लगता है जाम, बेलगाम हुआ व्यवस्था, यातायात व्यवस्था को लगा सूर्य व चंद्रग्रहण
*ट्रैफिक पुलिस लगी वसूली में, यातायात प्रभारी नही संभाल पर रहे हैं कमान, नो एंट्री में घुसपैठ*
अनूपपुर
अनूपपुर जिले की यातायात पुलिस इन दिनों बेलगाम व रामभरोसे चल रही हैजा रही है। जिला मुख्यालय में हर रास्ते,सड़को मे आड़े तिरछे खड़े वाहन, सड़को पर पार्किंग की वजह से लगातार जाम की स्थिति निर्मित होती हैं, हादसे भी होते रहते है, उसके बाबजूद भी यातायात विभाग की कुम्भकर्णी नींद नही खुल रही हैं। विभाग केवल खानापूर्ति में लगा रहता हैं। जिला मुख्यालय जहां पर जिले के आला अधिकारियों के कार्यालय व निवास है यहाँ यह हाल है तो बाकी जगह क्या होगा से सभी समझ सकते है। नवागत यातायात प्रभारी विनोद दुबे के कार्यभार सम्भालने के बाद यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई हैं। केवल जिला मुख्यालय की यातायात व्यवस्था सुधार पाने में नाकाम साबित हो रहे है। देखा जा रहा हैं नए यातायात प्रभारी बत्ती जलाकर, सायरन बजाकर गाड़ी में बैठकर घूमने से यातायात व्यवस्था नही सुधरेगी बल्कि जमीनी स्तर पर उतरकर व्यवस्था सुधारनी पड़ेगी। लेकिन ऐसा लगता हैं कि इनके बस की बात नही है, किसी नए प्रभारी को जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी।
*रोज लगता हैं जाम*
जिला मुख्यालय से होकर प्रतिदिन लगभग 1 हजार वाहनों आना जाना होता है इनके आने जाने का मार्ग बीच शहर से होकर गुजरने के कारण सुबह से रात 8 बजे तक भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित किया गया हैं। कुछ भारी वाहनों को रात 8 बजे तो कैप्सूल वाहनों को रात 10 बजे नो एंट्री खोल दिया जाता हैं। जैसे ही नो एंट्री खुलता हैं दोनों तरफ से भारी वाहन जल्दी निकलने के चक्कर मे रात में घंटों जाम लग जाता हैं। जाम न लगे यातायात व पुलिस विभाग के कोई भी कर्मचारी कोई भी मौजूद नही होता। विभाग की लापरवाही से रात में लोग घंटो जाम में फंसे रहते हैं। घंटो जाम के बाद यातायात विभाग प्रकट होती हैं फिर विनोद दुबे के टीम डंडे के रौब के दम पर जाम को खुलवाने के प्रयास करती हैं। कुछ दिनों पहले रात में 10 बजे 1 घंटे से ज्यादा जाम लगा जिसमे एक आपातकालीन जिला अस्पताल से रेफर मरीज का एम्बुलेंस फंसा रहा जिसमे मरीज घंटो तड़पता रहा। जिला मुख्यालय का यह हाल कब तक रहेगा यह कह पाना मुश्किल है।अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत चरितार्थ हो रही हैं।
*राष्ट्रीय राजमार्ग में वसूलते है एंट्री*
यातायात विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की दादागिरी सुबह होते ही यंहा पदस्थ कर्मचारियों के द्वारा अपने चेकिंग वाहन में खाना पानी रखकर शाम तक के लिए जिले के कोयलांचल क्षेत्र कोतमा ,बिजुरी, रामनगर, बरतराई में डेरा डालकर उच्चतम न्यायालय के आदेश का बहाना बताकर राष्ट्रीय राजमार्ग 43 में एंट्री वसूली का खेल खेलते हुए गरीब ,मजदूर,किसान के साथ आम पब्लिक का जेब काटकर मुँह देखी कार्यवाही करते हुए अपनी जेब भरने में मस्त देखे जा रहे है।
*हाई कोर्ट के आदेश का पालन नही कर रहे है अवैध वसूली*
जबकि उच्चतम न्यायालय का स्पष्ट आदेश है सड़कों में लगातार हो रही दुर्घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए आम जनता को प्रचार, प्रसार ,पम्पलेट के माध्यम से हेलमेट एवं सीटबेल्ट लगाए जाने के लिये जन जागरूकता अभियान चलाकर सार्वजनिक स्थलों के साथ स्कूल, कालेज में अध्ययन कर रहे छात्र छात्राओं को जागरूक किया जाना है ताकि लोग स्वयं अपने व अपने परिवार के प्रति जिम्मेदार बनकर हेलमेट, एव सीटबेल्ट लगाकर यात्रा करें और लगातार हो रही दुर्घटनाओं के कारण हो रही मौत में लगाम लगाया जा सके। लेकिन अनूपपुर जिले के ट्रैफिक पुलिस के अगर बात करें तो यंहा हाईकोर्ट का आदेश के बहाने लगातार उल्टा करते हुए सार्वजनिक स्थलोँ में जनजागरूकता के बजाय जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों कोयलांचल में पहुंचकर हाईवे एवं मुख्यमार्गों पर शहरी आवासीय क्षेत्र से किनारे होकर एंट्री वसूली जा रही है।
प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसते हैं भारी वाहन*
पूरे मामले में जिला मुख्यालय अनूपपुर की अगर बात करें तो बाईपास ना होने के कारण स्कूल, कॉलेज ,मुख्य बाजार ,अस्पताल जिला एवं सत्र न्यायालय ,के संचालन को मद्दे नजर रखते हुए कलेक्टर अनूपपुर के द्वारा मुख्य मार्ग जैतहरी के साई मंदिर से लेकर अमरकंटक तिराहा अंडर ब्रिज सामतपुर चौक के साथ सोन पुल एकलव्य विद्यालय तक सुबह से रात 8 बजे तक भारी वाहनो के प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित है उसके बाबजूद नगर में भारी वाहन चलाये जाने हेतु प्रवेश वर्जित किया गया था जिसे स्थानीय यातायात पुलिस के द्वारा मुंह देखकर सांठ गांठ के साथ प्रतिबंधित क्षेत्र होने के बावजूद भी गाड़ियों को निकलवा दिया जाता है। और जिन वाहनों के मालिकों से सेटिंग नही बन पाती उन्हें सुबह 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक शहर से बाहर खड़े रहने के लिये मजबूर कर दिया जाता है,जबकि वहां खड़े वाहन चालक देखकर रह जाते हैं कि एक जिले में पुलिस के दो कानून चलाए जा रहे है।