए। प्रधान मंत्री आवास योजना का जांच कर पात्र लोगों को इसका लाभ दिलाया जाए। अमरकंटक में बाहर से आये हुए लोगों द्वारा लगातार हो रहे अतिक्रमण को हटाया जाऐ। जैसे कपिल धारा रोड में धार कुंडी आश्रम के समाने नये आश्रम का का निर्माण, दक्षिण तट में सुलभ शौचालय के सामने अतिक्रमण वार्ड क्रमांक 14, 15 एवं अन्य वार्डों मे अतिक्रमण अमरकंटक का सबसे पुराना प्रसिद्ध राम बाई धर्मशाला के बाउंड्री वाल पर अतिक्रमण हटाए जाए। नगर पंचायत के द्वारा मस्टर रोल में लगे कर्मचारीयो की योग्यता की जांच की जाए एवं नगर पालिका के समस्त कर्मचारियों का विभाग आवंटित किया जाए, अमरकंटक में चल रहे समस्त विकास कार्यों के कार्य स्थल पर निर्माण कार्यों का संपूर्ण जानकारी चस्पा करे। वार्ड क्रमांक 15 में शिशु मंदिर के आगे से नल,और लाईट की व्यस्था कराया जाए। नगर पालिका द्वारा शुलभ शौचालय, पर्यटक गेस्ट हाउस सप्ताहीक बजार बैठकी का ठेका दिया जाए जिससे स्थानीय लोगो को रोजगार मिल सके। अमरकंटक नगर पालिका द्वारा निर्मित मैकल पार्क का सौंदर्यीकरण किया जाए। अमरकंटक में घरेलू और व्यवसायिक का नल कनेक्शन अलग अलग किया जाए। दिन दयाल रसोई योजना की जांच की जाए। नगर पालिका द्वारा खेल के लिए बढ़ावा देने हेतु फुटबाल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए। अमरकंटक में सीवरेज लाइन का निर्माण गुणवत्ता विहिन होने के कारण जगह जगह पाईप लीकेज हो रही है जिससे अमरकंटक का गंदा पानी मा नर्मदा जी में शामिल हो रही है जो जांच का विषय है इसका निरीक्षण कर इसे सुधारने का कार्य करे। अमरकंटक में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के रुकने लिए रैन बसेरा का निर्माण कराया गया है लेकिन समस्त रैन बसेरा किसी ना किसी विभाग द्वारा कब्जा कर के रखा गया है जिससे खाली कराया जाए। अमरकंटक के जैन मंदिर में नगर पालिका द्वारा शासकीय दुकानों का निर्माण कराया जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार का अवसर मिल सके। अमरकंटक के मुक्ति धाम पर बाउंड्री निर्माण, वृक्षारोपण,सौंदर्यीकरण,भवन एवं टिना सेट का निर्माण कराया जाऐ। अमरकंटक के दक्षिण तट पर परिक्रमावासीयो के रूकने हेतु भवन एवं परिक्रमावासी मार्ग पर दिशा निर्देश हेतु बोर्ड लगाया जाए।

ज्ञापन पर दिये गये समस्त बिंदुओं पर कार्रवाई करे 15 दिवसीय के अन्दर नगर पंचायत के सामने धरना प्रदर्शन किया जाएगे जिस पर आपकी स्वयं की जवाबदेही होगी।

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