जिला अस्पताल में मरीजों की दयनीय स्थिति, पानी और शौचालय की भारी किल्लत, प्रशासन बेखबर
अनूपपुर
जिला अस्पताल के प्रबंधन की लापरवाही के चलते मरीजों को बुनियादी सुविधाओं के लिए त्राहि-त्राहि करनी पड़ रही है। बुधवार और गुरुवार को भर्ती मरीजों को न तो शौच के लिए पानी मिला और न ही पीने का पानी उपलब्ध कराया गया। हालत यह है कि मरीजों के परिजनों को बाहर से पानी खरीदकर लाना पड़ा, तब जाकर उनकी जरूरतें पूरी हो सकीं।
*सिविल सर्जन भी नहीं उठातीं फोन*
मरीजों ने बताया कि सिविल सर्जन डॉ. सत्या भारती तक उनकी शिकायतें पहुँचाने का कोई रास्ता नहीं है, क्योंकि वह उनके फोन भी नहीं उठाती हैं। इस वजह से अस्पताल में भर्ती लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
एक ही शौचालय पर भीड़, महिलाओं को झेलनी पड़ रही है, जिला अस्पताल में शौचालयों की हालत भी बेहद खराब है। पुरुष वार्ड के अधिकांश शौचालय बंद पड़े हैं, जिसकी वजह से मरीजों और उनके परिजनों को केवल एक ही शौचालय का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसके चलते सुबह 4 बजे से लेकर 10 बजे तक महिलाओं और पुरुषों को लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ता है। मरीजों का कहना है कि यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
*प्रशासन की सुस्ती बनी हुई है चुनौती*
स्थानीय नागरिकों और मरीजों ने प्रशासन से मांग की है कि जिला अस्पताल में पानी की आपूर्ति और शौचालयों की मरम्मत की व्यवस्था तुरंत की जाए। साथ ही, सिविल सर्जन को मरीजों की समस्याओं को सुनने और उनका निवारण करने के लिए गंभीरता दिखानी चाहिए। इस मामले में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। मरीजों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।