तालाब के अंदर 18 घंटे गर्दन भर पानी में खड़ा रहा शराबी, पुलिस के समझाने पर बाहर निकला

*ग्रामीणों द्वारा डांटने व मारने के भय से उठाया ऐसा कदमताकि उसे पकड़ न सके*


शहडोल 

जिले के गांव में एक शराबी युवक की हरकत से परेशान लोगों ने उसे सबक सिखाने के लिए दौड़ा लिया। उसके बाद वह इस कदर भयभीत हुआ कि गांव में स्थित तालाब के बीचो बीच गहरे पानी में घुस गया। वह गर्दन तक पानी में करीब 18 घंटे डूबा रहा। जानकारी लगने के बाद उसे किसी तरह समझा-बुझाकर सोमवार दोपहर पुलिस ने तालाब से बाहर निकाला। यह घटना जैतपुर थाना क्षेत्र में घटित हुई।

जानकारी के अनुसार, थाना क्षेत्र के नंद टोला निवासी सोनू सिंह पिता रामखेलवान सिंह 36 वर्ष शराब पीने का आदी है। वह आए दिन नशे में गांव के लोगों के साथ दुर्व्यवहार व गाली-गलौज करता रहता है। बीते दिन रविवार को भी वह शराब के नशे में लोगों के साथ गाली-गलौज कर रहा था। उसके बाद लोगों ने उसे डांटते हुए मारने के लिए कुछ दूर दौड़ा लिया, जिससे वह इतना भयभीत हुआ कि गांव में स्थित बोना धार तालाब में जा घुसा। वह बीच तालाब में गर्दन तक पानी के बीच जाकर खड़ा हो गया। ताकि लोग उसे पकड़ न सके। वह डर के कारण रात भर बीच तालाब गर्दन तक पानी के बीच खड़ा रहा।

रात भर युवक जब घर नहीं पहुंचा तो उसकी परिजन तलाश करने लगे, इसके बाद परिजनों को पता लगा कि वह गांव के एक तालाब पर पानी के अंदर घुसा है। उसके बाद मामले की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम शहडोल को दी। फिर यह जानकारी जैतपुर थाना तक पहुंची और फिर मौके पर पहुंचकर उसे समझाइश देकर पुलिस ने पानी से बाहर निकाला। इस बीच रात भर पानी में डूबे रहने से उसके शरीर की चमड़ी सिकुड़कर सफ़ेद हो गई। पुलिस ने युवक को पानी से बाहर निकाला और तत्काल अस्पताल लेकर पुलिस पहुंची। युवक को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से डॉक्टरों ने छुट्टी दे दी है।

थाना प्रभारी जैतपुर रामकुमार गायकवाड़ ने बताया कि पुलिस कंट्रोल रूम से एक सूचना मिली थी की तालाब में एक युवक घुसा हुआ है। उसके बाद टीम मौके पर पहुंची। स्थानीय तैराकों को बुलाकर पानी के अंदर भेज कर युवक को समझा-बुझाकर बाहर निकाला है। अब तक मामले में कोई शिकायत थाने नहीं पहुंची है। अगर थाने शिकायत पहुंचती है तो युवक को दौड़ाने वाले लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया जाएगा।

अपने दायित्व के प्रति उदासीन पंगना जीआरएस चमरू सिंह से सचिव सरपंच ग्रामवासी त्रस्त


अनूपपुर

इन दोनों ग्राम पंचायत में पंचायत सचिव के अतिरिक्त अपने आप को रोजगार सहायक भी कम बड़े अधिकारी नहीं आंक रहे हैं उनकी लापरवाही लगातार बढ़ती ही जा रही है शिवराज सरकार के द्वारा इन्हें काफी हद तक राहत दिया और संविदा कर्मचारी होते हुए भी मानदेय में भी इजाफा कर दिया लेकिन फिर भी इनकी उदासीन रवैया से शासन की योजनाएं धरातल पर उतरने में नाकामयाब साबित हो रही है और ग्रामीण लगातार परेशान हो रहे हैं। 

