जमीनी विवाद पर खूनी संघर्ष, 5 आरोपियों के खिलाफ 307 का मामला दर्ज


अनूपपुर/कोतमा

अनूपपुर जिले के कोतमा में जमीनी विवाद में खूनी संघर्ष हो गया। खेत में मेढ़ निर्माण करने से मना करने पर रंजिश के तहत मारपीट की। पुलिस ने 5 आरोपियों के खिलाफ धारा 307, 323, 34 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।दरअसल लकी नापित पिता राम मनोहर नापित उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम निगवानी ने बताया की ग्राम निगवानी का रहने वाला हूँ। ग्राम निगवानी में निगवानी सिलपुर रोड में हॉस्टल के पास मेरा खलिहान है। मेरे पश्चिम तरफ गोकुल नापित का खलिहान है। गोकुल नापित का खलिहान मेरे खलिहान से ढाल पर है। बरसात होने के कारण गोकुल अपने खलिहान तरफ से मिट्टी डाल कर मेढ़ बना रहे थे। जिस पर पिता ने मना किया था। गोकुल के पिता का कहना था की मेढ़ बंदी करने से मेरे खलिहान की धान खराब हो जाएगी।

इसी रंजिश को लेकर भाई संदीप को जान से मार डालने की नियत से गोकुल नापित हांथ मे लकड़ी का बेट लगी लोहे की फरसी लेकर विष्णु नापित के घर के सामने सिर में एक फरसी मार दिया। एक फरसी लाला नापित भाई संदीप को मारा, जो बाए कान में लगा। भाई संदीप के चिल्लाने की आवाज पर मैं और पिता राम मनोहर मां गीता दौड़ कर गई और पूछा काहे मार रहे हो।

इतना कहने पर लाला नापित एक लाठी मुझे मारा। जो दाहिने हाथ मे लगा। अमित नापित ने एक लाठी मारा जो बाए साइड पीछे तरफ कंधा मे लगा। भोलू नापित एक लाठी मारा जो बाये हांथ की अंगूली मे लगा। मां गीता पर मुकेश नापित लोहे की टंगिया के पासा से सिर में मारा। जिससे मां गिर गई। पिता राम मनोहर को गोकुल ने सिर में फरसी से मारा सभी लोग जान से मार डालने की नियत से मारपीट किए। पुलिस ने मारपीट करने वाले गोकुल नापित पिता खिलावन नापित, मुकेश नापित पिता खिलावन नापित, लाला नापित पिता खिलावन नापित, भोलू नापित पिता गोकुल नापित ग्राम निगवानी, अमित नापित पिता लाला नापित ग्राम निगवानी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

भार्गव ऋषि के सोलह महीने की अखंड साधना के बाद हर वर्ष भक्त करते है पूजन, हवन व भंडारा

*विश्व कल्याणार्थ भक्त प्रतिवर्ष करते है रुद्राभिषेक , हवन व पूजन*

*भक्तो को 2010 में बद्रीनाथ के नारायण पर्वत पर मिला था अंतिम दर्शन*


अनूपपुर/अमरकंटक

पवित्र नगरी अमरकंटक में उत्तर प्रदेश के फैजाबाद निवासी श्रीकांत त्रिपाठी ( भार्गव ऋषि ) जिनका बचपना यही पर गुजरा और उन्होंने बीएससी तक पढ़ाई फैजाबाद में करने के बाद वे बीटेक की पढ़ाई जम्मू से पूरी की । वे हार्डवेयर के इंजीनियर रहते हुए उन्होंने जम्मू के एक प्राइवेट विद्यालय में शिक्षक के पद पर रहकर नौकरी किए । कुछ समय बाद वही से उनको वैराग का प्रभाव पड़ने लगा । समय बीतता गया फिर उन्होंने नौकरी छोड़ कर वन्ही एक मित्र के पास रहने लगे । कुछ समय रहने के बाद वे विंध्याचल (मिर्जापुर) चले आए और अष्टभुजी माता मंदिर मोतिया तालाब के पास हनुमान जी के मंदिर में रह कर साधना करने लगे । दो साल साधना के बाद वे अमरकंटक चले आए । कुछ दिन बीतने के बाद उन्होंने जमुनादादार जंगल किनारे बरगद वृक्ष के नीचे छोटी सी कुटिया (घास फूस) बना कर तपस्या में लीन हो गए । भार्गव जी निराहार रहकर गाय के दूध का सेवन मात्र कर बरगद वृक्ष नीचे बैठ अखंड दीप प्रज्वलित कर , रोजाना रुद्राभिषेक , हवन , पूजन और कठोर तपस्या करने लगे । अमरकंटक में उनका आगमन 2007 में हुआ और सोलह माह तक तपस्या में लीन रहे । उनके मुख्य पुजारी अमेठी गौरीगंज के आचार्य दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी ने चर्चा के दौरान सारी जानकारी दी । यह भी बताया की भार्गव ऋषि जी अमरकंटक में तपस्या पूर्ण करने के बाद वे सांगीपुर (प्रतापगढ़) चले गए उसके बाद उन्होंने 2009 में उत्तरकाशी उत्तराखंड की ओर प्रस्थान कर गए । एक वर्ष बीतने के बाद उत्तरकाशी से पांडुकेश्वर चले गए वहां भी लगभग एक वर्ष पूरा किए करने के बाद बद्रीनाथ के आगे नारायण पार्वत पर गुफा में रह तपस्या में लीन हो गए जबकी वहां की सरकार अलकनंदा नदी के पास बना देवहरा बाबा आश्रम में रहने की अनुमति दी थी । 

भार्गव ऋषि के भक्तगण बद्रीनाथ का पट खुलने पर अपने गुरु के दर्शन हेतु जाते रहते थे , बर्फबारी ज्यादा होने पर किसी को ऊपर जाने की अनुमति नहीं रहती थी , जब उधर जाने का रास्ता मई 2010 माह में खुला तब उनके कुछ भक्त उमाशंकर सिंह परिहार सांगीपुर(प्रतापपुर) , करुणेश्वर झा, अभय सिंह , प्रताप सिंह व अन्य साथीगण गए तब गुफा में ताला बंद मिला , द्वार पर चाबी रखी थी और थोड़ा आगे कुछ पैसा , कागज रखा मिला लेकिन गुरु जी नही मिले । काफी जानकारी लिए लेकिन उनका पता नही लगा और अंत में भक्तगण निराश हो कर वापस लौट आए तब से आज तक गुरु के वापस आने का सभी को इंतजार है ।

उन्ही की याद में 2007 से लगातार आज तक कार्तिक मास की पूर्णिमा को सभी भक्तजन अमरकंटक के उस तपस्थली स्थान पर प्रतिवर्ष आकर बरगद वृक्ष नीचे बना चबूतरे व चारो तरफ साफ सफाई और लीप पोत कर स्वच्छ कर आचार्य द्वारा विधि विधान से रुद्राभिषेक , पूजन अर्चन बाद हवन कर , नगर भंडारा का आयोजन करवाया जाता है । जिसमे कन्या , संत महात्मा , ब्राम्हण , नगर वासी , अगंतुकजन सभी इसमें शामिल होकर भार्गव ऋषि के भंडारे में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण करते है और भक्तजन दक्षिणा प्रदान कर आशीर्वाद प्राप्त करते है । इसमें मुख्य रूप से संतोष सिंह परिहार उनका परिवारजन श्रीमति रीमा सिंह पुत्री अंजली सिंह पुत्र सचिन सिंह  प्रतापगढ़ , भानु प्रताप सिंह , डा. घायल , अशोक दुबे यूको बैंक शाखा प्रबंधक अयोध्या , बलराम तिवारी अयोध्या , राकेश यादव अयोध्या , अतुल यादव , ओम प्रकाश तिवारी प्रतापगढ़ , सुरेंद्र सिंह , अनूपचंद ओझा , मदन ओझा , रामविमल पांडेय अमरकंटक , श्रीमति सत्यभामा पांडेय , श्रीमति उषा पांडेय , कमलेश पांडेय , उमा पांडेय , रमा पांडेय , अभिषेक पांडेय आदि भारी संख्या में शामिल होकर कार्यक्रम को प्रतिवर्ष सफल बनाते है।

रुपए के लालच में किशोर ने परिवार के लड़के का किया अपहरण, पुलिस ने किया बरामद


अनूपपुर

अनूपपुर जिले के कोतमा थाना अंतर्गत 16 वर्षीय नाबालिग ने परिवार के ही 6 वर्षीय लड़के का अपहरण कर परिजनों से फिरौती भी मांगी हैं। परिजनों ने इसकी शिकायत कोतमा थाने में की। जिसके बाद पुलिस ने अपहरित लड़के को बरामद करते परिजनों को सौंप दिया। पुलिस के अनुसार नाबालिग ने रुपए के लालच में लड़के को अपहरण किया था। परिजनों ने अपनी शिकायत वापस लेते हुए एफआईआर दर्ज कराने से मना कर दिया।

ग्राम पचखूरा के 16 वर्षीय किशोर अपने परिवार के 6 वर्षीय लड़के को लेकर कोतमा वार्ड 7 बनिया टोला बर्थडे पार्टी में गया था। इसके बाद नाबालिग ने बच्चे का अपहरण कर फिरौती की मांग की। 6 वर्षीय बच्चे के परिजनों को मैसेज कर एक लाख की फिरौती मांगी। इसकी शिकायत परिजनों ने कोतमा थाने में की। जिसके बाद पुलिस ने बच्चे को छुड़ाते हुए परिजनों को सौंप दिया।

लड़का नाबालिग है, उसने एक दिन पहले एक नया सिम खरीदा था। रिश्तेदार के 6 वर्षीय लड़के को उसने बर्थडे पार्टी के बहाने घर से लेकर गया और नई सिम से लड़के के घर में मैसेज करवाया और एक लाख की मांग की। जान से खत्म कर देने की बात कही। कुछ देर बाद मोबाइल को बंद कर दिया। इसकी शिकायत लेकर परिजन थाने पहुंचे। जब किशोर ने मोबाइल को चालू किया। इसके बाद निगवानी के पास उसका मोबाइल लोकेशन मिला। जहां से लड़के को बरामद कर लिया, उसके बाद परिजनों ने शिकायत करने से मना कर दिया। उनका कहना है कि एक ही परिवार के हैं, इसलिए उन्होंने शिकायत नहीं की।

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