अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के 'नियमन रिपोर्ट्स' में अंकित की साहसिक पत्रकारिता पर लेख प्रकाशित

*हार्वर्ड ने किया अंकित पचौरी की मानवीय पत्रकारिता को सलाम*


भोपाल

मध्यप्रदेश के पत्रकार अंकित पचौरी ने अपनी साहसिक पत्रकारिता से न केवल समाज को जागरूक किया है, बल्कि अब उनकी आवाज़ अंतरराष्ट्रीय मंचों तक गूंज रही है। अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता प्रकाशन ‘नियमन रिपोर्ट्स’ में उनकी प्रेरणादायक और संघर्षशील पत्रकारिता को स्थान दिया गया है। इस लेख ने न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के ‘नियमन रिपोर्ट्स’ ने अपने लेख में अंकित पचौरी की उन रिपोर्टों को प्रमुखता से शामिल किया है, जिनमें उन्होंने वंचित और हाशिए पर खड़े समुदायों की समस्याओं को न केवल उजागर किया बल्कि समाधान की दिशा में भी कदम बढ़ाए। रिपोर्ट में विशेष रूप से उस घटना का उल्लेख है जब अंकित ने मध्यप्रदेश की एक दलित महिला और उसकी लिव-इन रिलेशनशिप से जन्मी बच्ची के शिक्षा के अधिकार के लिए अभियान चलाया। यह मुद्दा पहले मुख्यधारा की मीडिया में नजरअंदाज कर दिया गया था, लेकिन अंकित की रिपोर्टिंग ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया।

*सामाजिक न्याय के लिए समर्पित पत्रकारिता*

पिछले एक दशक से अंकित पचौरी ‘द मूकनायक’ जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से दलितों, आदिवासियों और अन्य उपेक्षित समुदायों की आवाज़ को बुलंद कर रहे हैं। उनकी रिपोर्टिंग ने न केवल इन समुदायों के अधिकारों को राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा बनाया है, बल्कि सरकार और प्रशासन को भी इनके मुद्दों पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया है। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने डिजिटल मीडिया को एक ऐसा माध्यम बनाया है, जिसके जरिए वे सामाजिक न्याय के लिए एक मजबूत आवाज़ बन चुके हैं।

*‘नियमन रिपोर्ट्स’ का विशेष उल्लेख*

‘नियमन रिपोर्ट्स’ ने लिखा है कि अंकित की पत्रकारिता एक ऐसा उदाहरण है, जो दिखाती है कि साहस, दृढ़ता और मानवीय संवेदनाएं किस तरह पत्रकारिता को समाज के लिए बदलाव का जरिया बना सकती हैं। लेख में उनके पिछले तीन वर्षों की उन रिपोर्टों का उल्लेख किया गया है, जिनमें उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक असमानता और जातिगत अन्याय जैसे मुद्दों पर गहराई से काम किया।

*अंकित का योगदान और प्रेरणा*

हार्वर्ड के इस लेख में यह भी बताया गया है कि अंकित ने किस तरह डिजिटल मीडिया को सशक्त हथियार बनाकर समाज के कमजोर वर्गों की आवाज़ को मुख्यधारा में लाने का काम किया। उनकी कहानियां न केवल उन वर्गों के संघर्ष को उजागर करती हैं, बल्कि उन्हें सशक्त करने का मार्ग भी दिखाती हैं।

*अंतरराष्ट्रीय पहचान से प्रदेश का मान बढ़ा*

मध्यप्रदेश के एक छोटे से शहर से निकलकर वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाले अंकित पचौरी का नाम आज हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा बन चुका है, जो पत्रकारिता के माध्यम से समाज में बदलाव लाने का सपना देखता है। उनकी इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि सही दृष्टिकोण और अथक परिश्रम से सीमाएं तोड़ी जा सकती हैं।

गांधी विरासत को बचाने राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का 50 वां दिन पूरा

*न्याय के दीप जलाएं-100 दिनी सत्याग्रह*


शहड़ोल

गांधी विरासत को बचाने के लिए राजघाट परिसर, वाराणसी के सामने चल रहे सत्याग्रह का आज 50 वां दिन है। इस सत्याग्रह का मध्यांतर है अर्थात 50 दिन पूरे हो गए। इस 100 दिनी सत्याग्रह में अब तक उड़ीसा, झारखंड,पश्चिम बंगाल, बिहार,उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि राज्यों की प्रत्यक्ष भागीदारी हो चुकी है। इसके अलावा कई समविचारी संगठनों ने इसमें अपनी भागीदारी निभाई है।

आज सत्याग्रह में उपवास पर मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से भूपेश भूषण और राजेश मानव बैठे हैं। भूपेश भूषण गांधी विचार की सर्वोच्च संस्था सर्व सेवा संघ के युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक  एवं राजेश मानव गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता हैं। भूपेश भूषण मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के रामपुर गांव के  एवं राजेश मानव मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के सीमांत गांव दरसिला के निवासी हैं। ये दोनो सामाजिक क्षेत्र में सतत साथ-साथ सक्रिय रहे हैं। देश भर में सामाजिक कार्यों में भूपेश और राजेश की जोड़ी प्रतिष्ठित है। जहां भी समाज में अन्याय, शोषण एवं अत्याचार के विरुद्ध कोई कार्य हो या गांधी विचार के आधार पर नए मानवीय समाज निर्माण का काम हो,वहां भूपेश-राजेश न हों,ऐसा ज्यादातर नहीं होता। किशोरावस्था में ही ये दोनो जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष गणेश शर्मा के संसर्ग में गांधी विचार से परिचित एवं प्रेरित होकर सामाजिक जीवन में सक्रिय हो गए। राष्ट्रीय युवा संगठन के राष्ट्रीय शिविर – सोमैया कॉलेज, विद्या विहार मुंबई में प्रोफेसर ठाकुरदास के आह्वान पर सर्वोदय विचार एवं कार्यपद्धति के प्रति इन दोनो ने साथ साथ संकल्प लिया। पिछले 28 वर्षों से ये लगातार सर्वोदय के लिए समाज परिवर्तन की दिशा में अग्रसर हैं। सत्य और अहिंसा प्रेरित शिक्षण-संगठन-रचना एवं संघर्ष के हर मोर्चे में इनकी दमदार और अग्रणी भागीदारी रहती है। इन्हें गांधी विचार के सर्वांग पक्ष को समझने में देश भर के  ख्यात गांधीवादी चिंतक  जैसे -कुमार प्रशांत, प्रो. ठाकुरदास बंग, नारायण देसाई, सिद्धराज ढड्ढा, अमरनाथ भाई, एस. जगन्नाथन, मनमोहन चौधरी, गंगा प्रसाद अग्रवाल, मेधा पाटकर, पी.वी. राजगोपाल, एस एन सुब्बाराव, संतोष कुमार द्विवेदी का सानिध्य एवं सहयोग प्राप्त हुआ। इन्होंने देश के विभिन्न गांधीवादी संस्था एवं संगठनों के साथ, जैसे राष्ट्रीय युवा संगठन, गांधी स्मारक निधि, एकता परिषद, बनवासी सेवा आश्रम, कस्तूरबा ट्रस्ट, संयुक्त किसान मोर्चा, प्रगतिशील लेखक संघ में राष्ट्रीय एवं प्रांतीय पदाधिकारी एवं सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दी है।

इन्होंने उड़ीसा के साइक्लोन ,गुजरात के भूकंप, तमिलनाडु के सुनामी, नेपाल के भूकंप में पीड़ितों के बीच राहत-बचाव एवं पुनर्निर्माण का कार्य किया। साथ ही अनेक राष्ट्रीय सत्याग्रह एवं अभियान में भाग लिया। "एक है धरती – एक हैं लोग" के तहत दिल्ली से अयोध्या तक जनमत संग्रह एवं जनजागरण अभियान, जल- जंगल-जमीन के मुद्दे पर "घेरा डालो घेरा डालो" आंदोलन, आकाशकोट ग्रामस्वराज्य अभियान, आदि में इनकी अग्रणी भूमिका रही।

सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल* सत्याग्रह स्थल पर कहा कि अन्याय और अविचार के खिलाफ चल रहे सत्याग्रह ने आज पचासवां दिन पूरा कर लिया है। यह सत्याग्रह केवल सर्व सेवा संघ की विरासत बचाने के लिए नहीं है बल्कि  पुरखों को जो लांछित किया है और उनके बारे में झूठ फैलाया गया है , उसकी सच्चाई बताने के लिए है। साथ ही विकास के नाम पर कॉरपोरेट पूंजी को बढ़ावा देने वाले सरकारी विनाश नीति के बारे में लोगों को जागरूक करना  है। लोकतंत्र और संविधान  को नष्ट करने की साजिश चल रही है, उसके बारे में भी जनता को सचेत करना है। शिक्षा के क्षेत्र में धार्मिक कट्टरता को अग्रधिकार दिया जा रहा है जो काफी खतरनाक है। सरकार की विभाजनकारी और कॉर्पोरेट परस्त नीतियों की हकीकत बताना और लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ गांधी, विनोबा जयप्रकाश के विचार को जन -जन तक पहुंचाने का यह एक प्रयास है। उन्होंने अपील किया कि किसानों को, मजदूरों को, वंचितों को न्याय मिले, इसलिए  इसबार के दीपोत्सव को न्याय के दीपोत्सव के रूप में मनाएं।

