स्ट्रांग रूम के बाहर कांग्रेसी विधायक व कार्यकर्ता की एलईडी के माध्यम से कर रहे हैं पहरेदारी


अनूपपुर

विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। अब सभी को दिसंबर का इंतजार है, जब ईवीएम मशीन खुलेगा। वैसे तो ईवीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होती है। लेकिन अनूपपुर जिले में कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला है। जहां स्ट्रांग रूम की पहरेदारी कांग्रेस विधायक और कार्यकर्ता कर रहे हैं। उन्होंने भाजपाई प्रशासन से इसे खतरा बताया है। सभी स्ट्रांग रूम के सामने टेंट लगा कर एलईडी स्क्रीन पर दिन-रात नजर बनाए हुए हैं। दरअसल, जिले के पॉलिटेक्निक कालेज में बने स्ट्रांग रूम के बाहर कांग्रेस विधायक सुनील सराफ और उनके कार्यकर्ता वोटिंग के बाद से ही जमे हुए हैं। सभी स्ट्रांग रूम के सामने टेंट लगा कर एलईडी स्क्रीन पर दिन-रात नजर बनाए हुए हैं।

कांग्रेसी विधायक भी 24 घंटे नजर गड़ाए हुए हैं। सुबह से लेकर रात तक हर पल उनकी निगाहें बाहर लगी स्क्रीन पर लगी हुई है। कांग्रेसियों का कहना है कि भाजपाई प्रशासन से खतरा है  यह हमारी सजकता है और हम यदि यहां से चले जाते हैं और निगरानी नहीं रखते तो कुछ भी हो सकता है। हमें प्रशासन पर भरोसा नहीं है। प्रशासन कहीं ना कहीं भाजपा के इशारे पर चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन आरएसएस, और भाजपा के इशारों पर नाचता है।।

अनियमितता पर सीसीएफ ने रेंजर, डिप्टी रेंजर एवं वनपाल को किया निलंबित


अनूपपुर

अनूपपुर जिले में वनों में कूप की गलत मार्किंग व अनियमितताओं के कारण वनों की कटाई हुई थी जिसकी जांच चल रही थी, जांच में गलत पाए जाने पर सीसीएफ शहडोल ने रेंजर को एवं वनमंडलाधिकारी अनूपपुर ने डिप्टी रेंजर एवं वनपाल को निलंबित कर दिया है।

वनमंडलाधिकारी एस के प्रजापति ने बताया कि वर्ष 2021- 22 में वनो के कूप में कटाई के लिए मार्किंग करने का कार्य रेंजर पियूष त्रिपाठी के नेतृत्व में डिप्टी रेंजर रमेश चंद्र द्विवेदी एवं वनपाल भूपेंद्र मांझी बीट बम्हनी की देखरेख में कराई गई, जो जांच के दौरान गलत पाए जाने व अनियमितता पाई गई। जिस पर सीसीएफ शहडोल ने रेंजर पियूष त्रिपाठी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए मुख्यालय शहडोल नियत किया है। वहीं डिप्टी रेंजर रमेश चंद्र द्विवेदी एवं वनपाल भूपेंद्र मांझी को वनमंडलाधिकारी ने निलंबित करते हुए मुख्यालय अनूपपुर वनमंडलाधिकारी कार्यालय नियत किया है।

75 हजार की रिश्वत लेने पर उपसंचालक को न्यायालय ने सुनाई 4 वर्ष की सजा   


 

शहडोल

आमोद आर्य प्रथम अपर सत्र न्यायाधीष (विशेष  न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988) शहडोल के द्वारा  विषेष सत्र  प्रकरण क्र. 03/16 शासन विरूद्ध शैलेष विनायक कोहद तात्‍कालीन उपसंचालक नगर तथा ग्राम निवेश शहडोल  को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7,13(1)डी तथा 13(2) दोनों धाराओं में 4-4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000 रू के अर्थदंड से दंडित किया गया।  प्रकरण में अभियोजन की ओर से श्रीमती कविता कैथवास विशेष लोक अभियोजक शहडोल द्वारा सशक्त पैरवी की गई।

*ये है मामला*

संभागीय जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) श्री नवीन कुमार वर्मा द्वारा जानकारी दी गई कि दिनांक 13 अप्रैल 2014 को शिकायतकर्ता हरीश अरोरा पिता स्व. इंद्रराज अरोरा  उम्र 45 वर्ष पाण्डव नगर शहडोल ने एक लिखित शिकायत पत्र पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त रीवा को इस आशय का प्रस्तुत किया कि मैं वह ग्राम कुदरी तहसील सोहागपुर में उसकी पत्नी श्रीमती रज्जी अरोरा के नाम से 21 एकड़ भूमि जिसमें एक कॉलोनी/टाउनसिप का निर्माण करना चाह रहा था जिसके सबंध में उसने आरोपी शैलेश विनायक कोहद उपसंचालक नगर तथा ग्राम निवेश को टाइनशिप का नक्शा पास करने के एवज में 75 हजार के रिश्वत की मांग की थी।  शिकायतकर्ता की उक्त शिकायत पर लोकायुक्त संगठन रीवा द्वारा ट्रेप कार्यवाही के दौरान दिनांक 17 अप्रैल 2014 को आरोपी को कार्यालय उपसंचालक नगर तथा ग्राम निवेश में 75 हजार रुपए नगद रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपी के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7,13(1)डी,13(2) के अधीन चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget