महाकुंभ में कैदियों को स्नान करने का मौका मिले, एडवोकेट संजीव ने गृहमंत्री व मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र
अनूपपुर
एडवोकेट संजीव द्विवेदी अनूपपुर ने अमित साह गृह मंत्री भारत सरकार नई दिल्ली व सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर यह मांग की है कि भारत वर्ष में विभिन्न काराग्रहो में सनातनी मुलजिम व कैदियों को पवित्र महा कुम्म गंगा/संगम स्नान का लाभ दिलाया जाए। पत्र में लेख किया गया है कि हमारे भारत वर्ष में सनातनी व हिन्दू पंचाग के मान्यता अनुसार यह पवित्र महा कुम्भ 155 वर्ष बाद आया है इसलिये भारत वर्ष प्रत्येक व्यक्ति को इस अवसर लाभ मिलना बहुत जरूरी है और नैतिक जिम्मेदारी व परम कर्तव्य है, अगर महा कुम्भ में गंगा स्नान का अवसर नहीं मिलता है तो धार्मिक व आत्मिक अधिकारों का हनन होगा इस महा कुम्भ के पवित्र गंगा स्नान से भारत वर्ष का कोई व्यक्ति वंचित न रह सके इसलिये मुख्य न्यायधीश सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली से करबद्ध प्रार्थना है भारत देश के विभिन्न कारागारो में बन्द कैदियो जो स्नान लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, चिन्हित कर सुरक्षा उपायो के साथ कुम्भ स्नान की व्यवस्था कराये जाने हेतु शासन को निर्देशित किये जाने की दया करें।
चूकि भारत के न्याय प्रणाली में दण्ड का प्रावधान दाण्डिक न होकर सुधारात्मक रैवेये पर जोर देता है, ऐसी प्रथा व व्यवस्था होने से कैदियों में हीन भावना में कमी आयेगी तथा भारतीय न्याय प्रणाली पर विश्वास प्रगाढ़ होगा जिससे निश्चित रूप से सामाज में एक अच्छा सन्देश भारतीय न्याय व्यवस्था को लेकर पहुंचेगा जिसके दूरगामी सुधारात्मक रैवेया को बढ़ावा मिलेगा।