ऐसा ही एक मामला जिले के जनपद पंचायत जैतहरी अंतर्गत ग्राम पंचायत पंगना का है जहां पर अपने दायित्व के प्रति उदासीन रोजगार सहायक चमरू सिंह नाम का व्यक्ति प्रारंभिक भर्ती अभियान में ही ग्राम रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ हो गया मूलतः यह पंचायत पूर्ण आदिवासी बाहुल्य है जहां पर बहुसंख्यक गोड समाज के लोग निवास करते हैं एक जातीय गांव होने एवं निरक्षरता का प्रभाव और किसान मजदूर वर्ग होने के कारण इन्होंने शिकायत का औजार कभी इस्तेमाल नहीं किया जैसे ही पंचायत में काम चल रहा वैसे अपना काम करवा कर संतुष्ट रहने का भाव देखने को मिला यहां पर पदस्थ रोजगार सहायक चमरू सिंह कभी भी ग्राम पंचायत कार्यालय में नहीं रहता वह हमेशा यहां से नदारत रहता है।ग्रामवासी रोजगार सहायक को ढूंढते रहते हैं लेकिन उसका मिल पाना मुश्किल है जन चर्चा का विषय है कि यह हमेशा शराब के नशे में मदहोश होकर गांव के किसी कोने में पड़े रहते हैं और इस रोजगार सहायक को पद दायित्व के आधार पर किसी भी प्रकार का ऑनलाइन वर्क नहीं बनता है इनके द्वारा बहुत अधिक वरिष्ठ अधिकारियों का दबाव मिलता है तो पड़ोस के रोजगार सहायक से सेवा भाव करके काम करवा लिया जाता है ग्राम पंचायत में जितने भी सचिव आए किसी तरह से अन्य ऑपरेटर के माध्यम से ग्राम वासियों का काम करते रहे हैं जिम्मेदार होने के नाते सचिव ग्राम पंचायत के सरपंच के साथ मिलकर कार्यों का निष्पादन करते रहे हैं।ग्राम पंचायत पंगना के रोजगार सहायक चमरू सिंह से स्वयं सरपंच सचिव भी काम लेने में असफल रहे हैं बताया तो यहां तक जा रहा है कि उनके द्वारा जॉब कार्ड में भी जमकर धांधली विगत वर्षों की गई है इनके द्वारा मास्टर रोल में जॉब कार्ड के माध्यम से एक व्यक्ति का दो-दो नाम दर्ज करके और अन्य व्यक्ति का खाता नंबर डालकर एवम आधार कार्ड के माध्यम से उनके द्वारा अवैध तरीके से पेमेंट कराया गया है।

अनिश्चितकालीन के लिए बन्द होगा बाजार, रेलवे जीएम व प्रमुख सचिव नाम कलेक्टर को सौपा ज्ञापन 

*रेलवे प्लेटफार्म फुट ओवर ब्रिज बिना कारण के बन्द कर दिया गया है प्रारंभ कराने की मांग*


अनूपपुर 

जिला ओवर ब्रिज निर्माण संघर्ष समिति ने निर्माणाधीन रोड ओव्हर ब्रिज का निर्माण कार्य अविलंब पूर्ण कराने मुख्य महा प्रबंधक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे एवं प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन भोपाल के नाम ज्ञापन कलेक्टर के नाम तहसीलदार को सौपा गया। पीआरओ हिमांशु बियानी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अवसर पर जिला ओवर ब्रिज निर्माण संघर्ष समिति के संरक्षण मंडल के सदस्य एवं अध्यक्ष आशीष त्रिपाठी एवं सचिव संजीव द्विवेदी ने ज्ञापन का वाचन कर तहसीलदार को अपनी बातें बताई।

