छोटा भीम की दहाड़ हुई बंद, शिकार की साजिश मे हुआ था घायल, इलाज के दौरान हुई मौत
उमरिया
मानपुर। जिले के बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के खितौली परिक्षेत्र से रेस्क्यू किये गये मशहूर बाघ छोटा भीम की दहाड़ अब कभी सुनाई नहीं देगी। उसकी गत दिवस राजधानी भोपाल के वन विहार मे इलाज के दौरान मौत हो गई है। बाघ की मृत्यु हृदयगति रूक जाने के कारण होना बताई गई है। गौरतलब है कि बीते नवंबर महीने मे बाघ घायल अवस्था मे देखा गया था। जिसकी जानकारी पर्यटकों से मिलने पर काफी मशक्कत के बाद खितौली रेंज अंतर्गत सलखनिया के जंगल मे उसका रेस्क्यू किया गया था। बाघ की हालत को देखते हुए प्रबंधन ने कोई जोखिम लेने की बजाय इलाज के लिये 30 नवंबर 2024 को उसे वनविहार भोपाल भेज दिया गया। जानकारों का मानना है कि छोटा भीम शिकार के लिये लगाये गये किसी फंदे मे फंस गया था। इस दौरान वह खुद को छुड़ाने मे तो सफल हो गया परंतु इस चक्कर मे फंदे की तार ने उसके गले मे गहरा जख्म कर दिया था। क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय ने बताया कि पीएम उपरांत बाघ के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इस खबर से जिले के पर्यावरण प्रेमियों मे निराशा व्याप्त है।
*सडक़ पर होती थी मुलाकात*
गौरतलब है कि अपने मजबूत कद-काठी और शांत स्वभाव के कारण छोटा भीम पर्यटकों मे काफी लोकप्रिय था। चकरधरा की पहाड़ी तथा महामन से लेकर खितौली के पास मेन रोड पर लोगों से इसकी अक्सर भेंट हो जाती थी। जिसे देखते ही लोग अपने वाहन खड़ा कर देते थे। इस दौरान चार्जर बाघ की तरह छोटा भीम भी काफी देर तक बड़े आराम से अपना जलवा बिखेरता रहता।