मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला को मिला एनएबीएल प्रमाणपत्र, किसानों को मिलेगा सटीक परीक्षण का लाभ
अनूपपुर
जिले की एकमात्र मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला को राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से मान्यता प्राप्त हो गई है। यह प्रमाणपत्र प्रयोगशाला की तकनीकी क्षमता, विश्वसनीयता और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कार्यप्रणाली का प्रमाण है।
एनएबीएल मान्यता से प्रयोगशाला में किए गए परीक्षणों पर किसानों और अन्य हितधारकों का विश्वास और भी मजबूत हुआ है। एनएबीएल, अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशाला प्रत्यायन सहयोग (ILAC) और एशिया प्रशांत प्रत्यायन सहयोग (APAC) की पारस्परिक मान्यता व्यवस्था (MRA) का हिस्सा है, जिससे यहां किए गए परीक्षण परिणामों को वैश्विक स्तर पर भी मान्यता प्राप्त होती है।
कृषि वैज्ञानिक महेंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मान्यता प्रयोगशाला के बुनियादी ढांचे, उपकरणों, प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ और गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रियाओं में निरंतर उत्कृष्टता का परिणाम है। इससे न केवल जिले में मृदा परीक्षण की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि किसानों को वैज्ञानिक खेती के लिए सटीक मार्गदर्शन भी मिलेगा।
उन्होंने बताया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत जिले के लिए 15,907 नमूनों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे पूर्ण कर लिया गया है। अब तक 14,010 मिट्टी नमूनों की जांच की जा चुकी है और 13,010 मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किए जा चुके हैं।
जिले की इस एकमात्र मान्यता प्राप्त मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा एकत्र किए गए नमूनों की जांच की जाती है। एनएबीएल मान्यता के बाद अब किसानों को उनकी भूमि की गुणवत्ता की सटीक जानकारी समय पर मिलेगी, जिससे फसल उत्पादन में सुधार और वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा मिलेगा।