पूर्व प्राचार्य संत की मेहनत लाई रंग शासकीय तुलसी महाविद्यालय को मिला नैक मूल्यांकन में बी प्लस ग्रेड
अनूपपुर
जिला मुख्यालय स्थित प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस शासकीय तुलसी महाविद्यालय में विगत दिनो राष्ट्रीय प्रत्यायन एवं मूल्यांकन परिषद की पीयर टीम ने महाविद्यालय के विभिन्न गुणवत्ता मानकों का विधिवत मूल्यांकन किया गया। इस मूल्यांकन प्रक्रिया में देश केअलग-अलग ख्यातिलब्ध संस्थाओं से तीन विशेषज्ञों की टीम आई थी।
इस दौरान नैक पीयर टीम ने महाविद्यालय के सात प्रमुख मूल्यांकन मापदंडों जिनमें शैक्षणिक पाठ्यक्रम के पहलू, शिक्षण अधिगम और मूल्यांकन, शोध नवाचार एवं विस्तार गतिविधियां, इंफ्रास्ट्रक्चर और लर्निंग संसाधन, छात्र सहायता एवं प्रगति, गवर्नेंस लीडरशिप और प्रबंधन, संस्थागत मूल्य और बेस्ट प्रैक्टिसेज से सम्बंधित समस्त पहलुओं की विधवत जांच किया। साथ ही महाविद्यालय के समस्त विभागों, प्रकोष्ठों, इकाइयों और स्थापना शाखा, छात्रवृत्ति शाखा, लेखा शाखा, परीक्षा शाखा, एनसीसी, एनएसएस एवं स्पोर्ट्स की गतिविधियों तथा स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना द्वारा आयोजित विभिन्न गतिविधियों जैसे प्लेसमेंट एवं ट्रेंनिंग प्रोग्राम आदि का भी जाँच किया गया। जिस पर पूर्व प्राचार्य डॉ जे के संत की मेहनत रंग लाई, तत्कालीन प्रचार प्राचार्य डॉ जे के संत ने अपनी कार्य कुशलता से नैक के लिए सबसे पहले एस एस आर सबमिट कराया जिसकी वजह से सभी गुणवत्ता मानकों पर शासकीय तुलसी महाविद्यालय खरा उतरा और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद बेंगलुरु द्वारा अग्रणी महाविद्यालय को बी प्लस ग्रेड प्रदान किया गया।
*दिन रात हुई मेहनत*
महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ. देवेंद्र सिंह बागरी एवं शाहबाज़ खान, सभी क्राइटेरिया प्रभारियों के साथ प्रो प्रो अजय राज सिंह, प्रो संगीता वासनानी, डॉ राधा सिंह, डॉ प्रीति सागर मालैया, डॉ संजीव द्विवेदी, डॉ सत्येंद्र सिंह चौहान, लैब टेक्नीशियन रामकरन वर्मा, सुरेंद्र तिवारी, संतोष सोलंकी, राजेश कवर, संतोष सिंह, शेर सिंह, विकास खंडे, आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही जिन्होंने दिन रात एक कर नैक मूल्यांकन में महाविद्यालय को ग्रेडिंग दिलाया।