शरारती तत्वों ने मंदिर में घुसकर खुलेआम की मारपीट, राजनैतिक दबाव में पुलिस नहीं कर रही कार्यवाही

शरारती तत्वों ने मंदिर में घुसकर खुलेआम की मारपीट, राजनैतिक दबाव में पुलिस नहीं कर रही कार्यवाही 


अनुपपुर

जिले के बिजुरी पुलिस थाना क्षेत्र कस्बे में 14 मार्च शुक्रवार होली के दिन दोपहर को लगभग 3.15 बजे कानून व्यवस्था को धता बताते हुए  तीन शरारती तत्वों ने वार्ड नंबर 9 रेलवे फाटक रोड़ स्थित चाय दुकान संचालक दीपक शुक्ला के साथ खुलेआम मारपीट करते हुए गुंडागर्दी की घटना को अंजाम दिया। पूरी वारदात सीसीटीवी मे रिकार्ड हो गयी और अब सोशल मीडिया में वायरल है।  फरियादी पीड़ित दीपक शुक्ला द्वारा थाना बिजुरी में दी गयी शिकायत में बताया है कि प्लान बनाकर तीन लड़कों ने मेरे साथ गाली गलौज और मारपीट की।  जिससे शरीर के कई हिस्से में गंभीर चोटे आई है। पीड़ित ने बताया कि मुझे पुलिस और कुछ पत्रकार शांत रहने को कह रहे हैं आशंका है कि प्रभावशाली राजनैतिक दबाव के कारण पुलिस कार्यवाही में विलंब कर रही है।  जबकि पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है। फरियादी ने बताया कि वह अपनी चाय दुकान के पास स्थित शंकर मंदिर से पूजाकर बाहर निकल रहा था। इतने में ही अचानक से मंदिर के मुख्य द्वार में ही रुक्मणि प्रजापति,प्रकाश प्रजापति,असफाक अंसारी भद्दी,अश्लील, भद्दी गालियां देते हुए उक्त तीनो ने जमकर मारपीट की।  मारपीट उक्त तीनों लड़कों ने ही किया है लेकिन पुलिस की जांच घटना के 5 घंटे बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं की गई है। बिजुरी थाने में पदस्थ एक  पुलिस कर्मचारी फरियादी दीपक शुक्ला को दूरभाष में भय दिखाते हुए कहा कि तुम इस मामले में शांत हो जाओ नहीं तो हरिजन एक्ट लग जाएगा और तुम फस जाओगे। इधर नगर निरीक्षक विकास सिंह ने पत्रकारों  से बातचीत में घटना के संबंध में कहा कि अभी हम किसी को जांच करने के लिए नहीं दिए हैं। दोनों पक्षों की रिपोर्ट ले ली गई है और मेडिकल परीक्षण भी कर दिया गया है । आरोप है कि पुलिस आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की बजाय इसमें लिप्त लोगों का बचाव कर रही हैं और मामले को दबाया जा रहा है। पुलिस कप्तान मोतिउर रहमान लगातार अपराधों को उजागर करने का कार्य कर रहे हैं और बिजुरी पुलिस पीड़ित पर ही दवा बनाकर मामले में पर्दा डालने का प्रयास कर रही है।‌ बिजुरी पुलिस कई मामलों में काफी दिनों से सुर्खियों में है। अब देखना होगा कि इस मामले में पुलिस कुछ करती है या फिर पुराने मामलों की तरह मामला दबा दिया जाएगा।

होली त्यौहार के पूर्व जिला प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाने तमाम एडवाइजरी जारी की थी। अराजक तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के लिए तमाम प्लान तैयार किए गए थे। पीड़ित ने का कहा कि मुझे व्यापारिक प्रतिस्पर्धा की वजह से  रुक्मणी प्रजापति के द्वारा पिछले 1 वर्ष से अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। ऐसे में मैं किसी दिन प्रताड़ित होकर आत्महत्या भी कर सकता हूं। इसके जिम्मेदार भी यही लोग होंगे।

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