बायोस्फीयर जोन में अवैध ब्लास्टिंग से थर्राया पुष्पराजगढ़ के कई गांव, ग्रामीणो की जान माल की चिंता
*खनिज विभाग की सह पर हो रहा है अवैध पत्थर का कारोबार*
अनूपपुर
जिले के पुष्पराजगढ़ क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बसही के साथ-साथ कई जगहों पर क्रेशर का यह कारोबार संचालित हैं, जिसमें एक अपनी अलग हुकूमत जमा रखी है ना तो अधिकारियों का डर है ना प्रशासन के नियमों का खौफ। तो आखिर इसके ऊपर संरक्षण किसका? भाजपा के झंडे तले मिल रहा संरक्षण संबंधित व्यक्ति माईनिंग का यह एक बड़ा मायाजाल पुष्पराजगढ़ के आसपास समूचे क्षेत्र में फैला हुआ है जिसमें यह बेखौफ होकर क्रेशर संचालन का कार्य करते हैं एवं पत्थरों का भंडारण भी होता है I भंडारण कितने घन मीटर या क्यूब मीटर में दिया जाता है यह रेशियो से परे हैं। क्योंकि यहां अधिकतम ग्रामीण के द्वारा पत्थर को तोड़कर क्रेशर तक पहुंचाया जाता है I जिसकी ना कोई रॉयल्टी होती है,ना कोई पर्ची जबकि आए दिन कहीं ना कहीं इन पत्थरों के खदान में किसी मासूम की मौत हो जाती है। जिसका मामला सिर्फ कागजों तक ही दफन होकर रह जाता है। ना इसकी कोई कार्यवाही होती हैं, और ना किसी को भनक लगता हैं। नियमों की माने तो बायोस्फीयर जोन में पत्थर की खदान होना मुमकिन ही नहीं है I पर सरस्वती एण्ड माईनिंग क्रेशर को किसके संरक्षण के माध्यम से भंडारण एवं पत्थर खुदाई के लिए लीज आसानी से मिल जाता हैं । आखिर किसके दम पर वह छाती ठोकते हैं । कहीं सत्ता के दलालों से तो जुडी नहीं है इनकी तार। आपको बता दे कि परसेल कला में दस वर्ष से लगातार अवैध उत्खनन क्रेशर प्लांट लगाकर आदिवासीयों का जमीन को बंजर कर अवैध तारिके से जमकर पत्थर खदान बना रहे है। और ब्लास्टिंग कर के पत्थर की तोडाई कर रहे l वहीं आदिवासी आंचल क्षेत्रीय सौन्दर्य की दुर्गति कर रहे है I
*जब सईयां भए कोतवाल तो डर काहे का*
यह शब्द का चरित्रार्थ यह है कि जब सारी चीज जेब गर्म करने पर चल रही है जुगाड़ बाजी में गाड़ियां निकल रही है तो फिर डर किस बात का है खनिज ऑफिस से लेकर टोल बेरियल तक की सेटिंग पत्थर मध्य प्रदेश का सप्लाई छत्तीसगढ़ में पेण्ड्रा से आकर मध्यप्रदेश में अंगद की पैर की तरह जमे हुए हैं। ग्राम पंचायत बसही में ग्राम पंचायत परसेलकला ग्राम पंचायत हर्राटोला एवं ग्राम पंचायत ताली के पांवरा में चल रही पत्थर की अवैध करोबार, हो रही बेधडक ब्लास्टिंग रोकने वाला कोई नहीं है l ऊपर से नीचे तक सब को मैनेज करते है हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड सकता ।
*खनिज विभाग पर उठ रहे सवालियां*
माना जाए तो खनिज बिभाग को सरस्वती एण्ड माईनिंग क्रेशर के बारे में सब पता है। कि कितने प्लांट है और कितने खदान है I अवैध तारिके से कितने जगह खदान संचालित है और ब्लास्टिंग कितने समय लगता है ए सभी की जानकारी होने के बावजूद ग्रामीणों के जान से खेलवाड किया जा रहा है। आऐ दिन जल जंगल जमीन पर उछल कूद करने वाले चिडिया व मुख जानवरों की जान माल को आए दिन हानी पहुंच रही है। और ग्रामीणों से लेकर छोटे बडे पशू खतरे से खाली नहीं है और आए दिन ब्लास्टिंग होने से जंगली जानवर जंगल छोड गांव के तरफ भाग रहे है जो ग्रामीणों सहित बाल बच्चों पर हमला ना करें जिससे ग्रामीण जन चिंतित में रहते हैं। जिससे खनिज बिभाग पर सवाल खाडा होना संभावित हैं।
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