पीड़ित किसानों ने सशर्त अनुबंध के साथ आंदोलन को किया स्थगित, 2 माह में होगा समस्या का समाधान
*5 दिनों से कोयले का प्रोडक्शन पूरी तरह था बंद, प्रशासन व प्रबंधन ने ली राहत की सांस*
शहड़ोल
15 दिसंबर से किसानों के द्वारा रामपुर बटुरा खुली खदान के अंतर्गत किसानों के नाराजगी के बाद अनिश्चितकालीन के लिए खदान को बंद किया, केवल खदान को बंद नहीं संपूर्ण खदान की कार्यवाही रोक दी, जिसको लेकर एसईसीएल, और जिला प्रशासन लगातार 5 दिन से परेशान थे। कई तरह के बातचीत कई बैठक यहां से लेकर के बिलासपुर मुख्यालय तक के अधिकारियों के साथ वार्तालाप होती रही फिर भी किसानो की नाराजगी की कोई सीमा नही थी। किसानों ने गुस्सा को इतना ज्यादा प्रकट किया की पहली बार 5 दिन तक संपूर्ण प्रोडक्शन कर दिया गया, यहां से लेकर बिलासपुर तक हाहाकार मचा और वरिष्ठ किसान नेता सामाजिक कार्यकर्ता भूपेश शर्मा बताते हैं कि आंदोलन समिति के प्रमुख नेताओं का बैठक चला, इसके बाद निर्णय को अपने ग्राम सभा में अनुमोदन हेतु रखा गया, ग्राम सभा ने प्रस्ताव रखा इस बार आश्वासन से नहीं मानेंगे निश्चित रूप से कोई भी काम करने के लिए समय लगता है, प्रक्रियाएं होती है, हम सब इस बात को स्वीकार करते हैं, लेकिन बीच का रास्ता निकालने के लिए शासन के प्रतिनिधि के रूप में बुढार तहसीलदार शासन की तरफ से उपस्थित रही। प्रबंधन के तरफ से ऑपरेशन साइबेरिया मैनेजर रामपुर बटूरा, सहायक मैनेजर संदीप शुक्ला सहित एरिया के पूरी टीम उपस्थित रही। बातचीत के दौरान मुख्य मांगों को लेकर एसईसीएल के लेटर हेड में लिखकर एसईसीएल के जिम्मेदार प्रशासन प्रबंधन हस्ताक्षर करें, साक्ष्य के रूप में जिला प्रशासन से आए प्रतिनिधि तहसीलदार बुढार के द्वारा भी हस्ताक्षर कर ग्राम पंचायत के सरपंच, उप सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य के प्रतिनिधि के साथ ग्राम सभा के समक्ष लिखित अनुबंध को पेश किया गया, उसका वाचन के पश्चात अनुमोदन किया गया। महत्वपूर्ण धारा 91, 21 जनवरी 2016 मकान का सर्वप्रथम सॉल्यूशन राशि पुनर्वास की राशि 3 लाख से बढ़कर 10 लाख के सहित 17 मांगों के ज्ञापन को लेकर 2 महीने के अंदर समस्या का समाधान किया जाएगा। अगर समय सीमा के अंदर समस्या का समाधान नहीं होता है तो यह कहा गया है लिखित रूप से अग्रिम कार्यवाही के लिए किसान स्वतंत्र हैं, यह पहला अवसर है की किसानों ने प्रबंधन और प्रशासन से लिखित आश्वासन के रूप में अपने आंदोलन को समाप्त न करते हुए केवल कुछ समय के लिए स्थगित किया है।
उक्तसाय की जानकारी देते हुए किसान नेता सामाजिक कार्यकर्ता भूपेश शर्मा के द्वारा मीडिया और प्रशासन से लगातार वार्तालाप करते हुए इस मुकाम तक आंदोलन को अपने ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों जनपद और जिला के प्रतिनिधियों सहित रामपुर के प्रमुख साथियों के साथ घोषणा की। आने वाले समय में बल्कि कल से ही मांगों को लेकर प्रबंधन के साथ काम शुरू किया जाएगा, और समय अवधि के अंदर कोशिश होगी कि किसानों की समस्याओं का समय पर समाधान किया जाएगा। इस पूरे प्रक्रिया में प्रशासन व प्रबंधन के सहित एरिया के समस्त सुरक्षा एवं पुलिस विभाग की तैनाती के साथ-साथ सरपंच ग्राम पंचायत रामपुर उप सरपंच रजनीश मिश्रा, जनपद सदस्य चंद्रकुमार तिवारी, किसान नेता आदित्य त्रिपाठी, पत्रकार ओमप्रकाश द्विवेदी, सांसद प्रतिनिधि व वरिष्ठ साथी राजकमल मिश्रा, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती शांति मनमोहन चौधरी, पूर्व सरपंच झोले बैगा, आंनद त्रिपाठी, मूलचंद गुप्ता, नेमसाए, राजू सोनी, बालमिक साहू, मुरली साहू, सुनील जायसवाल, राजकुमार शर्मा, प्रमोद बैगा, भूपेश शर्मा सहित ग्रामीण जन उपस्थित रहे इस पूरे आन्दोलन में क्षेत्र के किसान,जनप्रतिनिधि, आधिकारी, कर्मचारी, पुलिस आधिकारी पत्रकार सभी के प्रति आभार प्रकट किया है।