मौसम बदलाव से तीर्थयात्रियों, टूरिस्टो में दिखी भारी कमी, सूनसान मंदिर, आश्रम, बाजार

*कोहरा और ठंड की वजह से लोग हो जाते है परेशान - पुजारी धनेश द्विवेदी, मंदिर*


अनूपपुर/अमरकंटक 

अमरकंटक में दो दिन से ढा रहा मिचौंग नाम का तूफानी चक्रवात जो तमिलनाडू की राजधानी चेन्नई व आस पास के क्षेत्र में बड़ी तबाही मचा रखा है । इसका असर मध्य प्रदेश समेत अन्य प्रदेशों में भी अपना असर दिखा रहा है । अमरकंटक में ऐसे मौसम का मिजाज साल के अनेक बार आए दिन दिखता रहता है और मौसम का मिजाज बदलता रहता है । यंहा की बारिश का कोई अनुमान लगा पाना बड़ा ही मुश्किल कहा जा सकता है । वैसे भी अमरकंटक के चारो दिशाओं से यह स्थान घने जंगलों से अच्छादित है । मैकल , सतपुड़ा और विंध्य की पहाड़ियों की चोटी पर बसा अमरकंटक मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली , सोनभद्र तथा जोहिला जैसे नदियों की जन्म (उद्गम) स्थली है । इसी वजह से अमरकंटक में देश के अलावा विदेशों से भी लोग पहुंचते है । धार्मिक त्योहारों में भारी संख्या में श्रद्धालु आते है स्नान , पूजन कर नर्मदा दर्शन करते है । पर्यटकों का आना जाना इस क्षेत्र में बारहों महीने चलता रहता है । जब कभी यहां का मौसम बारिश के बाद अचानक बदल जाता है तब टूरिस्टो व अन्य यात्रियों को भ्रमण करने में काफी परेशानी होती है , कारण की लगातार रिमझिम व तेज बारिश का होना आफत पैदा करती है । जिस वजह से ऐसे मौसम में लोग इधर आना पसंद नही करते । बारिश होने से ठंड तुरंत बढ़ जाया करता है । बारिश के मौसम में धुंध या कोहरा का भी प्रकोप बढ़ जाता है । कोहरा की वजह से कई बार वाहनों का रोड़ एक्सीडेंट भी हो जाया करता है । ज्यादा बारिश की वजह से घरो और होटलों , आश्रमों में रुके लोगो को निकलना भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । अगर वस्त्र भीग गए तो कब सूखेंगे यह कह पाना भी मुश्किल है । ऐसे मौसम में सब जगह सुना सुना दिखता है । मंदिरों में आवागमन कम हो जाता है , बाजार भी सुना हो जाता है और आश्रमों में भी सन्नाटा जैसे महसूस होता है । होटलों में भी मायूसी नजर आती है।

नर्मदा मंदिर पुजारी धनेश द्विवेदी कहते है की बारिश के मौसम में जब भी बदलाव आता है तब तब अमरकंटक में सन्नाटा जैसे लगने लगता है , श्रद्धालुओं , यात्रियों , पर्यटकों का आना कम हो जाता है जिस वजह से मंदिर , बाजार आश्रमों और होटलों में सुना सुना लगता है।

आचार्य स्वामी रामकृष्णानंद महाराज (मारकंडे आश्रम) ने कहा की अमरकंटक का मौसम बदलने पर भक्तो का आवागमन कम हो ही जाता है , कोहरा का प्रकोप , भारी बारीश और ठंड परिवार वालो को ठीक नही रहता।

कुछ दिन पहले शुष्क मौसम में अमरकंटक भ्रमण पर आए शहडोल यूनिवर्शल कोचिंग सेंटर के प्रमुख भागवत तिवारी साथ में विक्रम सिंह ने बताया की हम अपने कोचिंग के सभी बच्चे व बच्चियों को भ्रमण कराने अमरकंटक ले के आए है , यहां आने पर सभी लोग अति प्रसन्न है , यहां के सभी प्रमुख स्थानों का भ्रमण कर चुके है और शहडोल की अपेक्षा यहां मौसम में ठंडक भी है । हमारे पूरे कोचिंग की टीम व सारे बच्चे यहां आने से अति प्रसन्न है।

