पटवारी की हत्या 8 पर मामला दर्ज 3 आरोपी गिरफ्तार, 5 फरार आरोपियों की तलाश जारी


शहड़ोल

पटवारी हत्या कांड मामले शहडोल पुलिस ने की बड़ी कार्यवाही, अवैध रेत के कारोबार से जुड़े 8 रेत माफियाओं के खिलाफ किया मामला दर्ज, रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन करने वाले 8 लोगो के खिलाफ देवलोंद पुलिस ने  किया मामला दर्ज, पटवारी को ट्रेक्टर से कुचल कर हत्या करने वाले चालक समेत ट्रेक्टर मालिक व उत्खनन करने वाले दो अन्य लोगो समेत 4 अन्य ट्रेक्टर चालक के खिलाफ किया मामला दर्ज, पटवारी को ट्रेक्टर से कुचलने वाले ट्रेक्टर चालक शुभम विश्वकर्मा ट्रेक्टर मालिक नारायण सिह, उत्खनन कर परिवहन करने वाले नारायण सिह व पवन सिह समेत 4 अन्य ट्रेक्टर चालक के खिलाफ किया मामला दर्ज, पुलिस ने अभी तक 3 आरोपी को गिरफ्तार किया है जिसमे आरोपी ट्रेक्टर चालक शुभम विश्वकर्मा  रेत का उत्खनन कर परिवहन कराने वाले आरोपी नारायण सिह व पवन सिह शामिल है। अभी 5 अन्य आरोपी  फरार है। फरार आरोपियों की शहड़ोल पुलिस सरगर्मी से तलास कर रही है।

शहड़ोल जिले के गोपालपुर बरहाई से रेत उत्खनन कर मैहर जिले के कुबरी सोन नदी में आरोपियो ने किया था रेत का भंडारण 8 हाईवा  रेत (120 घन मीटर) एवं 2 ट्रेक्टर जप्त जिसे शहडोल पुलिस ने कार्यवाही करते हुए जप्त कर लिया है।

लगता है जाम, बेलगाम हुआ व्यवस्था, यातायात  व्यवस्था को लगा सूर्य व चंद्रग्रहण

*ट्रैफिक पुलिस लगी वसूली में, यातायात प्रभारी नही संभाल पर रहे हैं कमान, नो एंट्री में घुसपैठ*


अनूपपुर

अनूपपुर जिले की यातायात पुलिस इन दिनों बेलगाम व रामभरोसे चल रही हैजा रही है। जिला मुख्यालय में हर रास्ते,सड़को मे आड़े तिरछे खड़े वाहन, सड़को पर पार्किंग की वजह से लगातार जाम की स्थिति निर्मित होती हैं, हादसे भी होते रहते है, उसके बाबजूद भी यातायात विभाग की कुम्भकर्णी नींद नही खुल रही हैं। विभाग केवल खानापूर्ति में लगा रहता हैं। जिला मुख्यालय जहां पर जिले के आला अधिकारियों के कार्यालय व निवास है यहाँ यह हाल है तो बाकी जगह क्या होगा से सभी समझ सकते है। नवागत यातायात प्रभारी विनोद दुबे के कार्यभार सम्भालने के बाद यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई हैं। केवल जिला मुख्यालय की यातायात व्यवस्था सुधार पाने में नाकाम साबित हो रहे है। देखा जा रहा हैं नए यातायात प्रभारी बत्ती जलाकर, सायरन बजाकर गाड़ी में बैठकर घूमने से यातायात व्यवस्था नही सुधरेगी बल्कि जमीनी स्तर पर उतरकर व्यवस्था सुधारनी पड़ेगी। लेकिन ऐसा लगता हैं कि इनके बस की बात नही है, किसी नए प्रभारी को जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी।

*रोज लगता हैं जाम*

जिला मुख्यालय से होकर प्रतिदिन लगभग 1 हजार वाहनों आना जाना होता है इनके आने जाने का मार्ग बीच शहर से होकर गुजरने के कारण सुबह से रात 8 बजे तक भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित किया गया हैं। कुछ भारी वाहनों को रात 8 बजे तो कैप्सूल वाहनों को रात 10 बजे नो एंट्री खोल दिया जाता हैं। जैसे ही नो एंट्री खुलता हैं दोनों तरफ से भारी वाहन जल्दी निकलने के चक्कर मे रात में घंटों जाम लग जाता हैं। जाम न लगे यातायात व पुलिस विभाग के कोई भी कर्मचारी कोई भी मौजूद नही होता। विभाग की लापरवाही से रात में लोग घंटो जाम में फंसे रहते हैं। घंटो जाम के बाद यातायात विभाग प्रकट होती हैं फिर विनोद दुबे के टीम डंडे के रौब के दम पर जाम को खुलवाने के प्रयास करती हैं। कुछ दिनों पहले रात में 10 बजे 1 घंटे से ज्यादा जाम लगा जिसमे एक आपातकालीन जिला अस्पताल से रेफर मरीज का एम्बुलेंस फंसा रहा जिसमे मरीज घंटो तड़पता रहा। जिला मुख्यालय का यह हाल कब तक रहेगा यह कह पाना मुश्किल है।अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत चरितार्थ हो रही हैं।

*राष्ट्रीय राजमार्ग में वसूलते है एंट्री*

यातायात विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की दादागिरी सुबह होते ही यंहा पदस्थ कर्मचारियों के द्वारा अपने चेकिंग वाहन में खाना पानी रखकर शाम तक के लिए जिले के कोयलांचल क्षेत्र कोतमा ,बिजुरी, रामनगर, बरतराई में डेरा डालकर उच्चतम न्यायालय के आदेश का बहाना बताकर राष्ट्रीय राजमार्ग 43 में एंट्री वसूली का खेल खेलते हुए गरीब ,मजदूर,किसान के साथ आम पब्लिक का जेब काटकर मुँह देखी कार्यवाही करते हुए अपनी जेब भरने में मस्त देखे जा रहे है। 

*हाई कोर्ट के आदेश का पालन नही कर रहे है अवैध वसूली*

जबकि उच्चतम न्यायालय का स्पष्ट आदेश है सड़कों में लगातार हो रही दुर्घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए आम जनता को प्रचार, प्रसार ,पम्पलेट के माध्यम से हेलमेट एवं सीटबेल्ट लगाए जाने के लिये जन जागरूकता अभियान चलाकर सार्वजनिक स्थलों के साथ स्कूल, कालेज में अध्ययन कर रहे छात्र छात्राओं को जागरूक किया जाना है ताकि लोग स्वयं अपने व अपने परिवार के प्रति जिम्मेदार बनकर हेलमेट, एव सीटबेल्ट लगाकर यात्रा करें और लगातार हो रही दुर्घटनाओं के कारण हो रही मौत में लगाम लगाया जा सके। लेकिन अनूपपुर जिले के ट्रैफिक पुलिस के अगर बात करें तो यंहा हाईकोर्ट का आदेश के बहाने लगातार उल्टा करते हुए सार्वजनिक स्थलोँ में जनजागरूकता के बजाय जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों कोयलांचल  में पहुंचकर हाईवे एवं मुख्यमार्गों पर शहरी आवासीय क्षेत्र से किनारे होकर एंट्री वसूली जा रही है।

प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसते हैं भारी वाहन*

 पूरे मामले में जिला मुख्यालय अनूपपुर की अगर बात करें तो बाईपास ना होने के कारण स्कूल, कॉलेज ,मुख्य बाजार ,अस्पताल जिला एवं सत्र न्यायालय ,के संचालन को मद्दे नजर रखते हुए कलेक्टर अनूपपुर के द्वारा मुख्य मार्ग जैतहरी के साई मंदिर से लेकर अमरकंटक तिराहा अंडर ब्रिज सामतपुर चौक के साथ सोन पुल एकलव्य विद्यालय तक सुबह से रात 8 बजे तक भारी वाहनो के प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित है उसके बाबजूद  नगर में भारी वाहन चलाये जाने हेतु प्रवेश वर्जित किया गया था जिसे स्थानीय यातायात पुलिस के द्वारा मुंह देखकर सांठ गांठ के साथ प्रतिबंधित क्षेत्र होने के बावजूद भी गाड़ियों को निकलवा दिया जाता है। और जिन वाहनों के मालिकों से सेटिंग नही बन पाती उन्हें सुबह 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक शहर से बाहर खड़े रहने के लिये मजबूर कर दिया जाता है,जबकि वहां खड़े वाहन चालक देखकर रह जाते हैं कि एक जिले में पुलिस के दो कानून चलाए जा रहे है।

अज्ञात वाहन से टकराने से मादा चीतल की मौत, हुआ दाह संस्कार


 अनूपपुर

जिला मुख्यालय से 18 ककिलोमीटर दूर पर स्थित किरर घाट में अज्ञात वाहन की ठोकर से बुरी तरह कुचलने पर एक मादा चीतल की मौत हो गई जिसकी सूचना एक राहगीर द्वारा दिए जाने पर वन विभाग ने कार्यवाही करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में दाह संस्कार किया।

अनूपपुर-अमरकंटक मुख्य मार्ग के मध्य की किरर बीट के किरर गांव में वनचौकी के समीप कक्ष क्रमांक पी,एफ,382 मे राजेंद्रग्राम से शहडोल की ओर जा रहे अज्ञात वाहन से टकराने पर खेतो से आहार खा कर जंगल की ओर जा रहे वन्यप्राणी मादा चीतल जो दो वर्ष की बुरी तरह कुचलने से मौत हो गई। सड़क मार्ग से राजेंद्रग्राम निवासी प्रमोद शर्मा जो परिवार के साथ जा रहे थे ने मादा चीतल को मृत स्थिति में रोड मे पड़ा देखने पर जिला मुख्यालय अनूपपुर के वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल को सूचना दिए, उसके बाद वन विभाग किरर के कर्मचारियों को सूचित करते हुए स्वयं घटना स्थल पर पहुंचे इस दौरान मृत मादा चीतल के शव का पंचनामा एवं पशु चिकित्सक डॉक्टर योगेश चन्द्र दीक्षित एवं उनके सहायक संतकुमार श्याम के द्वारा शव विच्छेदन की कार्यवाही की गई मृत मादा चीतल को पूरे सम्मान के साथ कफन,फूल अर्पित करते हुए  प्रभारी एस,डी,ओ,वन अनूपपुर बादसाह रावत,तहसीलदार अनूपपुर गौरीशंकर शर्मा,वन परिक्षेत्र अधिकारी अनूपपुर स्वर्णगौरव सिंह,परिक्षेत्र सहायक किरर देवेंद्र कुमार पांडे,वन्यजीव संरक्षक अनूपपुर शशिधर अग्रवाल,वनरक्षक किरर हरिशंकर महरा, मो. रहीस खान,वनचौकी किरर के वन कर्मचारियो एवं सुरक्षाश्रमिको की उपस्थिति में दाह संस्कार किया गया।

 

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