आज के सत्याग्रह में उपवासकर्ता भूपेश भूषण और राजेश मानव के अलावा वरिष्ठ गांधीवादी अलख भाई ,सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण के सुशील कुमार भारत जोड़ो अभियान के शाहिद कमाल, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज, शक्ति कुमार,जागृति राही, सिस्टर फ्लोरिन,नंदलाल मास्टर,तारकेश्वर सिंह,सुरेंद्र नारायण सिंह, पूनम,पिंकी सिंह,चंद्रावती यादव,दुर्गा यादव,रवि प्रकाश गुप्ता, दिनेश केवट, अवधेश कुमार, हरेंद्र कुमार बिहारी, मदन सिंह यादव, अशोक यादव, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मनियारा,बलराम सेन, प्रणव सेन,लली कुमारी,प्रहलाद सिंह, ईश्वर चंद्र आदि ने शामिल होकर अपना समर्थन दिया। आज के सत्याग्रह में पश्चिम बंगाल झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की भागीदारी हुई।

प्रलेसं का राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन में देश के कई विद्वान करेंगे शिरकत

*विभिन्न प्रांतो से अनेक प्रबुद्धजन करेंगे भागीदारी, होगा एक दिवसीय सेमिनार*


चंडीगढ़

अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा पंजाब कला परिषद के सहयोग से वर्तमान समय के सम-सामयिक विषयों पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया है, जिसमें देश के विभिन्न प्रांतो से अनेक प्रबुद्धजन भागीदारी करेंगे।

आयोजन समिति की ओर से प्रलेसं के राष्ट्रीय महासचिव सुखदेव सिंह सिरसा एवं पंजाब कला परिषद के सवरन जीत सवी ने बताया कि एक दिवसीय सेमिनार 26 अक्टूबर को चंडीगढ़ के कला परिषद सभागार में आयोजित होगा। उद्घाटन सत्र में भारतीय लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और साहित्य विषय पर योजना आयोग की पूर्व सदस्य, पद्मश्री प्रो. सईदा हमीद (दिल्ली), दलित अधिकार के क्षेत्र में सक्रिय लेखक प्रो. कांचा इलैया (हैदराबाद), राज्य सभा टीवी के पूर्व निदेशक लेखक,उर्मिलेश (दिल्ली) एवं प्रलेसं के राष्ट्रीय अध्यक्ष पी लक्ष्मीनारायणा (आंध्र प्रदेश) संबोधित करेंगे।

अन्य सत्रों में भारतीय लोकतंत्र के सम्मुख चुनौतियां विषय पर महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, प्रलेसं के कार्यकारी अध्यक्ष विभूति नारायण राय (दिल्ली), विभिन्न वैचारिक विषयों के लेखक,"और वर्चस्व की सत्ता" उपन्यास के लेखक वीरेंद्र यादव (लखनऊ), समय के साखी पत्रिका  की संपादक डा. आरती (भोपाल), प्रलेसं सचिव मंडल सदस्य मोहनदास वल्लिकावु (केरल) के वक्तव्य होंगे।

सामाजिक परिवर्तन की दिशाएं और साहित्य विषय पर साहित्य की विभिन्न विधाओं के लेखक , संपादक, अनुवादक रणेन्द्र (राँची),म.प्र.सतना निवासी कवि, आलोचक, शिक्षक डा. आशीष त्रिपाठी (वाराणसी), प्रलेसं सचिव मंडल सदस्य और उर्दू की प्रोफेसर डा. अर्जुमंद आरा (दिल्ली), कला, संस्कृति और लेखन के विभिन्न मोर्चो पर सक्रिय और प्रलेस के राष्ट्रीय सचिव विनीत तिवारी (इंदौर) एवं समापन सत्र में पहचान की राजनीति और साहित्य विषय पर पंजाबी लेखक खालिद हुसैन, डा. वंदना चौबे (वाराणसी), लेखिका-कवयत्री डा. कुसुम माधुरी टोपो (छत्तीसगढ़)एवं प्रलेसं सचिव मंडल सदस्य राकेश वानखेड़े (महाराष्ट्र) अपने विचार व्यक्त करेंगे।

इस सेमिनार में मध्य प्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ के कई पदाधिकारी शिरकत करेंगे। इनमें भोपाल से आरती, शैलेंद्र शैली, सत्यम, अनूपपुर से विजेंद्र सोनी, शिवपुरी से जाहिद खान, ग्वालियर से जितेंद्र बिसारिया, जबलपुर से तरुण गुहा नियोगी एवं इंदौर से विनीत तिवारी, सारिका श्रीवास्तव एवं हरनाम सिंह भाग लेंगे।

संगम नगरी में कवि संगम त्रिपाठी को साहित्य विभूति सम्मान से किया सम्मानित


प्रयागराज

अवध साहित्य अकादमी पत्रकार भवन गॅधियांव करछना प्रयागराज ने कवि संगम त्रिपाठी को साहित्य विभूति सम्मान 2024 से सम्मानित किया।

सम्मान समारोह 21 सितंबर 2024 को हिन्दुस्तानी एकेडमी सभागार सिविल लाइन्स प्रयागराज उत्तर प्रदेश में भव्य समारोह में कार्यक्रम संपन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि आचार्य ओम नीरव वरिष्ठतम साहित्यकार लखनऊ उत्तर प्रदेश, अध्यक्षता - कुशलेन्द्र श्रीवास्तव वरिष्ठ साहित्यकार गाडरवारा मध्यप्रदेश व अति विशिष्ट अतिथि डॉ शंभु नाथ त्रिपाठी ' अंशुल' व शीलधर मिश्र रहे।

इस भव्य समारोह में श्याम फतनपुरी - श्याम की गीतिकाए व श्याम की मधुशाला, डॉ कैलाश नाथ मिश्र - महमहाती गीतिकाए, पंकज बुरहानपुरी - तुम होते तो, शिक्षाप्रद कहानियों का संकलन - संपादक सर्वेश कान्त वर्मा ' सरल"  विश्वनाथ त्रिपाठी - राधा माधव, डॉ सतीश चन्द्र मिश्र - यत्र तत्र सर्वत्र व मां की छाया में, डॉ योगेंद्र कुमार मिश्र विश्वबंधु आसपास लघुकथा संग्रह व उद्गागार देह मुक्तक संग्रह एवं सोलह नई कहानियां साझा काव्य संग्रह का विमोचन हुआ।

डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय प्रयागराज उत्तर प्रदेश के संचालन में सम्मानित किए गए कवि संगम त्रिपाठी को सोमनाथ शुक्ल, विजय शुक्ल, डॉ विजयानन्द, राम लखन गुप्ता, डॉ अजय मालवीय ' बहार' इलाहाबादी ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा की अंतरराष्ट्रीय कवि गोष्ठी दिल्ली में संपन्न


दिल्ली -  प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा की अंतरराष्ट्रीय कवि गोष्ठी दिनांक 15.09.2024 को दिल्ली में आयोजित की गई।कवि गोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ देवी पन्थी एसोसिएट प्रोफेसर त्रिभुवन विश्वविद्यालय एवं चारु साहित्य प्रतिष्ठान नवलपरासी नेपाल व अध्यक्षता डॉ घनश्याम न्योपाने परिश्रमी नेपाल एसोसिएट प्रोफेसर त्रिभुवन विश्वविद्यालय एवं कुलपति बर्दघाट प्रज्ञा प्रतिष्ठान नवलपरासी नेपाल व विशिष्ट अतिथि प्रदीप मिश्र अजनबी दिल्ली रहे।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के अंतर्राष्ट्रीय कवि गोष्ठी में डाॅ अणिमा श्रीवास्तव पटना बिहार, कवि संगम त्रिपाठी जबलपुर मध्यप्रदेश, डॉ देवी पन्थी नेपाल, डॉ घनश्याम न्योपाने परिश्रमी नेपाल, गोपाल जाटव विद्रोही मन्दसौर मध्यप्रदेश, सरदार अमरसिंह कटिहार बिहार, डॉ विश्व भूषण गुप्त बरौनी बेगूसराय बिहार, डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव पटना बिहार, श्रीमती राजकुमारी रैकवार राज जबलपुर, श्रीमती तरुणा खरे जबलपुर मध्यप्रदेश, संत शरण श्रीवास्तव जबलपुर मध्यप्रदेश, कुंवर प्रताप सिंह प्रतापगढ़ राजस्थान, प्रभा बच्चन श्रीवास्तव जबलपुर मध्यप्रदेश, प्रदीप मिश्र अजनबी दिल्ली, दादा भैरु सुनार मनासा मध्यप्रदेश, हरेंन्द्र हर्ष बुलंदशहर उत्तर प्रदेश ने काव्य पाठ किया। कवि गोष्ठी का संचालन भैरु सुनार मनासा मध्यप्रदेश व आभार डॉ विश्व भूषण गुप्त बरौनी बेगूसराय बिहार ने अभिव्यक्त किया। हिन्दी पखवाड़े के समापन के अवसर यह सफल अंतरराष्ट्रीय गोष्ठी सम्पन्न हुई।

