नई पहल, कंडे की होली से लकड़ी और पर्यावरण की सुरक्षा का संदेश लेकर निकले युवा

उमरिया

पर्यावरण के संरक्षण और गोवर्धन के लिए जरूरी है हम सब मिलकर काम करें इसके लिए आने वाले त्योहार होली पर हम गाय के गोबर से बने हुए कंडो की होली जलाकर न केवल पर्यावरण को बचाने का काम कर सकते हैं बल्कि हम गौशालाओं के विकास के लिए भी एक कदम आगे बढ़ा सकते हैं। कंडो की होली के यहां लकड़ी की बचत होगी वहीं पर्यावरण सुरक्षित रहेगा।

एकत्र कर रहे हैं कंडा कार्यक्रम संयोजक हिमांशु तिवारी ने बताया कि युवा टीम उमरिया के सदसयो के द्वारा इस वर्ष भी लकड़ी की जगह कंडो से होलिका दहन किया जाएगा। इसके लिए युवा टीम उमरिया के सदस्य  गांव-गांव घर-घर जाकर कंडे इकट्ठा करने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि होलिका जलाते समय हम जहां अति उत्साह में आकर कई क्विंटल लकड़ी जला देते हैं। तो कहीं कहीं तो हरे भरे पेड़ काटकर भी होली में रख देते हैं। जिससे प्रकृति का नुकसान होता है। उन्होंने बताया होलिका दहन पर उपले व गोकाष्ठ जलाने के दौरान उसमें कपूर और इलायची जलाया जाए तो इससे वातावरण में शुद्ध होगा और स्वाइन फ्लू के कीटाणु भी मर जाएंगे।हम जागरूक नागरिक की भूमिका का निर्वहन करते हुए आओ जलाएं कंडो की होली अभियान को गति दे और इसका सहयोगी बने। युवाओं ने किया तय युवा टीम उमरिया के सदस्यों ने इस वर्ष तय किया है कि उमरिया जिले के कई विभिन्न स्थानों में इस वर्ष कंडों की होली जलाने में अपनी सहभागिता निभाएंगे। युवाओं का कहना है कि इस बार लकड़ी की जगह हम आसपास उगी झाडि़यों को शामिल करेंगे और कंडो की संख्या बढ़ाएंगे। 100 से भी अधिक युवा आयोजन की तैयारी में जुटे हुए है। युवाओं ने आवाहन किया आइए अबकी होली में यह शपथ लें कि लकड़ियों को न जलाएंगे न जलाने देंगे। प्राकृतिक रूप से होलिका के लिए गोबर के कंडों का प्रयोग करेंगे। इससे पर्यावरण भी बेहतर रहेगा और गोशालाएं भी समृद्ध होंगी।इस दौरान टीम संयोजक हिमांशु तिवारी,खुशी सेन, लक्ष्मी महोबिया,खुशबू बर्मन,साक्षी रैदास, महक सोनी,सुनैना प्रजापति,पिंकी महोबिया के सहित 100 युवा तैयारी कर रहे है।

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