रमेश व त्रिलोचन के राज में पंचायत में चारो ओर भ्रष्टाचार, पंचायत को बना रखा है चारागाह

रमेश व त्रिलोचन के राज में पंचायत में चारो ओर भ्रष्टाचार, पंचायत को बना रखा है चारागाह

*बहू रोजगार सहायक, मोबिलाइजर, बेटा मजदूर जीएसटी पे ठेकेदार*


अनूपपुर

जिले के जनपद पंचायत जैतहरी अंतर्गत ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है आए दिन भूतकाल के पिटारे से नया जिन्न भ्रष्टाचार के रूप में निकल रहा है ।रोज सैकड़ो शिकायत कलेक्टर और सीईओ के दरबार में होता रहता है और जांच चलती रहती है कारण बताओं नोटिस जारी होते रहते हैं परंतु भ्रष्टाचारी सरपंच सचिव से तनिक रिकवरी की राशि वसूल कर इन्हें बख्श दिया जाता है जिससे उनके हौसले और बुलंद होते हैं और लगातार लीपा पोती कर जनहित के राशि को बंदरबात करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। 

*पंचायत को बनाया चारागाह*

जिले के जनपद पंचायत जैतहरी का एक आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत गौरेला जहां पर सरपंच रमेश सिंह परस्ते जो कई बार इस पद पर सुशोभित हो चुके हैं भ्रष्टाचार के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं और उनके साथ सचिव त्रिलोचन द्विवेदी जो अकडूपन से भरपूर जनता से सीधे मुंह बात ना करना इनके फितरत में है इनका रवैया किसी रियासत के महाराजा से कम नहीं।भ्रष्टाचार को लगातार यह जोड़ी अंजाम दे रही है।ग्राम पंचायत में वर्ष 2023 24 में नरेगा मद से आरसीसी पुलिया निर्माण भगवन के खेत के पास जिसकी लगभग लागत 15 लाख,पीसीसी सड़क निर्माण सरपंच के घर से गांव तरफ लगभग लागत 7 लाख रुपए,पंडरीरोड झिरिया टोला में पीसीसी सड़क गोविंद के घर से फूल सिंह के घर तरफ लागत लगभग 6 लाख रुपए,नाली निर्माण सरपंच के घर के पास 70 मी लागत लगभग 3 लाख रुपए से किया गया है,जिसमें लीपापोती करते हुए जमकर भ्रष्टाचार की होली खेली गई है। अन्य व्यय कार्यालय व्यय के नाम पर सैकड़ो फर्जी बिल लगाकर जनहित की राशि को खयानत किया गया है।

*सरपंच बहू कर्मचारी, बेटा मजदूर और ठेकेदार*

ग्राम पंचायत गौरेला के सरपंच रमेश सिंह परस्ते सन 2011 में भी सरपंच थे आदेश था कि किसी भी पदाधिकारी के रिश्तेदार को रोजगार सहायक पद पर नहीं भर्ती किया जाएगा परंतु उनके द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से अपनी बहू को रोजगार सहायक पद पर भर्ती कर लिया गया। जानकारी के मुताबिक उनकी दूसरी बहू भी ग्राम पंचायत में मोबिलाइजर के पद पर पदस्थ है। मामला एक और इनके बड़े पुत्र मोहन सिंह के नाम पर जो रोजगार सहायक सुशीला सिंह के पति हैं और सरपंच के पुत्र उनके नाम पर रोजगार सहायक सुशीला सिंह के द्वारा लगातार 2011 के बाद जब से भर्ती हुई समस्त निर्माण कार्यों में फर्जी तरीके से जॉब कार्ड भरकर लाभ पहुंचाया गया है और वर्तमान वर्ष में भी हजारों रुपए पेमेंट किए गए हैं सरपंच पुत्र और रोजगार सहायक पति मोहन सिंह मजदूर के साथ-साथ जीएसटी पैड करने वाले वेंडर ठेकेदार भी हैं जो ग्राम पंचायत में ईंट गिट्टी रेत सीमेंट राड सब कुछ सप्लाई करते हैं इन महाशय का कहीं पर दुकान भी नहीं है इस तरह सचिव त्रिलोचन द्विवेदी सरपंच का साथ देकर भारी मात्रा में अवैध तरीके से गलत तरीके से नियम विरुद्ध शासन की आंख में धूल झोंक कर भारी भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं।

*ग्रामीणों द्वारा जांच व कार्यवाही की मांग*

आदिवासी बहुल ग्राम पंचायत होने के कारण सरपंच और सचिव का अत्यधिक दबाव व प्रभाव है उन्हें धमका दिया जाता है कि लाभ नहीं मिलेगा जिससे शिकायत करने से डरते हैं खास मुलाकात के दौरान उन्होंने इस संबंध में खुलासा किया और जिले के न्याय परी कलेक्टर महोदय से समस्त कार्यों की जांच व कार्यवाही की मांग की है। यह संपूर्ण जानकारी यथार्थ व रिकॉर्डेड है इस संबंध में यदि जांच हुई तो सरपंच रमेश सिंह और सचिव त्रिलोचन द्विवेदी के पोल खुलेंगे और कार्यवाही के ढोल बजेंगे।

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