14 सितंबर को जंतर मंतर में हिंदी सेवियों की ऐतिहासिक सभा


दिल्ली -  प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा जंतर मंतर में 14 सितंबर 2024 को ऐतिहासिक सभा आयोजित कर रही है जिसमें आजादी के बाद हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु हिंदी सेवियों की ऐतिहासिक सभा प्रदर्शित की गई है।

संस्था के संपादक कवि संगम त्रिपाठी ने बताया कि इस सभा में हिंदी सेवी हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु चिंतन करेंगे। प्रदीप मिश्र अजनबी महासचिव दिल्ली के संचालन में ऐतिहासिक काव्य पाठ भी किया जाएगा।

देश के विभिन्न प्रांतों से हिंदी सेवियों के दिल्ली पहुंचने का सिलसिला जारी हो गया है। जंतर मंतर में सभा के पश्चात प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा का राष्ट्रीय सम्मेलन डॉ धर्म प्रकाश वाजपेई सिविल सेवा संस्थान 18 पूसा रोड करोलबाग नई दिल्ली में दोपहर 03.00 बजे से आयोजित है। राष्ट्रीय सम्मेलन में सम्मान समारोह, किताब विमोचन व काव्य पाठ के साथ ही हिंदी प्रचार प्रसार व राष्ट्रभाषा बनाने की दिशा में विचार विमर्श किया जाएगा।

एस एच एम वी फाउंडेशन ने देश के शिक्षाविदों को किया सम्मानित किया


हैदराबाद - एस एच एम वी फाउंडेशन ने शिक्षक दिवस के अवसर पर देश के शिक्षाविदों को सम्मानित किया। फाउंडेशन ने डॉ राम चन्द्र स्वामी बीकानेर राजस्थान, पोरंकी नागराजु आंध्रप्रदेश, आशीष अम्बर दरभंगा बिहार, नवनीता दुबे नूपुर मंडला, डॉ अमरपाल सिंह वडोदरा गुजरात, डॉ बन्सीलाल हेमलाल गाडीलोहार नाशिक, अनुजा दुबे 'पूजा' वरुड महाराष्ट्र, डॉ हर्षिता भट्ट रुद्रपुर उत्तराखंड, डॉ बिश्वम्भर दयाल अवस्थी खुर्जा बुलंदशहर उत्तर प्रदेश, श्रीनिवास यन आंध्रप्रदेश, किंजल ईलेश मेहता गोंदिया महाराष्ट्र, डॉ संजीदा खानम शाहीन जोधपुर राजस्थान, रामदयाल बैरवा अजमेर, मानवेंद्र सिंह रोहतक हरियाणा, डी. ए. प्रकाश खाण्डे अनूपपुर मध्यप्रदेश, डॉ प्रोफेसर अमलपुरे सूर्यकांत विश्वनाथ महाराष्ट्र, डॉ कादम्बिनी मिश्रा जबलपुर मध्यप्रदेश, डॉ हरिदास बड़ोदे 'हरिप्रेम'मेहरा आमला बैतूल मध्यप्रदेश, डॉ आकांक्षा रुपा चचरा कटक उड़ीसा, डॉ राधा वाल्मीकि पंतनगर उत्तराखंड, डॉ संध्या यादव वाराणसी उत्तर प्रदेश, कल्पना मिश्रा लखनऊ उत्तर प्रदेश, कर्नल आदि शंकर मिश्र लखनऊ उत्तर प्रदेश, श्रवण कुमार साहू गरियाबंद छत्तीसगढ़, मंजू अशोक राजाभोज भंडारा महाराष्ट्र, डॉ पुष्पा गोविंदराव गायकवाड देंगलूर महाराष्ट्र, हरि शंकर द्विवेदी मिर्जापुर, संतोष कुमार पाठक गढ़वा झारखण्ड, आरती श्रीवास्तव जबलपुर मध्यप्रदेश, कवि मुकेश कुमावत मंगल, त्रिभुवन लाल साहू जांजगीर चांपा छ.ग., प्रोफेसर महबूब सुभानी बैंगलोर कर्नाटक, आत्म प्रकाश कुमार गांधीनगर गुजरात, डॉ राम प्रवेश पंडित मेदिनीपुर झारखण्ड को सम्मान प्रदान किया।

          फाउंडेशन के संस्थापक डॉ विजय कुमार, कवि संगम त्रिपाठी संयोजक व श्रीकांत रेड्डी उपाध्यक्ष ने बधाई दी।

रंगसाड़ी द्वारा साड़ी प्रीमियर लीग का पहला संस्करण प्रीमियर लीग सीजन- 1 का हुआ आयोजन


*सुशी सक्सेना*

नोएडा, दिल्ली एनसीआर, रंगसाड़ी की ओर से साड़ी प्रीमियर लीग का पहला संस्करण जो कि एक अद्वितीय आयोजन है। यह आयोजन नोएडा के क्लब 26 में 5 मई, 2024 को आयोजित की गई, जो फैशन और सहकर्मिता की दुनिया में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। "साड़ी में खिलाड़ी" थीम के अंतर्गत, साड़ी प्रीमियर लीग ट्रेडिशन और प्रतिस्पर्धा का मेल दिखता हैं, जहां 14 टीम थी और हर टीम में पांच सदस्य थे और उनकी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए चर्चित चुनौतियों की एक श्रृंगारिक सीरीज को प्रस्तुत किया गया था। इस आयोजन का उद्देश्य साड़ी की परंपरा को जन जन तक ले कर जाना है।

मुख्य अतिथि के रूप में सुश्री मीनाक्षी वर्मा, IAS, दिल्ली, ने अपनी उपस्थिति के साथ इस अवसर को गौरवित किया। इस आयोजन में जूरी की भूमिका श्रुति सिंह, डॉ। संगीता तनेजा, मोहिनी प्रिया, सुमिता वाई गोयल, ज्योति जैन, नेहा सिकारिया, प्रीति नवीन, शिल्पी बहादुर, गुलरोज मोंगिया, और मनीषा गुप्ता ने जैसी प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने जूरी की प्रक्रिया को विश्वसनीयता पर निभाई।

इस आयोजन को संभव बनाने में योगदान देने के लिए आर्टिस्टिक इल्लुशन, हेल्थ बेकर्स, स्पाइसी शुगर, सफायर ज्वेल्स, रंगली रंगलियोट, डी'वीयू, और एक्यू बाय एकेएस के जेनरस गिफ्टिंग पार्टनरों का धन्यवाद। महत्वपूर्ण प्रारंभिक रूप से अनुराग्यम, रेमंड, तानेरा साड़ी, स्टूडियो वोवन वाल्स, चाटोरे नुक्कड़, और नेशनल नेटवर्क ने साड़ी प्रीमियर लीग की सफलता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

एक विशेष बात, इस आयोजन के दौरान एक पत्रिका लॉन्च किया गया, जो 50 महिला उद्यमियों की प्रशंसा करने के लिए समर्पित थी, जो रंगसाड़ी के समर्थन को बढ़ावा देती है और उनकी कामयाबियों को मनाती है।

साड़ी प्रीमियर लीग का पहला संस्करण फैशन की दुनिया में रचनात्मकता और समावेशीता के लिए एक नया मानक स्थापित कर चुका है, और रंगसाड़ी इस सफलता पर आगे बढ़ने के लिए उत्सुक है।

हर वर्ग की महिलाओं ने अपने बचपन को दोबारा जीवंत किया और पूरे आयोजन में रंग भर दिया। विजेताओं को क्राउन, ट्रॉफी, उपहार और पदक से सम्मानित किया गया।

रंगसाड़ी की संस्थापिका डॉ. निधि बंसल ने समृद्धि और आकर्षण के साथ इस घटना का आयोजन किया। उन्होंने सभी सदस्यों, टीमों, जूरी, मेहमानों, और समर्थकों को उनके योगदान के लिए हार्दिक धन्यवाद किया।

अनुराग्यम डांस लीग सीजन 3 का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुआ भव्य आयोजन


नई दिल्ली

सुशी सक्सेना, मीडिया प्रभारी अनुराग्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अनुराग्यम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुराग्यम डांस लीग सीजन 3 का यूट्यूब लाइव पर भव्य आयोजन किया। देश विदेश से लाखों लोगों ने 25 नृत्यकारों का इस भव्य आयोजन में हौसला बढ़ाया। अनुराग्यम एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो दिल्ली से अपने सभी भव्य आयोजनों को समय समय पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कला, संस्कृति, साहित्य, साइंस एवं टेक्नोलॉजी को आयाम देता है। अनुराग्यम डांस लीग सीजन 3 का मुख्य कार्यभार आयोजन सचिव ममता रजक एवं अनुराग्यम के संस्थापक सचिन चतुवेर्दी का रहा। 

संचालिका सीमा वालिया ने देश विदेश के सामने अनुराग्यम की ओर से इस भव्य आयोजन का संचालन किया। सीमा वालिया ने अनुराग्यम और अनुराग्यम डांस लीग सीजन 3 का उल्लेख करते हुए इस भव्य आयोजन के चार प्रमुख जजों का स्वागत किया। सीमा गर्ग, जश टिसवार्ड, अपर्णा चित्तोरिया और बीनू सिंह ने अपने इस कार्य भार को इन 25 बहुमुखी प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाते हुए इन सबका जजमेंट किया।

25 बहुमुखी प्रतिभागियों में ग्रुप ए से श्रीवाली शेट्टीगर, सानवी गुप्ता, देबांग्शी दास, अर्निमा मोल्फा, अमृता पाल, दिविशा रतनानी, लक्षिता बैद और श्रेयान्वी मिश्रा। ग्रुप बी से अवनि न्यूगी, चतुर्य कामू, देबोलीना बैग, वाणिका कौशिक, फॉस्टिना परनबी सरकार, आशना दिल्लीवार, सौमिली सेनगुप्ता। ग्रुप सी से ओइसिकी सिन्हा, शॉन अहमद, सृष्टि बेनीवाल, दिशिका छाबड़ा, दिविषा जैन, तारुषी राजोरा। ग्रुप डी से मातंगी शंकर, श्रीमती. शीतल, मेघना गुहा, एस हरिका सत्य उपस्थित थे।

राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए इंजीनियर अंकिता बाहेती (दोहा क़तर), अर्चना श्रीवास्तव (मलेशिया), मीनू बाला (पंजाब), संगीता वर्षांय (अलीगढ़), ज्योति माथुर (ऑस्ट्रेलिया), वेरोनिका आर. पिंगोल (होंग कोंग), अभिषेक शुक्ला (उत्तर प्रदेश), ध्रुव तिवारी (छत्तीसगढ़) और सुशी सक्सेना (मध्य प्रदेश) से सभी कोऑर्डिनेटरों ने अपना पूर्ण सहयोग दिया।

अंत में डॉ. तरूणा माथुर जी, प्रिंसपल इन्वेस्टिगेटर, अनुराग्यम ने सभी प्रतिभागियों, जजों, कोऑर्डिनेटरों एवं समस्त अनुराग्यम परिवार को धन्यवाद दिया। अनुराग्यम डांस लीग की संयोजक डॉ निधि बंसल जी और सह संयोजक दीपाली जैन जी ने अनुराग्यम और अनुराग्यम डांस लीग सीजन 3 के बारे में उल्लेख किया और सभी प्रतिभागियों एवं जजों को धन्यवाद दिया।

अनुराग्यम डांस लीग सीजन-3 में 80 सेमीफाइनलिस्ट का हुआ चयन

*सुशी सक्सेना, मीडिया प्रभारी अनुराग्यम्*


नई दिल्ली

अनुराग्यम डांस लीग सीजन 3 (ADL) में 80 सेमीफाइनलिस्ट को सेमीफाइनल्स के लिए चयन किया गया है। आयोजक और प्रशंसक दोनों ही उत्साहित हैं, जो कंपटीटिव डांस के दुनिया में कला के नए मानकों को स्थापित करने की उम्मीद कर रहे हैं। विविध नृत्य शैलियों और सांस्कृतिक कथाओं के संगम के साथ, अनुराग्यम ने विश्व भर से कुछ सबसे उत्कृष्ट नृत्यकारों को एकत्र किया है। प्रतियोगिता बढ़ रही है, सेमीफाइनल स्थान एक अपूर्व उत्सव का प्रदर्शन करने के लिए तैयार है, जिसमें उत्साह, सटीकता, और सौगात का अद्वितीय प्रदर्शन होगा।

इस सीजन 3 के सेमीफाइनलिस्टस ने एक असाधारण स्तर की समर्पण और कौशल का प्रदर्शन किया है, अनुराग्यम डांस लीग के संस्थापक श्री सचिन चतुर्वेदी ने कहा उनके प्रदर्शन सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं हैं बल्कि नृत्य ने समाहित करने वाले सांस्कृतिक विरासत का एक उत्सव है। हम उत्सुक हैं देखने के लिए कि ये प्रतिभाशाली नृत्यकार हमें सभी को आश्चर्यचकित कैसे करते हैं।

ममता रजक, आयोजन सचिव, कहती हैं, अनुराग्यम डांस लीग सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं है; यह कला की सार्वभौमिक भाषा के माध्यम से कला छाया करने के लिए एक मंच है। यहाँ तक कि अब तक दिखाए गए विविधता, रचनात्मकता, और सहनशीलता ने बहुत आश्चर्यजनक थे, और हम सेमीफाइनल्स से और उच्च बढ़ाने की उम्मीद करते हैं।

डॉ. निधि बंसल (आयोजक), दीपाली जैन (सह-आयोजक) और डॉ. तरुणा माथुर (मुख्य अन्वेषक), सभी सेमीफाइनलिस्टस को बधाई देती हैं जो प्रतियोगिता में इतनी आगे बढ़ गए हैं। उनका असाधारण समर्पण और सहनशीलता अनुराग्यम डांस लीग की भावना को अभिव्यक्त करते हैं।

आगामी सेमीफाइनल्स का इंतजार न केवल नृत्यकारों द्वारा है, बल्कि एक वैश्विक नृत्य प्रेमी समुदाय द्वारा भी है। यह स्थान न केवल ग्रैंड फिनाले के लिए शीर्ष प्रतियोगिताओं को छानने का होगा बल्कि यह भी नृत्य के शक्तिशाली माध्यम के माध्यम से व्यक्तिगत और सामूहिक कथाओं का साक्षात्कार करने का साक्षात्कार होगा। टीम अनुराग्यम सभी को इसे उन प्रेमी नृत्यकारों के लिए उत्साह बढ़ाने में शामिल होने के लिए आमंत्रित करती है। साथ ही, हम सभी मिलकर इस आयोजन की ओर देखें, जो केवल मनोरंजन ही नहीं करेगी बल्कि ज्ञान को भी प्रस्तुत करेगी, सीमाओं को पार करके दर्शकों को नृत्य की साझा खुशी में बटोरने में मदद करेगी।

अपने पसंदीदा सेमीफाइनलिस्ट को समर्थन कैसे करनेउ के लिए कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएं या हमें सोशल मीडिया पर फ़ॉलो करें। अनुराग्यम डांस लीग एक वार्षिक नृत्य प्रतियोगिता है जो सांस्कृतिक विविधता और प्रतिभा का जश्न मनाती है, नृत्यकारों और कलाकारों को विश्व भर से एक जुट कर कला और मानसिक दक्षता के समृद्धिशील का प्रदर्शन करती है।

कीट को मिला पहला सी आई आई स्पोर्ट्स 2023 का बिजनेस अवार्ड 


भुबनेश्वर

कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (कीट) को पहला सी आई आई स्पोर्ट्स बिजनेस अवार्ड्स 2023 से सम्मानित किया गया । कीट और कीस के संस्थापक डॉ. अच्युता सामंत ने कीट की ओर से सी आई आई राष्ट्रीय खेल समिति के अध्यक्ष, चाणक्य चौधरी से पुरस्कार प्राप्त किया। भारत में शीर्ष स्तरीय खेल सुविधाएं बनाने के लिए कीट को "सर्वश्रेष्ठ खेल सुविधा" श्रेणी में सम्मानित किया गया । बीसीसीआई के सचिव और एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष जय शाह को सर्वश्रेष्ठ स्पोर्ट्स बिजनेस लीडर से सम्मानित किया गया। रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन और संस्थापक नीता अंबानी, डॉ. सामंत को खेल व्यवसाय में उनके असाधारण नेतृत्व के लिए खेल व्यवसाय नेताओं के रूप में मान्यता दी गई थी।

रॉयल चैलेंज, बैंगलोर को स्पोर्ट्स फ्रैंचाइज़ ऑफ द ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया और तमिलनाडु को खेलों को बढ़ावा देने वाले सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में सम्मानित किया गया।

गौरतलब है कि समारोह में खेल जगत के राष्ट्रीय और वैश्विक नेता उपस्थित थे जिनमें  अभिनव बिंद्रा भी शामिल थे; मिशेल वेड, दक्षिण एशिया आयुक्त, राज्य सरकार। विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया का; अभिषेक बिनाकिया, पार्टनर, ट्रांसफॉर्मेशन, प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र के प्रमुख और खेल सलाहकार प्रमुख, ग्रांट थॉर्नटन भारत; निक कावर्ड, एक्सपर्ट पार्टनर, पोर्टस कंसल्टिंग और आहना मेहोत्रा, पार्टनर टीएमटी लॉ प्रैक्टिस।

इससे पहले भी कीट को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया जा चुका है; फिक्की द्वारा फिक्की इंडिया स्पोर्ट्स अवार्ड 2022; द हिंदू द्वारा स्पोर्ट स्टार एसेस अवार्ड 2022; और ओडिशा सरकार द्वारा 'खेलों को बढ़ावा देने में सर्वश्रेष्ठ योगदान' के लिए बीजू पटनायक खेल पुरस्कार 2019 से सम्मानित किया जा चुका है।

डॉ गुंडाल विजय कुमार को आइकॉनिक एक्सलेंस 2023 पुरस्कार मिला


हैदराबाद 

डब्लू आर ग्रुप ने आइकाॅनिक एक्सीलेंस अवार्ड 2023 मुंबई में आयोजित किया जो कि फिल्म व टी वी कलाकारों को पुरस्कृत करती है किन्तु यह हर्ष की बात है कि प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के सलाहकार डॉ गुंडाल विजय कुमार को भी पुरस्कृत कर सम्मान प्रदान किया गया जो ऐतिहासिक है व एक अहिंदी भाषी के काम को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली जो कि प्रेरणादाई है इससे हिंदी भाषियों को सीख लेनी चाहिए। इसमें प्रमुख बॉलीवुड कलाकार और देश से कई महान पुरुषों को अवार्ड प्रदान किया गया है।        

           पुरस्कार कार्यक्रम में क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी संदीप पाटिल जी  मुख्य अतिथि के रूप में शमिल हुए । 

             अहिन्दी प्रान्त में हिंदी प्रचार करने के लिए व हिंदी सेवा के लिए डॉ गुंडाल विजय कुमार को ये पुरस्कार मिला है। 

         संदीप पाटिल जी ने कहा है कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा अच्छा कार्य कर रही है। समारोह में प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी जी को बधाई दी है। डॉ गुंडाल विजय कुमार को अहिन्दी प्रान्त में हिंदी प्रचार करने के लिए प्रशंसा की।

       इस कार्यक्रम में बॉलीबुड से विक्की रत्नानी शेफ, शाइनी दोसी एक्टर, रोहित सवगौर एक्टर, करणवीर बोहरा एक्टर, ईशा डियोल एक्टर, आशेलेशा सावंत एक्टर, महिमा मखावना एक्टर, मर्जी पेस्टोंजी कोरियोग्राफर, नंदिता माहतानी फैशन डिजाइनर बॉलीवुड, पार्थ संतान एक्टर, माहिरा शर्मा एक्टर, लाता सभरवाल एक्टर , सुम्बुल थोखिर खान एक्टर इन सभी बॉलीवुड एक्टर को और देश भर से कुछ महान पुरुषों को भी पुरस्कार मिला है।

         डॉ गुंडाल विजय कुमार ने कहा कि है मेरा लक्ष्य है हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने और अपने प्रान्त में हिंदी बोली को 80% तक जनता  पहुंचाना है। यही मेरा लक्ष्य है। मेरे माता पिता , परिवार और मेरा गुरु कवि संगम त्रिपाठी जी को प्रणाम करता हूं। इन लोगों की सहायता से ये पुरस्कार मिला है।

          डॉ गुंडाल विजय कुमार को इस उपलब्धि पर डाॅ धर्म प्रकाश वाजपेयी, डॉ हरेंद्र हर्ष, प्रदीप मिश्र अजनबी, राजकुमारी रैकवार राज, श्री गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी आदि ने बधाई दी है।

KISS-डीयू ने मनाया तीसरा दीक्षांत समारोह उपस्थित रहे ओडिशा और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल

भारत को विकसित देश बनाना है तो आदिवासियों का विकास जरूरी: राज्यपाल रघुवर दास


भुवनेश्वर

कलिंग इंस्टीट्यूट आफ सोशियल साइंसेस, कीस डीम्ड विश्वविद्यालय ने आज अपना तीसरा दीक्षांत समारोह मनाया। लगभग 302 से अधिक छात्र-छात्राओं को  स्नातकोत्तर और पीएचडी की  डिग्री प्राप्त की।

समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने भारत की उन्नति और विकास में जनजातीय छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। भारत को विकसित देश बनाना है तो आदिवासियों का विकास जरूरी है।-यह बात ओडिशा के राज्यपाल ने कही।उन्होंने  जनजातीय सशक्तिकरण के लिए कीट और कीस के संस्थापक डॉ अच्युत सामंत के योगदानों की  प्रशंसा की। राज्यपाल ने कहा कि हमारे गृह राज्य झारखंड के हजारों आदिवासी छात्र इस शैक्षिक संस्थान के जरिए अपने सपने को साकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आदिवासी समुदायों के लिए भी गर्व की बात है कि आजादी के 75 साल बाद भारत के पास द्रौपदी मुर्मु के रूप में एक आदिवासी नेता देश की राष्ट्रपति हैं। डा. सामंत ने समारोह में अतिथियों और स्नातक छात्रों के माता-पिता के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन भी इस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। परमार्थ निकेतन आश्रम, ऋषिकेश के अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती और सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के मुख्य फिनटेक अधिकारी तथा एलेवेंडी बोर्ड के अध्यक्ष शोपनेन्दु महंती आदि को मानद डी.लिट की डिग्री प्रदान की गई।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचन्दन ने कीट और कीस की स्थापना के लिए डा. सामंत के धैर्य और दृढ़ संकल्प की सराहना की और छात्रों से यह निवेदन किया कि वे  अपने पेशेवर जीवन को आगे बढ़ाते हुए अपने माता-पिता और मातृभूमि की सेवा को नहीं भूलें! उन्होंने कहा कि पढ़ लिखकर कीस के छात्र चाहे भारत में रहें या विदेश में अपनी मातृभूमि को सदैव याद रखें।

जी-20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कीट और कीस को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थान बताया। गौरतलब है कि कीस एक ऐसा अनुष्ठान है जहां आदिवासी बच्चों को मुफ्त में केजी से पीजी तक शिक्षा प्रदान की जाती है। उन्होंने डिजिटल क्रांति सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आर्थिक विकास की एक श्रृंखला को सूचीबद्ध किया और कहा कि भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

शोपनेन्दु महंती ने अपने अनुभव को साझा किया और भविष्य में कीस के छात्रों के कोच बनने की बात कही ।

आध्यात्मिक गुरु चिदानंद सरस्वती ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से जनजातीय समाज के विकास के लिए जो प्रयास डा. सामंत कर रहे हैं, वह प्रशंसनीय है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जिस तरह से राज्य को समृद्धि के रास्ते पर ले जा रहे हैं, ठीक उसी तरह डा. सामंत भी लाखों आदिवासी छात्रों को उनके सपनों को पूरा करने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्थापक का स्वर्ण पदक पाने वाले 15 छात्रों में से 11 लड़कियां हैं और जिन छात्रों ने आज पदक जीता , वे कल समाज के आदर्श बनेंगे।

समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में  उपस्थित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पा चुके भारतीय संगीतकार और तीन बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता डॉ. रिकी जी. केज ने छात्रों से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को संबोधित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सार्थक बदलाव तभी हो सकता है जब व्यक्ति दूसरों की प्रतीक्षा करने के बजाय खुद को बदले और अपनी जिम्मेदारियों को समझे।

कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सत्य एस त्रिपाठी, कुलपति प्रोफेसर दीपक कुमार बेहरा और कुलसचिव डा पी के राउतराय ने भी अपने अपने विचार रखे। दीक्षांत समारोह में कीट -कीस की अध्यक्षा शाश्वती बल, उपाध्यक्ष उमापद बोस और विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारीगण मौके पर उपस्थित थे।

लोकप्रिय साहित्यकार पी.यादव 'ओज' का साहित्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि

*('टोही टोकरी' पुस्तक को मिली भारत सरकार की मान्यता व संरक्षण।)*


झारसुगुड़ा 

"साहित्य ही साधना और समाज का दर्पण है"- इस अमृत मूलमंत्र को जीवित रखते हुए साहित्य और समाज की सेवा में निरंतर अपना बहुमूल्य योगदान देते हुए देश के लोकप्रिय साहित्यकार श्री पी.यादव 'ओज' की जीवनी और समीक्षा को 'टोही टोकरी' पुस्तक के अंतर्गत मिली भारत सरकार की मान्यता और संरक्षण।ज्ञातव्य हो कि 'टोही टोकरी' पुस्तक राष्ट्रीय स्तर के साहित्यकारों की जीवनी और समीक्षा से संबंधित पुस्तक है।इस पुस्तक की भूमिका एवं संपूर्ण समीक्षा देश के अति ओजस्वी,मर्मज्ञ साहित्य मनीषी श्री प्रमोद कुमार जी के द्वारा संपादित है।जिन्होंने अपनी कलम की जादूगरी और विद्वता से देश को कई धार्मिक ग्रंथ,उपन्यास और जीवन को दिशा देने वाली पुस्तकों  को समर्पित किया है।

साहित्यकार पी.यादव 'ओज' की जीवनी और समीक्षा को 'टोही टोकरी' पुस्तक के अंतर्गत मिली भारत सरकार की मान्यता और संरक्षण से साहित्य जगत हर्षित है।कई सालों से साहित्य के क्षेत्र में निरंतर सेवा देते हुए श्री पी.यादव 'ओज' जी को कई साहित्यिक और समाज सेवा से संबंधित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।हाल ही में इनके द्वारा लिखी गई पुस्तक 'अंतर्माद' साहित्य के गलियारों में चर्चा का विषय रही है। मानवतावादी विचारधारा इनकी लेखनी का स्वर है,जो बरबस ही इनके साहित्य में दर्शन होता है।श्री पी.यादव 'ओज' अपनी स्वयं के इस उपलब्धि को बड़े ही विनम्र भाव से स्वीकारते हुए प्रसन्न हैं।वैसे श्री यादव जी! महाप्रभु जगन्नाथ की कृपा से सराबोर ओडिशा प्रांत,चौकीपाड़ा,झारसुगुड़ा शहर के निवासी हैं।इनकी साहित्य की साधना यूं ही निरंतर प्रगति के पथ पर चलती रहे यही शुभकामना कवि संगम त्रिपाठी ने दी।

मृदुराज प्रतिभा सम्मान-2023 व राष्ट्र की मजबूती के लिए, परिचर्चा का आयोजन


पटना

जानी मानी समाजसेवी संस्था मृदुराज फॉउंडेशन के बैनर तले "मृदुराज प्रतिभा सम्मान-2023" एवं "राष्ट्र की मजबूती के लिए "गैर राजनैतिक संगठनों की भूमिका" विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया।  

कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व महामहिम राज्यपाल गंगा प्रसाद ने किया, जबकि अध्यक्षता संस्था के संरक्षक जीतेन्द्र नीरज एवं संचालन अध्यक्ष राजीव रंजन ने किया।मुख्य अतिथि के रूप में नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति महान गणितज्ञ प्रो0 डा0 के0 सी0 सिन्हा, ए0 एन0 कालेज, पटना के प्राचार्य प्रो0 डा0 प्रवीण कुमार, रेलवे भर्ती बोर्ड मुज़फ्फरपुर के अध्यक्ष सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव, बिहार विधानसभा के सदस्य डॉक्टर संजीव चौरसिया, अध्यात्मिक गुरु डा0 श्रीपति त्रिपाठी, चित्रगुप्त समाज बिहार के महासचिव अजय वर्मा, कलमजीवी सेना के अध्यक्ष मशहूर डेंटल सर्जन डा0 प्रभात चंद्रा, प्रख्यात चिकित्सक डा0 दिवाकर तेजस्वी,एम्स पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डा0 संजीव कुमार, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञा डा0 किरण शरण, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन सिन्हा, वरिष्ठ राजद नेता रबीश श्रीवास्तव सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

इस अवसर पर कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा कि माता-पिता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता और उन्हे कष्ट देने से बड़ा कोई अपराध नही। उन्होंने विभिन्न कार्यक्षेत्रों उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित किया एवं आशीर्वाद व शुभकामनाएं दी 

आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने संस्था के संस्थापक राजीव रंजन को इस नेक कार्य के लिए साधुवाद दिया,  साथ ही आम-जनों से ऐसे सामाजिक कार्य में आगे आने की अपील की।कायर्क्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्था के संरक्षक जीतेन्द्र नीरज ने कहा कि दूषित हो रही राजनीति को स्वच्छ बनाने के लिए मृदुराज फाउंडेशन ने अनेकों सामाजिक संगठनों को एक साथ लेकर चलने का संकल्प लिया है।

मुख्य अतिथि नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के0 सी0 सिन्हा ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज को दिशा देने का काम करते हैं। उन्होंने युवाओं को सामाजिक होने का आह्वान किया। ए0 एन0 कालेज के प्राचार्य प्रो0 प्रवीण कुमार ने कहा कि है व्यक्ति को अपने माता-पिता को हमेशा जीवंत रखना चाहिए चाहे वो जिवित् हों अथवा मृत। विशिष्ट अतिथि रेलवे भर्ती बोर्ड मुज़फ्फरपुर के अध्यक्ष सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव ने कार्यक्रम से प्रेरणा लेते हुए कहा कि, वो भी अपनी दिवंगत माता कि याद मे एक संस्था का निर्माण करेंगे और ऐसे हि उन्हे जीवंत रखेंगे। अध्यत्मिक गुरू डा0 श्रीपति त्रिपाठी ने माता-पिता कि आवश्यकता श्लोक मे पढ़ कर समा बांध दिया। आयोजित् कार्यक्रम मे दीघा विधायक डा0 संजीव चौरसिया ने कहा कि जब भी ऐसे कार्यों मे उनकि जरूरत हो वो पूरी तन्मयता से उपस्थित रहेंगे। उन्होंने सभा मे बैठे हर आदमी से कहा कि आप अपने आप मे एक संगठन हैं और सभी को आगे आकर राष्ट्र को मजबूत बनाना होगा उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण मे गैर राजनैतिक संगठनों कि महत्ता को नकारा नही जा सकता। समाजसेवी अजय वर्मा ने कहा कि स्व0 मृदुला सिन्हा एवं स्व0 राज़ किशोर प्रसाद के निधन के दिन से लेकर आज तक मै संस्था के साथ था और आगे भी रहूंगा। संस्था के संयोजक डा0 प्रभात चंद्रा ने सभी आगत अतिथियों का स्वागत किया एवं आगे भी स्नेह बनाये रखने की अपील की।

कार्यक्रम को वरिष्ठ चिकित्स्क डा0 किरण शरण, डा0 संजीव कुमार, डा0 दिवाकर तेजस्वी, राजद नेता रबीश श्रीवास्तव, राष्ट्र सेवा मिशन के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश सिंह भाजपा नेता शन्नी पटेल, शशिशेखर पिन्टू, समजसेविका नम्रता आनंद सहित कई लोगों ने सम्बोधित किया।

कार्यक्रम मे कई नामचीन जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्र मे उल्लेखनीय योगदान दिया है उन्हे "मृदुराज प्रतिभा सम्मान-2023" से सम्मानित किया गया, जिनमे शिक्षाविद् डा0 के0 सी0 सिन्हा, डा0 श्रीपति त्रिपाठी, डा0 किरण शरण, राखी वर्मा, मशहूर बॉलीवुड गायिका प्रिया मल्लिक, वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ ओझा, प्रेम कुमार, समाजसेवी विवेक सम्राट, अतुल आनंद "सन्नू", रंजीत वर्मा, हरेन्द्र चतुर्वेदी,निखिल के0 डी0 वर्मा, पियूष पाण्डेय, कुमार गौरव, रवि शंकर , प्रेम ओझा, सौम्या श्रीवास्तव, राष्ट्रीय तैराक प्रतिभागी अम्बालिका प्रसाद के नाम शामिल हैं।

संस्था की ओर से सभी अवार्डी को अंगवस्त्र, माला, बुके,  मोमेंटो एवं सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम मे धन्यवाद ज्ञापन  अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन् सिन्हा ने किया।कार्यक्रम को सफल बनाने वालों मे गजेंद्र सिंह, पुरुषोत्तम‌ मिश्रा, बिट्टू तिवारी, ज्ञान सिन्हा, रितेश सोनू, मनोज श्रीवास्तव, दीपक कुमार, मनोज महाशय, प्रमोद, कृष्णा वर्मा, निता सिन्हा, रुचि श्रीवास्तव, आभा, बबिता, सृष्टि, सुरेखा, प्रियंका गौरव मनीष गुप्ता,विजय सिन्हा, पुष्कर श्रीवास्तव, कोयल घोष, अनुष्का, आराध्या सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे।

आदिल रशीद व राजेश राजा के प्रभावशाली अभिनय ने "मरणोपरांत" के मंचन को सार्थक बनाया


पटना

सैंकड़ों दर्शकों को बांधे रहा नाटक। मौका था 8 अक्टूबर 2023 के शाम को कालिदास रंगालय में , विश्वा पटना की प्रस्तुति "मरणोपरांत" के मंचन का। 

"मरणोपरांत नाटक एक आत्मिक और मानसिक संघर्ष की गहरी दुनिया में  जाती है । यह कहानी एक पति और उसकी पत्नी के प्रेमी के मानसिक संघर्ष पर आधारित है, जब उसकी पत्नी की मौत एक दुर्घटना से  हो जाता है। यह नाटक प्रेम, विश्वास, और आत्मविश्वास के संघर्ष को दर्शाती  है, जिसमें पति का दर्द और उसके पत्नी के प्रेमी का आत्म-संघर्ष जीवंत हो जाता है। 

मरणोपरांत एक मानसिक व्यक्तिगत यात्रा का परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करता है, जो हमें आपसी संबंधों और आत्म-समझौते के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने के लिए इच्छुक करता है। यह नाटक भावनाओं का संघर्ष और मानसिक उबाल का अद्वितीय और गहरा दृश्य है, जो वास्तविकता के साथ झूमता है।

इस नाटक में आदिल रशीद, रंगोली पांडे एवं राजेश राजा अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे थे। साथ ही बात करें मंच के परे की तो प्रकाश परिकल्पना राजीव राय, पार्श्व ध्वनि संयोजन राहुल कुमार कर रहे थे जो काफी प्रभावशाली रहा। परिकल्पना एवं चित्रकरण हरिशंकर रवि कर रहे थे। रूप सज्जा तनु हाशमी एवं सुश्री विश्वास कर रहीं थी वहीं वस्त्र विन्यास दीपक कुमार एवं अभिषेक मेहता का रहा। प्रस्तुति विश्वा की थी, लेखक सुरेंद्र वर्मा एवं निर्देशक राजेश नाथ राम कर रहे थे । विश्वा (वाइटल इन्वेंशन ऑफ सोशल हारमोनी विद आर्ट्स) युवा रंगकर्मियों, लेखकों, रंगशिल्पियों, संगीतकारों और चित्रकारों का एक समूह है। विश्वा का उद्देश्य तेज़ी से बदलते सामाजिक- सांस्कृतिक परिदृश्य में कला विधाओं एवं रचनाशीलता को लेकर काम करने वाले कलाकारों को एक मंच पर लाना है ताकि उनके समेकित प्रयासों से हमारे आधुनिक किन्तु तनावग्रस्त समाज में एक बदलावकारी हस्तक्षेप संभव हो सके। हमारा देश एक दोराहे पर खड़ा है जहाँ जनसामान्य का जीवन विचित्र प्रकार की विसंगतियों और सांस्कृतिक परिदृश्य अविश्वास, घृणा एवं हिंसा का लगातार शिकार हो रहा है। ऐसे में एक सांस्कृतिक समूह के तौर पर विश्वा न सिर्फ सार्थक वातावरण बनाने का प्रयास कर रही है बल्कि एक सौहार्दपूर्ण और संवेदनशील मानवीय समाज के निर्माण के लिए आश्वस्त करती है।

हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने प्रेरणा का ऐतिहासिक हिंदी अभियान संपन्न


दिल्ली

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने अपने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के अभियान के तहत दिल्ली में इंडिया गेट से राजघाट तक पदयात्रा व राष्ट्रीय सम्मेलन का कार्यक्रम अपने परिपत्र अनुसार संपन्न किया।

            प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत कवि संगम त्रिपाठी व डॉ धर्म प्रकाश वाजपेयी जी ने माँ सरस्वती के पूजन अर्चन के साथ की।

          डॉ धर्म प्रकाश वाजपेयी जी ने अतिथियों व रचनाकारों का सम्मान किया। समारोह में प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के राष्ट्रीय सम्मेलन में ऐतिहासिक स्मारिका प्रवर्तना व बिनोद कुमार पांडेय गौतमबुद्ध नगर उत्तर प्रदेश की कृति " जीवन एक सफर ", डॉ हरेंद्र हर्ष जी बुलंदशहर उत्तर प्रदेश का उपन्यास " शंखनाद ", हिमांशु पाठक युवा कवि जिला गढ़वा झारखंड की कृति "काव्य तिलक", रजनी सिंह डिबाई उत्तर प्रदेश की कृति " जिंदगी! वाह " और मेरी 75 कविताएं संग्रह का विमोचन किया गया।

            प्रदीप मिश्र अजनबी दिल्ली के संचालन में अतिथियों ने हिंदी पर अपने विचार व्यक्त किए व उपस्थित कवियों ने अपनी प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ किया।

           हिंदी प्रचार व राष्ट्रभाषा अभियान पदयात्रा व राष्ट्रीय सम्मेलन में ध्रुव यदुवंशी बरेली उत्तर प्रदेश, सत्यम सिंह नवयुग कौशांबी उत्तर प्रदेश, पूनम बागडिया दिल्ली, रोहित कुमार दिल्ली, भारती दिल्ली, कार्तिकेय मिश्रा   प्रयागराज, आलोक दीक्षित नोएडा, हरगोविंद पाठक बिसौली बदायूं, चन्द्रकान्ता चंद्रेश , सत्यार्थ जलालाबादी, सुरेन्द्र कुमार सिंह चांस मऊ उत्तर प्रदेश, विनोद कुमार पांडेय ग्रेटर नोएडा, हेमंत जगदीश शर्मा नोएडा, प्रबल प्रताप सिंह राणा नोएडा, मानव सिंह राणा सुओम अलीगढ़, कवि गोपाल जाटव विद्रोही मंदसौर, कमलेश विष्णु सिंह जिज्ञासु दिल्ली, रामलखन गुप्ता चाकघाट मध्यप्रदेश, डॉ मिंटू शर्मा मुजफ्फरपुर बिहार, डॉ रजनी सिंह डिबाई उत्तर प्रदेश, डॉ जया बंसल डिबाई उत्तर प्रदेश, पूजा संकल्प कुण्डा प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश, पुनीता सिंह शाहदरा दिल्ली, ऋतु अग्रवाल मेरठ उत्तर प्रदेश, राम गोपाल फरक्या मंदसौर मध्यप्रदेश, रामेश्वर पाटीदार मंदसौर मध्यप्रदेश, भोलेराम पाटीदार मंदसौर मध्यप्रदेश, संजय त्यागी मेरठ उत्तर प्रदेश, नरेन्द्र त्यागी नीर मेरठ, लक्की त्यागी , अभिषेक मिश्रा दिल्ली,  तरुण तरंग वुराड़ी, माही मुन्तजर दिल्ली, डॉ सुशील शैली नोएडा, सुरेश बंजारा नागपुर महाराष्ट्र, निखिलेश सिंह यादव गोंदिया महाराष्ट्र, लोकेश कौशिक हरियाणा, सुमित राजौरा बुलंदशहर उत्तर प्रदेश, अधिवक्ता राकेश तिवारी पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय महामंत्री वैश्विक हिंदी महासभा, डॉ विजयानन्द प्रयागराज उत्तर प्रदेश, डॉ उषा श्रीवास्तव मुजफ्फरपुर बिहार,  डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव पटना बिहार, डॉ हरेंद्र हर्ष बुलंदशहर उत्तर प्रदेश, मंजू अग्निहोत्री कानपुर उत्तर प्रदेश, संतोष कुमार पाठक गढ़वा झारखंड राष्ट्रीय सचिव हिंदी परिषद, डॉ शिवशरण श्रीवास्तव अमल बिलासपुर छत्तीसगढ़, शुभम यादव कुण्डा प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश, डॉ गुंडाल विजय कुमार हैदराबाद तेलंगाना, श्रीकांत रेड्डी हैदराबाद तेलंगाना उपस्थित रहे।

             प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा का हिंदी के लिए किया गया  ऐतिहासिक रहा। प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु अपना अभियान जारी रखेगा।

हिंदी भाषा प्रचार, राष्ट्रीय सम्मेलन, पदयात्रा व साहित्यकारों का हिंदी सम्मेलन का होगा आयोजन


