चरण तीर्थ पावन धाम मे विशाल भंडारे के साथ संपन्न हुआ महायज्ञ
भोले भाले सनातनियों का धर्म परिवर्तन मे लगी विदेशी ताकते : जगतगुरु
अनूपपुर
अनंत विभूषित जगतगुरु रामानुजाचार्य संप्रदाय के पीठाधीश्वर रामललाचार्य महाराज के पावन सानिध्य मे चरण तीर्थ पावन धाम में 9 दिवसीय राम महायज्ञ जगद्गुरु स्वामी के मुखर बिंदु से श्री राम कथा की अमृत वर्षा एवं आदर्श रामलीला मंडली खजुरी ताल का आयोजन किया गया। चरण तीर्थ पवन धाम के आसपास के ग्रामीणों द्वारा आज दिनांक 28 फरवरी 2025 को विशाल भंडारा आयोजित किया गया इस भंडारे में लगे हुए गांव से ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर उत्साह पूर्वक सहभागिता निभाई ।भंडारे के महाप्रसाद प्राप्त कर लोगों ने स्वयं को धन्य माना। जिला मुख्यालय एवं कोतमा से पधारे पत्रकारों से चर्चा के दौरानअनंत विभूषित जगतगुरु रामानुजाचार्य संप्रदाय के पीठाधीश्वर रामललाचार्य महाराज ने बताया कि सर्वप्रथम हमारे शिष्य जयसवाल जी द्वारा बताया गया कि हमारे गांव के पास जंगल में एक पावन धाम है जहां बैठने से शांति मिलती है आप एक बार यहां अवश्य पधारे उनके आग्रह पर हम यहां पहुंचे और किसी पवन धाम पर ही रात विश्राम किया उधर विश्राम के उपरांत मुझे स्वप्न द्वारा जानकारी मिली के यहां पर चार कुंड है तथा भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के चरण चिन्ह माता जानकी के चरण चिन्ह एवं भैया लक्ष्मण के चरण कॉन की छाप स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है तथा भगवान राम के धनुष तथा तरकश एवं तीर के निशान भी दिखाई पड़े जिसके चलते पूर्व में यहां ऋषि मुनि तप किया करते रहे होंगे और इस पावन धाम में पांडवों के भी आने का प्रमाण मिलता है। स्वामी ने बताया कि इस सिद्ध पीठ में आज भी प्रमाण के रूप में शीला को गर्मी में छूने से उसमें शीतलता महसूस होती है अब इससे ज्यादा इस शिला को प्रमाण की क्या आवश्यकता है। स्वामी जी ने यह भी बताया कि इन जंगलों में बसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहां ईसाई मिशनरीज के द्वारा धर्म परिवर्तन की भी घटनाएं सुनने में आती हैं जो अत्यंत निंदनीय कार्य है धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए हम सभी सनातन धर्मियों को एकता का परिचय देते हुए अपने भटके हुए परिवार को धर्म शास्त्रों एवं प्राकृतिक प्रमाणों को बढ़ाकर घर वापसी कराई जा सकती है मैं घर वापसी करने के लिए लगातार प्रयासरत हूं और आने वाले समय में इस क्षेत्र में सनातन धर्म की पुनर्स्थापना होगी और हमारे भटके हुए परिवारों को घर वापसी करवाना ही हम सब का मुख्य उद्देश्य होगा। स्वामी ने यह भी बताया कि हमारे धर्म में छुआछूत एवं उच्च नीच की बात केवल सनातन धर्मियों को बांटने के लिए अंग्रेजों की चल रही जिसके चलते उन्होंने अगड़ी पिछड़े अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजातियों का वर्गीकरण किया गया। हम सब ईश्वर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का उमड़ रहा है जन सैलाब अष्टम दिवस की कथा का वाचन करते हुए जगद्गुरु रामलला चार्य ने बताया कि भगवत प्राप्ति के अधिकारी सभी जाति वर्ग के लोग, भगवत प्राप्ति के अधिकारी हैं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम अपने अधिकारों को छोड़कर कर्तव्यों को सर्वोपरि माना एवं उन्होंने अपने 14 वर्ष के वनवास में भीलन मां शबरी के झूठे बेर खाकर यह बताया कि समाज में कोई ऊंचा और कोई नीचा नहीं होता केवल वह अपने भाव से ही महान होता है जैसे मां शबरी ने अपने गुरु की आज्ञा मानकर सैकड़ो वर्ष भगवान राम की प्रतीक्षा की और भगवान राम मिलने के बाद अपने भाव से उन्हें झूठे बेर खिलाई और उसे झूठे बेर में भगवान श्री राम को आनंद की अनुभूति हुई। जगतगुरु ने आगे बताया कि यह पावन चरण तीर्थ अत्यंत ही पवन है यहां पर स्थापित शीला पर अपनी मन्नत मांगने पर अवश्य पूर्ण होती है यहां के लोगों का यह अनुभव है। इस क्षेत्र में धर्म परिवर्तन की जानकारी मिलती रही है जो अत्यंत निंदनीय कार्य है हमारे सनातन भाई जिन्हें भ्रमित कर दूसरे धर्म में परिवर्तित कर दिया गया है उनके घर वापसी करना हम सब का परम कर्तव्य है और इस कार्य में हम सब अपनी पुरी इच्छा शक्ति के साथ कार्य करेंगे।