हाथी ने तोड़े 9 ग्रामीणों के मकान, किसानो के फसल को किया चौपट, धनगवां के जंगल में कर रहा विश्राम

हाथी ने तोड़े 9 ग्रामीणों के मकान, किसानो के फसल को किया चौपट, धनगवां के जंगल में कर रहा विश्राम


समाचार

अनूपपुर

एक हाथी विगत तीन दिनों से अनूपपुर जिले के जैतहरी इलाके में विचरण करता हुआ शुक्रवार एवं शनिवार की रात धनगवां बीट के जगह से निकल कर पूरी रात कुसुमहाई, टकहुली, चांदपुर , गुवारी की सीमा मे चलते हुए आहार की तलाश में 9 ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर नुकसान करते हुए दो किसानो की फसलों को अपना आहार बनाकर शनिवार की सुबह होते ही फिर से दूसरे दिन धनगवां के जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहा है, एक अकेले हाथी के विचरण को लेकर अनेको गांव के ग्रामीण हाथी के आने की सम्भावना पर पूरी रात जाग कर बिताते रहे, इस बीच कुसुमहाई के पाडाडोल मोहल्ला में निरंतर हाथी से पीड़ित दो आदिवासी परिवारों ने एक दिन पूर्व ही घर की सामग्रियों को घर के पास स्थित महुआ के पेड़ में रस्सी के सहारे चढ़ा कर रख दिया। एक दांत वाला नर हाथी विगत तीन दिन पूर्व छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही इलाके से सीमा को पार करते हुए मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत जैतहरी इलाके में आकर ठहरा हुआ है जो दिन में जंगल में रहकर विश्राम करने बाद रात होते ही आहार की तलाश में जंगल से निकल कर ग्रामीण अंचलो में पहुंचकर ग्रामीणों के घरों,खेत एवं बांड़ी में लगे एवं रखें विभिन्न प्रकार के खाने की सामग्रियों को अपना आहार बनाते हुए सुबह होने के पूर्व फिर से जंगल में विश्राम करने चला जाता है।

यह हाथी जैतहरी के धनगवां बीट अंतर्गत जंगल में जो ग्राम पंचायत क्योटार के राजस्व ग्राम कुसुमहाई से लगा हुआ है, विश्राम करने बाद अचानक देर रात जंगल से निकलकर कुसुमहाई गांव के पाड़ाढोल टोला जो जंगल के किनारे स्थित है में पहुंचकर वनकर्मियों एवं ग्रामीणों को देखकर दौड़ने बाद चौरसिया बाई बैगा,लाल बहादुर सिंह गोंड एवं भंवर सिंह गोंड के घरों में तोड़फोड़ कर अनाज की तलाश करते हुए खाता रहा इस बीच विगत कई वर्षों से हाथियों के आने एवं जाने का यह क्षेत्र मार्ग होने के कारण चौरसिया बाई बैगा,लाल बहादुर सिंह जो खेतों में घर बनाकर रह रहे हैं अपने खाने पीने की सामग्री को हाथी के आने की संभावना पर एक दिन पूर्व ही घर के पास महुआ के पेड़ में रस्सी के सहारे बांधकर चढ़कर सुरक्षित रख दिया था जो इस हाथी के पहुंच से दूर होने के कारण बच गया। वनविभाग के अधिकारी/कर्मचारी ग्राम पंचायतो के पदाधिकारी के साथ इस हाथी के विचरण पर निरंतर नजर रखते हुए ग्रामीणों को सतर्क पर एवं सचेत रहने की बात विभिन्न माध्यमों से कर रहे हैं।

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