ज्ञापन में लेख किया गया है कि अनूपपुर जिला एवं जक्सन मुख्यालय में बी. के. 61 में निर्माणाधीन रोड ओव्हर ब्रिज का निर्माण कार्य अविलंब कराया जाए अनूपपुर जिला मुख्यालय के साथ साथ रेल्वे का एक महत्वपूर्ण जक्शन है जनता जनार्दन के मांग के अनुरूप लंबे जद्दो जहद के बाद राज्य सरकार एवं केन्द्रीय रेल मंत्रालय द्वारा बी.के.61 में रोड ओव्हर ब्रिज के निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृति हुआ विगत 02 वर्षों से ज्यादा समय निर्माण कार्य को प्रारंभ हुए हो चुका है निर्माण कार्य का एक हिस्सा रेल विभाग (केन्द्रीय सरकार) एवं सड़क के हिस्से का निर्माण कार्य (म.प्र. राज्य सेतु निगम) के द्वारा किया जा रहा है निर्माण कार्य मंथर गति से चल रहा है जिला एवं जक्शन मुख्यालय होने की बजह से भारी संख्या में नागरिको का आवागमन होता है। अनूपपुर जो मध्यप्रदेश राज्य के अंतिम छोर पर स्थित है यहाँ से पड़ोसी राज्य छ.ग. की सीमा प्रारंभ होता है, छ.ग. राज्य के समीपी जिले एवं सरगुजा संभाग व बिलासपुर संभाग के जिला में आवागमन के लिए अनपपर होकर ही आवागमन की सुविधा प्राप्त होती है। आर.ओ. बी. के निर्माण कार्य की मंथर गति से आवागमन में परेशानी हो रही है साथ ही जिला प्रशासन के द्वारा रोड ओव्हर ब्रिज निर्माणाधीन मार्ग पर रेल्वे के बी. के. 61 मार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अनूपपुर के पश्चिम दिशा में चंदास नदी होकर बिलासपुर (छ.ग.) एवं अमरकंटक हेतु जाने के लिए आवागमन की सुविधा दी गयी। यह मार्ग तकनीकी रूप से व्यवस्थित नहीं है चंदास नदी पर स्थित रोड अंडर ब्रिज पर थोड़ी सी वारिस होने पर पानी भर जाता है एवं वहाँ प्रकाश की भी व्यवस्था नहीं है ऐसी स्थिति में दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है। क्योकि तीन तरफ जाने का यह मार्ग है यहाँ पर आवागमन के बेहतरीन प्रबंधन के लिए ग्लो साइन बोर्ड लगाया जाना भी आवश्यक है।

अनूपपुर शहर दो हिस्सो में विभक्त है एक हिस्से में कलेक्ट्रेट, जिला पंचायत, कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, वन विभाग, बसस्टैन्ड, बैंक, पोस्ट आफिस, कृषि उपज मंडी तो शहर के दूसरी तरफ तहसील एस.डी.ओ. न्यायालय, जिला कार्यालय, जिला चिकित्सालय, शासकीय महाविद्यालय, कन्या महाविद्यालय एवं अन्य शासकीय कार्यालय व शहर के दोनों हिस्से में तकरीबन 50-50 गांव लगे हुए है। ब्रिज निर्माण कार्य मंथर गति से चलने के कारण तकरीबन 4-5 कि.मी. वैकल्पिक मार्ग के माध्यम से लोगो को आना जाना पड़ता है विशेष कर मरीजो की तीमरदारी के समय घूमकर जाने की बजह से कई लोग असमय काल कल्वित हो चुके है। उपरोक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टि रखकर बी.के.61 आर.ओ.बी. का निर्माण कार्य अविलंब कराने के लिए प्रदेश सरकार व केन्द्र सरकार के दोनो एजेन्सी के मध्य तालमेल के लिए जिला स्तर पर समन्वय समिति का गठन कर समय सीमा पर प्रत्येक सप्ताह कार्य की प्रगति की समीक्षा निश्चित करते हुए कार्यवाही से ही रोड ओव्हर ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा हो सकेगा। इसके साथ रेल प्रशासन द्वारा रेल्वे स्टेशन परिसर के अंदर प्लेट फार्म क 01 से 03, 04 को जोडने वाले सीढी को भी बिना किसी कारण के बंद कर दिया गया है यदि कोई तकनीकी समस्या है तो उसका निदान करते हुए उस बंद फुट ओव्हर ब्रिज को शीघ्र प्रारंभ करावे।जिला ओवर ब्रिज निर्माण संघर्ष समिति ने जिला प्रशासन से लोक हित मे जन अपेक्षा की है कि बी. के. 61 रोड ओव्हर ब्रिज का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराने की दिशा में ठोस कदम उठाए एवं संबंधितों को विशेष दिशा निर्देश दें।

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