जबलपुर

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा अपने अभियान के तहत दिल्ली में हिंदी भाषा प्रचार राष्ट्रीय सम्मेलन व पदयात्रा दिनांक 13 सितंबर 2023 को हिंदी दिवस के पूर्व आयोजित कर रही है। 

              प्रेरणा के इस ऐतिहासिक आयोजन में देश के ख्याति प्राप्त रचनाकार पत्रकार शिक्षाविद और समाजसेवी एकत्र हो रहे हैं। प्रेरणा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की दिशा में सतत प्रेरणादायक कार्य कर रही है।

        प्रेरणा के राष्ट्रीय सम्मेलन को सफल बनाने में डा धर्म प्रकाश वाजपेयी दिल्ली, प्रदीप मिश्र अजनबी दिल्ली, डॉ लाल सिंह किरार मुरैना, शिवेश्वर दत्त पाण्डेय देहरादून,  डॉ हरेंद्र हर्ष बुलंदशहर, डॉ गुंडाल विजय कुमार हैदराबाद, डॉ शिवशरण श्रीवास्तव अमल बिलासपुर छत्तीसगढ़, डॉ विजयानन्द प्रयागराज, इंद्रजीत तिवारी निर्भीक गाजीपुर, भैरु सुनार मनासा, पप्पू सोनी मंदसौर, रामगोपाल फरक्या मंदसौर, कुमार आलोक नोएडा, सुरेश बंजारा नागपुर, संतोष पाठक गढ़वा झारखंड, अजय पांडेय प्रतापगढ़, श्री गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी, राजकुमारी रैकवार राज जबलपुर, सुषमा वीरेंद्र खरे सिहोरा, के. एल. सोनी विनोदी छतरपुर,  राजवीर शर्मा अंबाह मुरैना, बिनोद कुमार पांडेय गौतमबुद्ध नगर, गोपाल जाटव विद्रोही मंदसौर , ओमप्रकाश चौधरी वाराणसी , पुरुषोत्तम लाल सोनी मतंग लखनऊ आदि प्रचार प्रसार में लगे हैं।

        प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने दिनांक 12 सितंबर 2023 को जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रेरणा हिंदी प्रचार प्रसार हेतु कार्य कर रही है और हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु अपना अभियान चला रही है। हम सभी भाषाओं का बराबर सम्मान करते हैं और सभी भाषाएं ज्ञान प्रदान करती है किन्तु अपने देश की राष्ट्रभाषा भी होनी चाहिए और इस दिशा में दिल्ली सम्मेलन एवं पदयात्रा एक आवाज है आंदोलन नहीं।

संविधान, लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा के संकल्प के साथ प्रलेस का राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न, टी लक्ष्मी नारायण राष्ट्रीय अध्यक्ष व सुखदेव सिंह सिरसा महासचिव बने

*अधिवेशन के समापन अवसर पर हरिशंकर परसाई के परिवार जनों को सम्मानित किया गया*


*टी लक्ष्मी नारायण राष्ट्रीय अध्यक्ष बने  और सुखदेव सिंह सिरसा दूसरी बार राष्ट्रीय महासचिव के रूप में चुने गए*

*प्रगतिशील लेखक संघ के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में  पांच सौ से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, कई प्रस्ताव पारित किये गए*

जबलपुर

फ़ासीवादी, साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ़ संयुक्त मोर्चा बनाने के आह्वान के साथ अखिल भरतीय लेखक संघ के 18वें राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ। हरिशंकर परसाई के शहर जबलपुर में  प्रगतिशील लेखक संघ का यह दूसरा राष्ट्रीय अधिवेशन था। 1980में हरिशंकर परसाई की उपस्थिति में राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ था और अब परसाई की जन्मशती के अवसर पर उनकी  यादों और उनके धारदार विचारों क़े साथ राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हुआ। 

इस तीन दिवसीय लेखक, बुद्धिजीवी समागम में देश के 19 राज्यों से पहुंचे पांच सौ से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।सम्मेलन में मणिपुर और नूह की हिंसा के साथ ही विभाजन- कारी सोच और साम्प्रदायिकता को लेकर गंभीर चिंता देखने को मिली।

अधिवेशन में उद्घाटन सत्र से लेकर लगभग हर सत्र में वक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए सभी जन संगठनों व देश भर के लेखकों से एकजुट होकर आम आदमी, किसान, मजदूर, महिला, अल्पसंख्यकों, दलित,आदिवासियों के हक और अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने की बात कही। मणिपुर से पहुंचे साहित्यकार इकेन खूराइजम ने मणिपुर हिंसा पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि दो महीने तक केंद्र सरकार ने हिंसा को लेकर कुछ नहीं बोला।

लेखकीय दायित्व को याद करते हुए उन्होने कहा कि हम इतने दुख और दर्द में रहे कि न कुछ लिख पाये, न कोई कविता  न कहानी। यह राजनीतिक और आर्थिक लड़ाई है, जिसे साम्प्रदायिक बना दिया गया। मैतेई और कुकी सदियों से एक साथ रहते आ रहे थे आज उन्हें एक दूसरे का जानी दुश्मन बना दिया गया। उन्होने कहा कि हम शांति और न्याय की आवाज बुलंद करने के लिए यहां अपने साथियों के साथ पहुंचे हैं। बेहतर दुनिया बनाने में लेखकों की भूमिका विषय पर आयोजित परिसंवाद में आनंद मेन्से कर्नाटक, आरती भोपाल, शिवानी पश्चिम बंगाल, समाधान इंग्ले महाराष्ट्र द्वारा विचार व्यक्त किया गया। सत्र का संचालन शैलेंद्र शैली ने किया।

अधिवेशन के आखिरी सत्र में अकादमिक जगत और विश्वविद्द्यालयों की स्वायत्तता बरकरार रखने और देश में किसी भी तरह के अवैज्ञानिक प्रचार को सरकार द्वारा प्रतिबंधित करने की मांग, नूह जैसी हिंसा दुबारा ना घटित हो, हिमांचल प्रदेश में राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा घोषित करने की मांग, 545 दिनों से चल रहे रूस-युक्रेन युद्ध के खिलाफ़, किसान आन्दोलन की सफ़लता को याद करते हुए उनकी मांगों का समर्थन, न्यूज़ क्लिक सहित अन्य मीडिया संस्थानों पर हो रहे हमलों के खिलाफ़ सहित सभी वर्गों को समान नि:शुल्क शिक्षा की मांग के साथ विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा कर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किये गये।

सांगठनिक सत्र में कार्यकारणी का गठन किया गया, जिसमें आन्ध्रप्रदेश के तेलगू भाषा के बड़े साहित्यकार पी लक्ष्मी नारायणा को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। पंजाबी भाषा के विख्यात साहित्यकार सुखदेव सिंह सिरसा को राष्ट्रीय महासचिव के रूप में दूसरी बार चुना गया। वरिष्ठ लेखकों में से नरेश सक्सेना, विभूति नारायण राय, राजेन्द्र राजन, अमिताभ चक्रवर्ती,  रतन सिंह ढिल्लो आदि ने सम्बोधित किया। हरिशंकर परसाई के जन्मदिन पर हुए समापन के अवसर पर केक काटने के साथ ही परसाई के  परिवारजनों को सम्मानित कर उनका जन्मदिन मनाया गया। मध्यप्रदेश लेखक संघ के सचिव तरुण गुहा नियोगी ने अधिवेशन के सफ़ल आयोजन को लेकर  सभी प्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का अभियान, एक कदम साथ चलें


दिल्ली

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु जारी अपने अभियान के तहत हिंदी दिवस के पूर्व दिनांक 13 सितंबर 2023 को दोपहर 12.00 बजे इंडिया गेट से राजघाट दिल्ली तक पदयात्रा आयोजित कर रही है। प्रेरणा इस अभियान में कवि साहित्यकार समाजसेवी पत्रकार शिक्षाविद व आमजन को जोड़ रही है।

प्रेरणा हिंदी प्रचार प्रसार का काम कर रही है और सभी भाषाओं का समान सम्मान करती है। प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के इस अभियान में रचनाकारों  की भूमिका महत्वपूर्ण है। अंग्रेजों से लोहा लेने में भी कवियों व कवयित्रियों की ऐतिहासिक पहल रही है और आज हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु यही वर्ग कार्य कर रहा है। प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु पदयात्रा अभियान में दिल्ली की सुप्रसिद्ध कवयित्री सीमा रंगा इन्द्रा ने प्रचार अभियान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी, प्रेरणा स्रोत डाॅ धर्म प्रकाश वाजपेयी, राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ लाल सिंह किरार, महासचिव प्रदीप मिश्रा अजनबी व सलाहकार डॉ विजय कुमार ने समस्त प्रबुद्ध वर्ग से इस अभियान में शामिल होने का अनुरोध किया है।

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