ज्ञानरुपी प्रकाश में निरंतर रत देश को भारत कहते हैं –डॉ. विश्वास चौहान, सदस्य, निजी विनियामक आयोग
*राज्य स्तरीय शिविर के तृतीय दिवस अमरकंटक के पुष्कर घाट पर स्वयंसेवकों ने श्रमदान कर आमजन को जागरूक किया*
अनूपपुर
राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ. मनोज अग्निहोत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य स्तर नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर अमरकंटक के तृतीय दिवस पर प्रदेश के कोने कोने से सहभागिता करने आए स्वयंसेवकों ने परियोजना कार्य के रूप में मां नर्मदा के पावन तट पर स्थित रामघाट, पुष्पराज घाट एवं शिविर स्थल नगरपालिका परिसर को स्वच्छ कर श्रमदान किया। स्वयंसेवकों ने प्रकृति के दुश्मन तीन, पाउच पानी और पालीथीन के नारों से घाट पर स्नान करने आए नागरिकों एवं भक्तजनों को जागरूक कर घाटों को प्लास्टिक एवं अन्य कचरे से मुक्त किया।
तृतीय दिवस के बौद्धिक सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में मध्यप्रदेश निजी विनियामक आयोग के सदस्य डॉ. विश्वास चौहान ने "भारतीय संविधान में जीवन मूल्य" विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि भारत शब्द का अर्थ है जो ज्ञान में रत हैं, उसे भारत कहते हैं और ज्ञान रूपी प्रकाश में निरंतर निमग्न जन भारतीय कहलाते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि भारतीय संविधान में निहित समता, बंधुता आदि शब्द हमारे भारत की लोकतांत्रिक मूल्यों में समाहित है। उन्होंने ह्वेनसांग व मेगस्थनीज के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा कि इस जन्म में ऐसा अच्छा कार्य करो कि अगला जन्म भारत में हो। उन्होंने अधिकारों के स्थान पर नागरिकों के कर्त्तव्यों की चर्चा की और कहा कि जब सभी नागरिक अपने कर्त्तव्यों का पालन करेंगे तो हमें अधिकारों के मांग करने की आवश्यकता ही नहीं होगी। राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ. मनोज अग्निहोत्री ने कहा कि एनएसएस शिविर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं। कार्यक्रम समन्वयक जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर हरिशंकर कंसाना ने कहा कि एनएसएस शिविर विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के साथ उनको राष्ट्र व समाज कार्यों की ओर प्रेरित करते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वयंसेवक प्राची झरिया रहें एवं कार्यक्रम अध्यक्षता स्वयंसेवक राज जादौन ने की। बौद्धिक सत्र का संचालन स्वयंसेवक समीर खान ने किया एवं आभार कार्यकम अधिकारी डॉ. बक़ील सिंह कौशल ने माना।
प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्वयंसेवकों द्वारा प्रभात फेरी का आयोजन किया गया एवं तत्पश्चात डॉ. मनजीत सिंह सलूजा द्वारा मन, आत्मा एवं शरीर के स्वास्थ्य हेतु स्वयंसेवकों को योगाभ्यास कराया गया। इससे एक दिन पूर्व रात्रि में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर एवं जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के स्वयंसेवकों द्वारा लोकनृत्य, लोकगीत, नुक्कड़ नाटक, कविता आदि विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।