जहर खाने एवं अज्ञात कारण से जिला चिकित्सालय में दो की मौत, पुलिस ड्यूटी जांच में


अनूपपुर

जिला चिकित्सालय अनूपपुर में दो व्यक्तियों की मौत होने पर ड्यूटी डॉक्टर की सूचना अनुसार अस्पताल पुलिस चौकी द्वारा मृतकों की परिजनों की उपस्थिति में पंचनामा एवं पी एम की कार्रवाई कर मामले की डायरी संबंधित थानों को अग्रिम कार्यवाही हेतु भेजी है। इस संबंध में मिली जानकारी अनुसार जैतहरी थाना अंतर्गत सिवनी ग्राम निवासी 38 वर्षीय प्रीतम पिता स्व. बैजनाथ राठौर ने अज्ञात कारणो से 20 दिसंबर को घर पर जहरीला पदार्थ खा लिया था जिसे परिजनों द्वारा उपचार हेतु जैतहरी ले जाने पर प्राथमिक उपचार बाद स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ड्यूटी डॉक्टर द्वारा जिला चिकित्सालय अनूपपुर रेफर किया गया यहा उपचार दौरान प्रीतम की मौत हो गई, वहीं दूसरा मामला अमलाई थाना अंतर्गत ग्राम रामपुर में स्थित रामपुर-बटुरा कोयला खदान का है जहां महामाया कंपनी बुढार के ट्रक में विगत 3 माह से चालक के रूप में कार्य कर रहे 45 वर्षीय रवि सोनकर पिता बाबूलाल सोनकर जो वार्ड नंबर 08 बिजुरी नगर के निवासी हैं 21 दिसंबर की रात ट्रक से कोयला लेने हेतु रामपुर खदान पहुचा जहां अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने पर अन्य ट्रक के साथियों द्वारा उपचार हेतु जिला चिकित्सालय अनूपपुर लाया जहां परीक्षण दौरान ड्यूटी डॉक्टर ने पूर्व से मृत होना बताते हुए घटना की जानकारी जिला अस्पताल पुलिस चौकी अनूपपुर को प्रदाय किये जाने पर पुलिस द्वारा दोनों दिन दोनों मृतको के परिजनों की उपस्थिति में मृतको के शव का पंचनामा कर ड्यूटी डॉक्टर से पी एम कराने बाद मृतको के शव का अंतिम संस्कार हेतु परिजनों को सौंप कर घटना की डायरी संबंधित थानों में अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित की।

10 हजार की रिश्वत लेते पटवारी को लोकायुक्त ने किया था ट्रेप, हुई 4 वर्ष की सजा व जुर्माना

*भ्रष्टाचार के मामले में डेढ़ माह में दूसर पटवारी को मिली सजा*


अनूपपुर

विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) न्यायालय ने थाना विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त रीवा, अपराध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13(1)डी, 13(2), आरोपी विनोद कुमार सोनी तत्कालीन पटवारी हल्का लखनपुर तहसील अनूपपुर के प्रकरण में आरोपी के विरूद्ध भ्रष्टाचार का अपराध प्रमाणित पाने पर 04 वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार रुपए की राशि के अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं। न्यायालय ने सजा सुनाते ही आरोपी को कारावास हेतु जेल भेज दिया। 

प्रकरण में फरियादी गोविंद प्रसाद कोल ग्राम लखनपुर स्थित 10 एकड़ कृषि भूमि का सीमांकन कराना चाहता था, जिस हेतु लोक सेवा केन्द्र में आवेदन दिया, जिस पर पटवारी द्वारा उसे सूचना दी गई कि 18 मई 2016 को जमीन का सीमांकन होना है, जिस पर गोविंद प्रसाद उक्त तिथि को पटवारी का इंतजार करता रहा, और पटवारी नहीं आया, तब गोविंद प्रसाद तहसील कार्यालय में पटवारी विनोद सोनी से मिला जहां उसके द्वारा सीमांकन कार्य के एवज में 10 हजार रू. की मांग की। जिसके बाद गोविंद प्रसाद साथी अर्जुन पटेल के साथ पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त रीवा को लिखित शिकायत की। लोकायुक्त पुलिस शिकायत की तस्दीक व सत्यापन किया, रिश्वत की मांग को प्रमाणित पाए जाने पर आरोपित पटवारी के विरूद्ध स्वतंत्र राजपत्रित साक्षियों के समक्ष ट्रेप कार्यवाही करते हुए पटवारी के घर पर सीमांकन कार्य के एवज में रिश्त के रूपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। लोकायुक्त पुलिस प्रकरण की विवेचना के दौरान समस्त दस्तावेजी एवं वैज्ञानिक एवं अन्य साक्ष्यों का संकलन कर सम्पूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र विशेष भ्रष्टाचार न्यायालय अनूपपुर की न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां विशेष लोक अभियोजक (लोकायुक्त) द्वारा प्रकरण के सम्पूर्ण तथ्यों व साक्ष्यों को न्यायालय के समक्ष रखा। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात विशेष लोक अभियोजक के तर्क का प्रमाणित पाते हुए सजा सुनाई। डेढ़ माह पूर्व विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम न्यायालय पंकज जायसवाल की न्यायालय ने भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन पटवारी हल्का बरगवां नं. 02 तहसील व जिला अनूपपुर शैलेन्द्र शर्मा को 04 वर्ष का कठोर कारावास व 10,000 रू. की राशि के अर्थदण्ड की सजा सुनाई थी। और आरोपी को न्यायालय से ही जेल भेज दिया गया था।

विवाद के मामले में हाई कोर्ट ने कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जारी किया नोटिस

*थाना भलूमाड़ा पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही कटघरे में*


अनूपपुर

जिले के थाना भालूमाडा क्षेत्र के अंतर्गत 17 सितंबर 2023 को बदरा तिराहे में जमुना ओसीएम में राखड़ कंपनी में कार्यरत सुपरवाइजर के पद पर अखिलेश पांडे के द्वारा पहले से रोके गए वाहन के मामले को लेकर शराब के नशे में पहुंचकर बदरा तिराहे में पुलिस कर्मचारियों के साथ हुए वाद विवाद के पश्चात मौके पर मौजूद पुलिस आरक्षक मकसूदन सिंह भालूमाडा के द्वारा दी गई सूचना के पश्चात मौके पर पहुंचे थाना भालूमाडा प्रभारी आर के धारिया मय स्टाफ के साथ प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सुपरवाइजर अखिलेश पांडे को पड़कर थाना भालूमाडा ले गए जहां पर उनके साथ मारपीट किए जाने के अलावा मनगढ़ंत तरीके से मामला पंजीबद्ध कर उन्हें 18 सितंबर 2023 को मुचलका का जमानत पर छोड़ दिया गया ।इस पूरे मामले से क्षुब्ध होकर पीड़ित ने हाई कोर्ट जबलपुर न्यायालय की शरण में पहुंचा जहां पर जबलपुर हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिषेक कुमार पांडे द्वारा मामले की पैरवी करते हुए न्यायालय के समक्ष थाना भालूमाडा के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले को रखा गया जिसमें थाना प्रभारी भालूमाडा के द्वारा सीसीटीवी फुटेज में यह कहते पाया गया कि पीड़ित के खिलाफ क्यों नहीं वर्दी फाड़ कर और पुरानी चोटों को दिखाकर मामले को बढ़ाया जाए। इस तरह से मामले में कई मनगढ़ंत आरोप पीड़ित पर लगाए जाने का सच सामने आया है। जिसके आधार पर हाई कोर्ट जबलपुर के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल के द्वारा पुलिस महानिदेशक भोपाल ,पुलिस महानिरीक्षक शहडोल जोन, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर, थाना प्रभारी भालूमाडा आर धारिया, सहायक उप निरीक्षा के प्रभाकर पटेल, सहायक उप निरीक्षक राम हर्ष पटेल, प्रधान आरक्षक के के तिवारी, आरक्षक स्वदेश चौहान एवं मकसूदन सिंह के विरुद्ध हाई कोर्ट द्वारा नोटिस जारी कर तलब किया गया है। अब देखना यह होगा कि जबलपुर न्यायालय में पुलिस अपना पक्ष किस प्रकार से प्रस्तुत करती है वहीं पूरे मामले में पीड़ित पक्ष ने न्यायालय के समक्ष अपने फरियाद दर्ज करते हुए पुलिस कार्यवाही पर कई तरह के सवाल खड़े किए हैं नोटिस जारी होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है और पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है।

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