जमीन खाली कराने गए वनकर्मियों को ट्रैक्टर से कुचलने का प्रयास


शहड़ोल

जिले में सरकारी अधिकारी-कर्माचारी के ऊपर गाड़ी चढ़ाना, मारपीट कर छीना-झपटी करना आम बात हो गई। ताजा मामला शहर के अमझोर वन परिक्षेत्र से सामने आया है। जहां वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर ट्रैक्टर से खेती कर रहे एक दबंग को रोकने गए वन वनकर्मियों के ऊपर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया गया। दबंग वन कर्मियों से गाली-गलौज करते हुए हाथापाई कर मोबाइल छीन कर भाग गया। घटना के बाद से दबंग नेताओ पदाधिकारी से सिफारिश करा रहा है। इस घटना की वन अमले ने पुलिस से लिखित शिकायत की है। वहीं अब मोबाइल छीनने और हाथापाई कर गाली-गलौज का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।

सड़क के उड़े परखच्चे, वाहन चालक हो रहे हैं दुर्घटना ग्रस्त, जिम्मेदार मौन

*खराब सड़क से जनता को कब मिलेगी निजात, जनप्रतिनिधि  भूल गए वादे*


अनूपपुर

जिले के जमुना परासी धुरवासिन खर्राटोला महुदा चांदपुर लहरपुर होते हुए जैतहरी मुख्य मार्ग राठौर चौक को जोड़ने वाली सड़क तथा जैतहरी से परासी जमुना कालरी होते हुए बदरा मुख्य मार्ग लगभग 30 किलोमीटर की दूरी जोड़ने वाली सड़क जहां पर दर्जनों गांव से होते हुए गुजरती है तथा क्षेत्र के आस पास के पचासों गांव के ग्रामीणजनो का आने जाने का मुख्य सड़क है राठौर चौक जैतहरी से बदरा की ओर आने जाने वाले वाहन चालकों के लिए बनी बड़ी मुसीबत घर जहा पर अपना जान को जोखिम में डाल कर चलते है कब कहा किस जगह कौन सी गड्डा कीचड़ वाहन चालकों के लिए अंतिम स्थान होगा कुछ कहा नहीं जा सकता सब भगवान भरोसे चल रहे है 

आस पास के ग्रामीण मजदुरी का कार्य करने पवार प्लांट मोजर बेयर जाते है जहा पर अपने साधन साइकिल मोटर साइकिल से आने जाने में सहारा लेते है खराब सड़क के वजह से वाहन भी कुछ ही दिनों में कबाड़ हो जाती है और रोड की स्थिति को देखकर वाहन से चलना तो दूर पैदल जाना पसंद नहीं करेंगे मगर भुखमरी जिंदगी के चलते जाने को है मजबूर सड़क में पहुंचते ही भगवान से प्रार्थना करते है की हे भगवान सही सलामत इस खराब सड़क से घर पहुंच जाऊं कई बार वाहन चालक मरते मरते बचते है पर क्या करे भूख के आगे अपने सिर क्या पूरा शरीर को ही दाव में लगाकर एव जान को खतरे में डाल कर उस  रास्ते से गुजरना पड़ रहा  है जबकि खराब रास्ता के चलते कई बार रोड में गिरने से वाहन चालक जख्मी हुए है मगर ग़रीब का दर्द को कौन सुने सांसद मंत्री विधायक अपने इसी महंगी फर्चुनर एव हवाई जहाज में सफर करते है जिस वजह से देख नही पा रहे हैं। कई बार सड़क की गड्डो के चलते वाले वाहन चालक गिर कर हाथ पाव टूट गए हैं मगर सड़क की मरम्मत आज दिनाक तक नहीं हुआ केवल कागजों एव नेताओ के किए हुए झूठे वादा तथा भूमि पूजन तक ही सिमट कर रह गया है जिसका परिणाम बेकसूर और भोली भाली जनता को मिला रहा है आखिर जनता को कब तक गुमराह कर के रखेगे मौका सबको मिलता है, चुनाव सामने आता है तो उस समय में जानता के आगे तरह तरह की वादा किया जाता है जब नेता जी जीत कर गद्दी में बैठ गए तो नेता जी गदगद होकर अपना सब वादा भूल जाते हैं।

मुख्य सड़क जैतहरी से बदरा की ओर जाने वाली मुख्य मार्ग जो आज से कुछ वर्ष पहले रोड निर्माण का भूमि पूजन जैतहरी के राठौर चौक में किए थे, जहा पर क्षेत्र के सांसद मंत्री विधायक ठेकदार जनप्रतिनिधि अधिकारी कर्मचारी जनताओ से हा में हा मिलकर रोड निर्माण का चुनाव से पहले भूमि पूजन कर क्षेत्र के जनता में खुशी की लहर दौड़ी थी, जिसे सुनकर क्षेत्र में जनता के चेहरे में खुशी की लहर उठ गई थीं और क्षेत्र में  विकास होगा जिसे लेकर क्षेत्र के बड़े बड़े नेताओ के उपस्थिति में भूमि पूजन कर विश्वास दिलाए थे,  दो से तीन साल बीत जाने के बाद भी रोड का कार्य नही हुआ। चुनाव के समय में पार्टी एक दूसरे का कार्य और विकास को दिखाती है पहली ही बरसात में पोल  खुल गई कितना सच और कितना झूठ बल्कि क्षेत्र के नेताओ के आशीर्वाद से क्षेत्र में जनता को मुख्य सड़क में बड़े बड़े बोल्डर गड्डे कीचड़ रोड में भरा पानी मिला है।

 टेंडर प्रक्रिया में धांधली चहेतों को लाभ दिलाने डीएफओ ने नियम कायदों की उड़ाई धज्जियां

*पात्र फर्मों का टेंडर  निरस्त कर दिया गया, सीसीएफ के आदेश को नही मानतीं डीएफओ*


शहडोल

विगत दिनों दक्षिण वन मंडल शहडोल में निर्माण सामग्री की निविदा आमंत्रित की गई जिसमें कई फर्मो ने टेंडर डाला जिसमें दक्षिण वन मंडल अधिकारी द्वारा अपने चाहेतो को लाभ देने के लिए टेंडर प्रक्रिया में जमकर धांधली की गई जिसकी शिकायत कई निविदाकारो द्वारा सीसीएफ को की गई है, जैसे टेंडर प्रक्रिया में जो नियम शर्ते रखी गई थी कुछ ठेकेदारों ने उसका पूरी तरह से पालन किया लेकिन वन मंडल अधिकारी दक्षिण वन मंडल द्वारा द्वेष पूर्ण भावना से उनका टेंडर निरस्त कर दिया तथा उन लोगों को टेंडर दिया गया जिनकें मूल दस्तावेज पूरी तरह से सही नहीं थे वह लोग अपात्र् थे इससे साफ साफ जाहिर होता है कि दक्षिण वन मंडल अधिकारी द्वारा निविदा प्रक्रिया में धांधली की गई है जिसकी जांच अत्यंत आवश्यक है मुख्यमंत्री की मनसा अनुरूप सभी टेंडर में पारदर्शिता का होना अनिवार्य है वन मंडल अनूपपुर में पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ पूरी बारीकी से जांच करके टेंडर खोला गया उसमें यह पाया गया कि जिस फर्म का टेंडर शहडोल  में पास किया गया है उसके दस्तावेज पूरी तरह से सही नहीं थे इसलिए उन्हें अनूपपुर से अपात्र घोषित कर उनका टेंडर निरस्त किया गया जबकि पात्र पाए गए लोगों का टेंडर अनूपपुर में पास किया गया इसके विपरीत शहडोल में उन पात्र फर्मों का  टेंडर वन मंडल शहडोल मे  निरस्त कर दिया गया इससे जाहिर होता है कि व्यक्ति विशेष को लाभ देने के लिए   वन मंडलाधिकारी द्वारा टेंडर प्रक्रिया  में गैर कानूनी रूप से कार्य किया गया जिसकी शिकायत निविदाकरो द्वारा माननीय मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन वन मंत्री प्रमुख सचिव वन विभाग मध्य प्रदेश व उच्च अधिकारियों को की गई है।

*सीसीएफ की बातों को दरकिनार कर देती हैं डीएफओ*

हाल ही में कुछ ऐसे मामले आए हैं जिसमें सीसीएफ ने डीएफओ को मामले में संज्ञान लेने को कहा लेकिन डीएफओ द्वारा किसी भी प्रकार से कोई बात नहीं सुनी बल्कि उनकी बातों को दरकिनार कर दिया गया इससे साफ जाहिर है कि डीएफओ लगातार अपने मनमानी तरीके से कार्य कर रहे हैं और गलत् तरीके से निविदा पास करके फंस चुके हैं ।

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