स्कूलों की छुट्टियां जब भी पड़ती है तब अनेक स्कूलों के बच्चो के साथ शिक्षकगण अमरकंटक टूर में जरूर पहुंचते है । दीपावली पर्व के बाद लोगो का आवागमन काफी ज्यादा बना रहा । लेकिन मौसम ने यहां की रौनक को धीमा कर दिया । यह मौसम भी यहां के लिए कश्मीर से कम नहीं आका जा सकता , दूर दराज व शहरी क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं , पर्यटकों को यह मौसम का भी लुफ्त उठाते भी नजर आते है।

बलात्कार के आरोपी को न्यायालय ने सुनाई 20 वर्ष की सजा, पीड़िता को मिला 4 लाख रुपए प्रतिकर


अनूपपुर

न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कोतमा की न्यायालय ने थाना बिजुरी के अपराध की धारा 376, 376 (ए) (बी) भादवि 5/6 पॉक्सो अधिनियम के आरोपी 48 वर्षीय दिनेश केवट व पुत्र शोभई केवट को पाक्सो एक्ट की धारा 5/6 अनुकल्पित धारा 376 एबी भादवि में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5 हजार का अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं। साथ ही पीडिता को 4 लाख रूपयें की प्रतिकर राशि सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर के माध्यम से दिलाये जाने का आदेश दिया है। 

घटना 08 दिसंबर 21 को पीडिता दोपहर स्कूल से घर आई तो आरोपित दिनेश केवट उसे अपना पैर दबाने के बहाने छत पर ले गया और वहाँ उसके साथ गलत हरकत करने लगा जिससे पीडिता रोते हुए मॉ को घटना के बारे में बताया जिसके बाद घटना की रिपोर्ट थाना बिजुरी में की गई, पुलिस दिनेश केवट के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार किया और विवेचना पूर्ण होने के पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने मामलें को प्रमाणित करने के लिए 12 साक्षी एवं 26 प्रदर्शो को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिस पर न्यायालय ने आरोपित को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।

इस दौरान अपर लोक अभियोजक/एडीपीओ कोतमा द्वारा साक्ष्य व लिखित तर्क उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्याय दृष्टांतों सहित प्रस्तुत किये गये। प्रकरण में डीएनए साक्ष्य का आभाव था परंतु जिस पर अभियोजन ने अपने तर्क सहित न्याय संगत बात रखी, जिससे न्यायालय ने संतुष्ट होकर फैसला सुनाया।

कलेक्ट्रेट परिसर में धारा 144 प्रभावशील, अपर जिला दंडाधिकारी ने जारी किया आदेश 


अनूपपुर

अपर कलेक्टर एवं अपर जिला दंडाधिकारी सी पी पटेल ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत कार्यालय कलेक्टर अनूपपुर में जुलूस, आमसभा, नारेबाजी एवं ध्वनि विस्तारक यंत्र के आए दिन उपयोग से कार्यालयीन एवं न्यायालयीन कार्य प्रभावित होने एवं परीशांति भंग होने की संभावना को दृष्टिगत रख प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार कलेक्टर कार्यालय के परिसर में ध्वनि विस्तारक यंत्र पर रोक लगाने हेतु प्रतिबंधात्मक क्षेत्र घोषित किया गया है। कोई भी राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन अथवा कोई भी आंदोलनकारी व्यक्ति इस परिसर में प्रतिबंधित रहेंगे। ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग कलेक्ट्रेट परिसर एवं उससे लगे हुए 100 मीटर की परिधि में प्रतिबंधित किया गया है। ज्ञापन सौपे जाने हेतु कलेक्टर कार्यालय परिसर के मुख्य द्वार (मेन गेट) पर ही शांतिपूर्ण ढंग से कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए व्यक्ति, संगठन कार्यकर्ताओं द्वारा अधिकृत अधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। कोई भी दल/संगठन/आंदोलनकारी व्यक्ति, जुलूस, आमसभा या नारेबाजी, ज्ञापन आदि सौपे जाने से 3 दिवस पूर्व अनुविभागीय अधिकारी अनूपपुर से विधिवत लिखित में अनुमति प्राप्त करेगा और निर्धारित स्थल पर ही उक्त गतिविधियां करेंगे। आदेश में उल्लेखित किया गया है कि आदेश की तामीली सम्यक समय एवं पक्षों को करना संभव न होने के कारण एकपक्षीय रूप से तामील के निर्देश दिए गए हैं। आदेश का उल्लंघन किए जाने पर संबंधितों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत अभियोजन की कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश 2 माह तक की अवधि के लिए प्रभावशील किया गया है।

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget