जंगली सूअरों का आतंक, किसानों की गेहूं की फसल हो रहा है बर्बाद, प्रशासन मौन

जंगली सूअरों का आतंक, किसानों की गेहूं की फसल हो रहा है बर्बाद, प्रशासन मौन


अनूपपुर

नगर परिषद बरगवां अमलाई के वार्ड क्रमांक 1 में जंगली सूअरों का आतंक किसानों के लिए अभिशाप बन गया है। इन जंगली जानवरों के झुंड रात के अंधेरे में खेतों में घुसकर गेहूं की फसलों को नष्ट कर रहे हैं, जिससे किसानों की मेहनत और आजीविका पर संकट मंडरा रहा है। किसान द्वारा पशुओं एवं वन्यजीवों से सुरक्षा के लिए लगाई गई जाली नुमा फेंसिंग भी इन सूअरों को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। किसान का कहना है कि उनकी शिकायतों के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा, स्थानीय किसान के अनुसार, जंगली सूअर रात के समय बड़े झुंडों में खेतों में घुस आते हैं और गेहूं की फसलों को  रौंदकर बर्बाद कर देते हैं। उनका कहना है कि हम दिनभर खेतों में मेहनत करते हैं, लेकिन रात होते ही ये सूअर सब कुछ नष्ट कर देते हैं। उन्होंने बताया कि इस साल उनकी फसल का बड़ा हिस्सा पहले ही नष्ट हो चुका है, और अगर यही स्थिति रही तो उनकी आर्थिक हालत और खराब हो जाएगी।किसानों ने इस समस्या को लेकर कई बार स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को सूचित किया है, लेकिन उनकी शिकायतें कागजों तक ही सीमित रह गई हैं।  किसानों का कहना है कि प्रशासन की ओर से केवल खानापूर्ति की जा रही है, और उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।सरकार ने वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा के लिए सहायता और मुआवजे की बात तो करती है, लेकिन किसानों का कहना है कि यह मदद नाकाफी और अप्रभावी है।अगर मुआवजा मिलता भी है, तो वह इतना कम होता है कि उससे नुकसान की भरपाई नहीं हो पाती। हमारी पूरी फसल बर्बाद हो रही है, और हमें सिर्फ आश्वासनों के सिवा कुछ नहीं मिलता, प्रशासन मौन है, किसानों का यह भी आरोप है कि मुआवजे की प्रक्रिया इतनी जटिल और लंबी है कि कई बार उन्हें समय पर मदद नहीं मिल पाती।

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