अवैध रेत माफियाओं ने ट्रैक्टर से पटवारी कुचला, मौके पर हुई मौत, आरोपी गिरफ्तार


शहड़ोल

शहडोल में रेत खनन माफिया ने पटवारी को ट्रैक्टर से कुचल दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वारदात रात करीब 12 बजे की है । सुबह पुलिस ने ट्रैक्टर चालक को गिरफ्तार किया है। ब्योहारी तहसील के खड्डा में पदस्थ पटवारी प्रसन्न सिंह अपने तीन साथियों के साथ सोन नदी में हो रहे अवैध खनन को रोकने गया था। टीम ने घाट पर रेत के परिवहन में लगे एक ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश की। इसी दौरान चालक ने पटवारी पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया और फरार हो गया। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना के बाद साथी पटवारियों ने प्रशासन को सूचना दी। रात भर शव घाट पर ही पड़ा रहा। पुलिस रविवार सुबह मौके पर पहुंची।

कलेक्टर वंदना वैद्य ने कहा कि रेत माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पटवारी के परिजनों सहायता राशि दी जाएगी। एसपी कुमार प्रतीक ने बताया कि हत्या का मामला दर्ज किया गया है। सूचना मिलते ही एएसपी दिनेश चंद्र सागर ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 30 हजार के इनाम की घोषणा की थी। आरोपी ट्रैक्टर चालक शुभम विश्वकर्मा निवासी मैहर को गिरफ्तार कर लिया गया है। ट्रैक्टर भी जब्त कर लिया है।

शहडोल जिले में रेत और कोयले का अवैध खनन जोरों पर है। शनिवार को खनिज विभाग ने 250 घनमीटर अवैध रेत जब्त की थी।  अवैध खनन माफिया के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न होने के कारण उनके हौसले काफी बुलंद हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्वीट किया हैं कि शहडोल में रेत माफिया द्वारा अवैध खनन रोकने गए पटवारी प्रसन्न सिंह को ट्रैक्टर से कुचलकर मार देने की जघन्य वारदात सामने आई है। यह पहला मौका नहीं है, जब मध्यप्रदेश में रेत माफिया ने इस तरह किसी सरकारी व्यक्ति को कुचलकर मार दिया हो। मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं। ईश्वर उनके परिजन को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे। मैं प्रशासन से मांग करता हूं कि दिवंगत पटवारी के परिवार को समुचित आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। ओम शांति।

वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह के राज में मध्यप्रदेश की कानून-व्यवस्था चौपट हो गई है। पटवारी, माइनिंग और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के कर्मचारियों पर लगातार हमले हो रहे हैं। रेत माफिया, पत्थर माफिया, शराब बेचने वाले खुलकर गुंडागर्दी कर रहे हैं। सरकार का संरक्षण मिलने की वजह से ही उनकी इतनी हिम्मत बढ़ी है। 

KISS-डीयू ने मनाया तीसरा दीक्षांत समारोह उपस्थित रहे ओडिशा और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल

भारत को विकसित देश बनाना है तो आदिवासियों का विकास जरूरी: राज्यपाल रघुवर दास


भुवनेश्वर

कलिंग इंस्टीट्यूट आफ सोशियल साइंसेस, कीस डीम्ड विश्वविद्यालय ने आज अपना तीसरा दीक्षांत समारोह मनाया। लगभग 302 से अधिक छात्र-छात्राओं को  स्नातकोत्तर और पीएचडी की  डिग्री प्राप्त की।

समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने भारत की उन्नति और विकास में जनजातीय छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। भारत को विकसित देश बनाना है तो आदिवासियों का विकास जरूरी है।-यह बात ओडिशा के राज्यपाल ने कही।उन्होंने  जनजातीय सशक्तिकरण के लिए कीट और कीस के संस्थापक डॉ अच्युत सामंत के योगदानों की  प्रशंसा की। राज्यपाल ने कहा कि हमारे गृह राज्य झारखंड के हजारों आदिवासी छात्र इस शैक्षिक संस्थान के जरिए अपने सपने को साकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आदिवासी समुदायों के लिए भी गर्व की बात है कि आजादी के 75 साल बाद भारत के पास द्रौपदी मुर्मु के रूप में एक आदिवासी नेता देश की राष्ट्रपति हैं। डा. सामंत ने समारोह में अतिथियों और स्नातक छात्रों के माता-पिता के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन भी इस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। परमार्थ निकेतन आश्रम, ऋषिकेश के अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती और सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के मुख्य फिनटेक अधिकारी तथा एलेवेंडी बोर्ड के अध्यक्ष शोपनेन्दु महंती आदि को मानद डी.लिट की डिग्री प्रदान की गई।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचन्दन ने कीट और कीस की स्थापना के लिए डा. सामंत के धैर्य और दृढ़ संकल्प की सराहना की और छात्रों से यह निवेदन किया कि वे  अपने पेशेवर जीवन को आगे बढ़ाते हुए अपने माता-पिता और मातृभूमि की सेवा को नहीं भूलें! उन्होंने कहा कि पढ़ लिखकर कीस के छात्र चाहे भारत में रहें या विदेश में अपनी मातृभूमि को सदैव याद रखें।

जी-20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कीट और कीस को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थान बताया। गौरतलब है कि कीस एक ऐसा अनुष्ठान है जहां आदिवासी बच्चों को मुफ्त में केजी से पीजी तक शिक्षा प्रदान की जाती है। उन्होंने डिजिटल क्रांति सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आर्थिक विकास की एक श्रृंखला को सूचीबद्ध किया और कहा कि भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

शोपनेन्दु महंती ने अपने अनुभव को साझा किया और भविष्य में कीस के छात्रों के कोच बनने की बात कही ।

आध्यात्मिक गुरु चिदानंद सरस्वती ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से जनजातीय समाज के विकास के लिए जो प्रयास डा. सामंत कर रहे हैं, वह प्रशंसनीय है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जिस तरह से राज्य को समृद्धि के रास्ते पर ले जा रहे हैं, ठीक उसी तरह डा. सामंत भी लाखों आदिवासी छात्रों को उनके सपनों को पूरा करने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्थापक का स्वर्ण पदक पाने वाले 15 छात्रों में से 11 लड़कियां हैं और जिन छात्रों ने आज पदक जीता , वे कल समाज के आदर्श बनेंगे।

समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में  उपस्थित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पा चुके भारतीय संगीतकार और तीन बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता डॉ. रिकी जी. केज ने छात्रों से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को संबोधित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सार्थक बदलाव तभी हो सकता है जब व्यक्ति दूसरों की प्रतीक्षा करने के बजाय खुद को बदले और अपनी जिम्मेदारियों को समझे।

कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सत्य एस त्रिपाठी, कुलपति प्रोफेसर दीपक कुमार बेहरा और कुलसचिव डा पी के राउतराय ने भी अपने अपने विचार रखे। दीक्षांत समारोह में कीट -कीस की अध्यक्षा शाश्वती बल, उपाध्यक्ष उमापद बोस और विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारीगण मौके पर उपस्थित थे।

नेत्रहीन युवक-युवती ने विवाह रचाकर जीवन भर साथ निभाने का किया वादा


अनूपपुर

कब प्रेम विवाह में बदल जाए और साथ रहने का संकल्प ले किसी को पता नही होता नेत्रहीन युवक-युवती ने परिणय सूत्र बंधकर जीवन भर साथ रहने का वचन लिया। इस विवाह में कन्यादान करने वालों से लेकर बारात में नाचने वाले भी कई लोग नेत्रहीन ही रहें। वहीं वर-वधु को आशीर्वाद देने आए लोग अपने आपको अन्य से बेहतर बताया।

साथ रहने का संकल्प ले नेत्रहीन युवक अनूपपुर निवासी प्रतीक गुप्ता ने आज नेत्रहीन युवती दिल्ली निवासी काजल से प्रेम विवाह कर समाज के सामने मिसाल पेश की हैं। प्रतीक गुप्ता और काजल की मुलाकात दिल्ली में एक पारिवारिक वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान हुई थी। जहां से दोनों में दोस्ती प्रेम में बदल गई और जीवन भर साथ निभाने का वादा कर लिया। वर प्रतीक स्टेट बैंक में कार्यरत है, वहीं वधु काजल अब प्रतीक की जीवन साथी बनकर दोनो साथ निभाने की कसमें खाई । विवाह में कन्यादान करने वालों से लेकर बारात में नाचने वाले भी कई लोग नेत्रहीन ही रहें । वर- वधु से लेकर को आशीर्वाद देने वाले लोग नेत्रहीनों ने अपने- आपको अन्य से बेहतर बताते हुए कहा कि यदि एक दिव्यांग हो और दूसरा भी दिव्यांग हो तो कहीं ना कहीं एक दूसरे से आपसी प्रेम भाव भी बना रहता है। जब दोनों एक जैसे हो तो यह प्यार और भी मजबूत होता है। एक दूसरे के तालमेल बनाकर यह अपना सुखमय वैवाहिक जीवन व्यतीत करते हैं। इन दोनों के बीच में प्रेम था और इन दोनों ने आपस में सामंजस्य बना यह विवाह किया है।

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