मुंह देखी राजनीति का शिकार हुआ जिला मुख्यालय का फ्लाई ओवर-जिवेंद्र सिंह

मुंह देखी राजनीति का शिकार हुआ जिला मुख्यालय का फ्लाई ओवर-जिवेंद्र सिंह

*वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ही अनशन के पीछे छुपी गलत मानसिकता स्पष्ट की उठाए सवाल*


अनूपपुर 

जिला कांग्रेस कमेटी अनूपपुर द्वारा पूरे नगर में पंपलेट वितरण एवं समाचार पत्रों के माध्यम से दिनांक 21 मार्च 2025 से अनिश्चित कालीन क्रमिक अनशन शुरू करने और आमजनों से सहयोग की अपील की थी। वरिष्ठ कांग्रेश कार्यकर्ता जीवेंद्र सिंह ने उठाए कांग्रेस के अनशन पर सवाल, उन्होंने अपने सोशल मीडिया फेसबुक पेज के माध्यम से जिला अध्यक्ष रमेश सिंह से पूंछा कि क्रमिक अनशन कितने बजे प्रारंभ हुआ और  जिला कांग्रेस के कौन - कौन कार्यकर्ता अनशन मे बैठे और कार्यकर्ताओं ने 21 मार्च 2025 को कितने बजे अनशन समाप्त किया और किस जिम्मेदार अधिकारियों के आश्वासन पर अनशन समाप्त किया या सवाल।खड़ा होता है। प्रचलित परपंरा के अनुसार अनशनकारियों का चिकित्सीय परीक्षण होता है और अनशन तोडऩे के आश्वासन देने वाले अधिकारियों द्वारा जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया जाता है, क्या इस कानूनी प्रक्रियाओं का पालन हुआ है ? अनशन समापन के दौरान सेतु निगम कार्यपालन यंत्री या सहायक यंत्री ,रेलवे के वरिष्ठ मंडल अभियंता या एडीईन ,जिला प्रशासन के कलेक्टर या पुलिस अधीक्षक थे.....?

जबकि दिनांक 31 जुलाई 2024 को कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्टर आशीष वशिष्ठ की अध्यक्षता में ओवरब्रिज के शीघ्र निर्माण के संबंध में हुई बैठक में अपर कलेक्टर, एडिशनल एस.पी.,ए.डी .एम, वरिष्ठ मंडल अभियंता रेल,एडीईन, सेक्शन अभियंता सिविल रेलवे, सेतु निगम के कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, एस.डीएम, तहसीलदार, नगरपालिका, विद्युत विभाग,लोक निर्माण विभाग, पी.आइ.यू सहित नगर के गणमान्य व्यक्तियों को भी आमंत्रित किया गया था।

जिसमें मेन पावर बढाकर शीघ्रातिशीघ्र ओवरब्रिज निर्माण के साथ ही साथ रुटीन कार्यस्थल निरीक्षण एवं समीक्षा बैठक करने का प्रस्ताव पारित किया गया था।जिसमें नगर के 05 गणमान्य नागरिको के प्रत्येक समीक्षा बैठक में आमंत्रित किया जाना भी शामिल है। 31 जुलाई 2024 के बैठक के परिपालन मे हमेशा अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता रहा है और नगर के नागरिकों को भी समीक्षा बैठक में बुलाया जाता है। अनेकों बार अमन वैष्णव IAS, महिपाल सिंह IAS,कलेक्टर अनूपपुर हर्षल पंचोली IAS एवं CEO जिला पंचायत द्वारा औचक निरीक्षण स्पाट पर करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

फ्लाई ओवर के लिए अनशन बना गुड्डे गुड़ियों का खेल कांग्रेस का नाम लेकर गैर रजिस्टर्ड समिति के बैनर तले किया अनशन । उक्त प्रशासनिक सहयोग के बावजूद जिला कांग्रेस कमेटी अनूपपुर  ने अनिश्चित कालीन अनशन प्रारंभ  किया लेकिन अनशन स्थल पर कांग्रेस पार्टी का झंडा, बैनर और पार्टी के राष्ट्रीय व प्रादेशिक नेताओं की फोटो लगाने से परहेज किया। वहीं दुसरी ओर ब्रिज समिति के पदाधिकारियों ने भी अनशन स्थल से किनारा कर लिया। जब जिला प्रशासन ब्रिज संघर्ष समिति के पांच सदस्यों को प्रत्येक समीक्षा बैठक में आमंत्रित कर रहा है तो ब्रिज संघर्ष समिति द्वारा अनशन को समर्थन देने के पीछे क्या मंशा थी और जिला कांग्रेस कमेटी ने क्रमिक अनशन करने की घोषणा की थी तो किसी अन्य अपंजीकृत समिति का बैनर इस्तेमाल करने की क्या मजबूरी थी...?

आखिरकार किन वजहों से जिला प्रशासन  सहित रेलवे और सेतु निगम के आला अधिकारी अनशन स्थल से नदारद रहे । नगरवासियों के संघर्ष  से ही ओवरब्रिज बन रहा है। ओवरब्रिज न बनने  देने वालों का भी संघर्ष शहर जानता है। सबकी भूमिका जगजाहिर है। ओवरब्रिज निर्माण कार्य में कुछ प्रतिष्ठित और जिम्मेदार नागरिकों द्वारा अनावश्यक रूप से व्यवधान उत्पन्न नही किया गया होता तो रेलवे ओवरब्रिज 2023 मे ही बन गया होता। ओवरब्रिज निर्माण कार्य में आज भी ठेकेदारों के कार्य में अवरोध उत्पन्न किया जा रहा है ,मटैरियल नही रखने दिया जाता । मुआवजा राशि लेने के बाद भी भूमि पर कब्जा किया है।  नगरपालिका के पेयजल आपूर्ति होने हेतु पाइपलाइन बिछाने मे अवरोध उत्पन्न किया जाता है। ओवरब्रिज बनाने के लिए संघर्ष करने की आवश्यकता नहीं है अपितु ओवरब्रिज न बनने देने के लिए संघर्ष करनेवाले लोगों से दूरी बनाना आवश्यक है ताकि ब्रिज का निर्माण कार्य सुचारू रूप से चलता रहे।

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