नगर परिषद में षडयंत्र पूर्वक किये गए संविलियन भर्ती के विरोध में मस्टर कर्मचारीयो ने खोला मोर्चा
*अपने हक के लिए हर संभव प्रयास करेंगे मस्टर कर्मचारी*
अनूपपुर
जिले के कोयलांचल क्षेत्र की नवगठित नगर परिषद डोला, बनगांव, और डूमर कछार में कूट रचना करते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार कर संविलियन भर्ती घोटाला किया गया था। जिस पर कोर्ट द्वारा कुछ कर्मचारियों को उनका वेतन देने के फैसला के बाद अब फिर क्षेत्र चर्चा में आ गया है। नगर परिषदों में एक अलग सा माहौल उत्पन्न हो गया है साथ ही डोला,बंनगवा, डुमरकछार परिषद के मास्टर कर्मचारी और फर्जी भर्ती हुए संविलियन कर्मचारी आमने-सामने दिखाई दे रहे हैं जहां अब मास्टर कर्मचारी भी संविलियन भर्ती के खिलाफ कोर्ट का रास्ता अपना चुके हैं। नाम न छापने पर मास्टर कर्मचारीयों द्वारा बताया गया कि देश पर आई कोरोना जैसे महामारी के दौरान हम सभी मास्टर कर्मचारी अपनी जान जोखम में डालकर शासन प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस महामारी से लगातार जूझ रहे थे जिसके लिए कई बार हमारे मास्टर कर्मचारी भाइयों के भी स्वास्थ्य पर असर पड़ा था लेकिन अब देखा जा रहा है कि कई ऐसे चेहरे जो फर्जी तरीके से संविलियन भर्ती किए गए थे उनके द्वारा अलग-अलग नगर परिषदों में आकर ठिहा जमाया जा रहा है जबकि वास्तव में तो जिन कर्मचारियों का सम्मेलन किया गया है वह कर्मचारी हमारे नगर परिषद क्षेत्र के है ही नहीं कई ऐसे कर्मचारी जो हमारे नगर से भर्ती किए गए थे जो हमारे साथ बराबर कोरोना जैसे महामारी के समय में कार्यरत थे।
*घर पर बैठकर दी सेवा*
अक्सर देखा जाता रहा है कि कोरोना कल के समय नगर में मस्टर कर्मचारी व लोकल के कुछ संविलियन किए गए कर्मचारी ही नगर को स्वच्छ व स्वस्थ रखने के लिए दिन रात अपनी सेवा दे रहे थे लेकिन वही जो घर पर बैठे हुए थे और आराम की जिंदगी काट रहे थे ऐसे लोगों को भी मेवा मिलेगा ये सोच से परे था। मास्टर कर्मचारी लगातार क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे थे इस सविलियन में कई ऐसी महिलाएं शामिल है जो फर्जी सिविलियन में कूट दस्तावेज तैयार कर भरती की गई है जिन्हें यहां की जनता जनार्दन भी पहचानने से इनकार कर रही है।
*नगर में युवा बेरोजगार मगर अन्य को मिला रोजगार*
फर्जी तरीके से किए गए सविलियन भर्ती कर्मचारी जिनके नगर में आते ही नगर का माहौल काफी खराब हो रहा है साथ ही चौक चौराहों पर हर जगह जन चर्चा चल रही की नगर में इतने कर्मचारियों का भर्ती किया गया और नगर की जनता को भनक तक नहीं लगी। हमारे नगर के कई बेरोजगार युवा जो आज भी रोजगार के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं व कई अन्य राज्यों में जाकर नौकरी कर भी रहे हैं।
*पंचायत में 50 से 60 कर्मचारी होते थे पदस्थ*
नगर के बेरोजगार युवाओं का कहना हैं कि हमारे नगर में तीन ग्राम पंचायत को नगर परिषद का दर्जा देश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वर्ष 2016/17 में सौगात के रूप में दी गई थी जहां पर ग्राम पंचायत में कार्य करने वाले कर्मचारियों को नगर परिषद में सम्मिलित किया जाना था लेकिन देखा जा रहा है कि देश में शायद यह तीन ग्राम पंचायत रही होगी जहां पर 50 से 60 कर्मचारी ग्राम पंचायत में कार्य कर रहे थे।
*शुरू हुई थी फर्जी भर्ती संविलियन की प्रक्रिया*
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के घोषणा के बाद ही इस पूरी फर्जी भर्ती संविलियन की प्रक्रिया चालू की गई जहां पर नगर के बेरोजगार युवाओं को दरकिनार करते हुए पड़ोसी राज्य व अन्य जिले के लोगों को इस फर्जी भर्ती संविलियन में सम्मिलित किया गया नगर के युवाओं की मांग है कि जिन कर्मचारियों को इस फर्जी भर्ती संविलियन में सम्मिलित किया गया है उन सभी लोगों का माननीय मुख्यमंत्री जी के घोषणा के दो वर्ष पूर्व उनके निर्वाचन आयोग पत्र आधार कार्ड व अन्य कई दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जाए जिससे पूरी तरह से किए गए भ्रष्टाचार का पता चल जाएगा कि आखिरकार हमारे नगर के निवासी हैं या नहीं। अब देखना है की शाशन इस इस पुरे मामले में क्या पहल करती है।
इनका कहना है।
डोला ग्राम पंचायत में सचिव के अलावा अन्य 8 दैनिक कर्मचारी थे पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा ग्राम पंचायत को नगर परिषद का दर्जा प्राप्त होने पर अन्य जिनकी भी भर्ती संविलियन में की गई हैं वो सचिव ही बता सकते हैं कैसे की गई हैं।
*रविशंकर तिवारी,उपाध्यक्ष नगर परिषद, डोला*
हमारे यहां ग्राम पंचायत में 11 कर्मचारी कार्य कर रहे थे, नगर परिषद में इन्हीं 11 लोगों को शामिल किया जाना था, 71 कैसे हुए शामिल सचिव सहित अन्य अधिकारी ही बता सकते हैं।
*चैन सिंह परस्ते,मुख्य नगर परिषद अधिकारी, बंनगवा*
यह पूरा मामला न्यायालय के अधीन में है, समय-समय पर न्यायालय द्वारा जो भी आदेश आते हैं उसे पर कार्य किया जा रहा है।
*डॉ. सुनील कुमार चौरसिया, अध्यक्ष, नगर परिषद डूमर कछार*