वन विभाग की टीम पर हमला, तीन पिकअप में लदे मवेशी बरामद, पशु तस्कर फरार
*सोनू, अफजल के संरक्षण में चल रहा है पशु तस्करों का कारोबार, मैनेजमेंट से चल रहा खेल*
शहडोल
जिले में पशु तस्करी का बड़ा खुलासा हुआ है। जैतपुर वन परिक्षेत्र में वन विभाग की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन पिकअप में लदे मवेशियों को बरामद किया। इस दौरान तस्कर मौके से फरार हो गए, लेकिन उनकी गाड़ियों को जब्त कर लिया गया। हैरानी की बात यह है कि तस्कर न सिर्फ मवेशियों की तस्करी कर रहे थे, बल्कि हथियारों से लैस होकर चल रहे थे। आखिर प्रशासन इस पर चुप क्यों है, क्या जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही हैं।
जैतपुर वन परिक्षेत्र में देर रात वन विभाग की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई की। केशवाही, बूढ़ार और जैतपुर रेंजर की संयुक्त टीम ने तस्करों पर शिकंजा कसते हुए तीन पिकअप वाहन जब्त किए, जिनमें दर्जनों मवेशी भरे हुए थे। लेकिन इस कार्रवाई के दौरान तस्करों ने वन विभाग की टीम पर हमला भी किया। जैतपुर रेंज अधिकारी की बोलेरो को टक्कर मार दी गई, जिससे उनकी गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। यही नहीं, बीट गार्ड पर भी जानलेवा हमला हुआ, उनकी बाइक को कुचल दिया गया। किसी तरह वन कर्मियों ने अपनी जान बचाई।
अब सवाल यह उठता है कि जब जिले में खुलेआम पशु तस्करी हो रही है, तो प्रशासन कहां है? अनूपपुर जिले में लगातार तस्करी की खबरें आ रही थीं, लेकिन पुलिस प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहा था। आखिर क्यों? और सबसे बड़ी बात हैं कि जब सूचना के बाद तीन बार फोन करने पर भी थाना प्रभारी ने कॉल नहीं उठाई, तो इसे क्या समझा जाए? क्या प्रशासन की लापरवाही इन तस्करों को और बेखौफ बना रही है? जैतपुर में वन विभाग की इस कार्रवाई से यह तो साफ हो गया है कि तस्कर अब न सिर्फ बेखौफ होकर पशु तस्करी कर रहे हैं, बल्कि हथियारों के साथ घूम रहे हैं। लेकिन प्रशासन कब जागेगा? क्या अब भी कोई बड़ी घटना का इंतजार किया जा रहा है?