500 मेगावाट छठवीं विस्तार इकाई के निर्माण की घोषणा सिर्फ कागजों तक सिमटी, सर्वे के बाद कार्य बंद

500 मेगावाट छठवीं विस्तार इकाई के निर्माण की घोषणा सिर्फ कागजों तक सिमटी, सर्वे के बाद कार्य बंद

*गलत बातों को खामोशी से सुनना हामी भर देना, बहुत है फायदे मगर अच्छा नहीं लगता*


उमरिया

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के 19 फरवरी के दौरे को लेकर तरह-तरह के कयास क्षेत्र की जनता द्वारा लगाये जा रहे हैं, स्थानीय जनप्रतिनिधि, विधायकों राज नेताओं, राजनैतिक कार्यकर्त्ता, समाज के प्रबुद्ध वर्ग, माताओं बहनों, किसानों, जन जन को इस स्वर्णिम अवसर का पूर्ण लाभ जिले के आदिवासियों, बेरोजगार युवाओं, श्रमिकों, दैनिक मजदूरी में अपना भरण पोषण करने वाले हजारों लोगों के साथ, बंद हो रही कोयला खदानों से उजड़ -बदहाल हो रहे नगर, ठप्प हो रहे व्यापार को बढ़ाने के लिए दीर्घकालिक  बड़े उद्योग का उमरिया जिले में खुलना अत्यंत जरुरी है।

 यह सब तभी संभव है जब प्रदेश के मुख्यमंत्री से खुलकर बड़ी सोच और योजना के साथ जिले के बिरसिंहपुर पाली में बिजली उत्पादन कर रही 1340 मैगावाट की संजय गाँधी थर्मल प्लांट के जोहिला नदी पर बने बांध के बाएँ तट पर पोंडी -छादा  ग्राम जो पूर्व सांसद मंत्री ज्ञानसिंह, उनके पुत्र वर्तमान बांधवगढ़ विधानसभा से विधायक शिवनारायण सिँह (लल्लू  भैया )का निवास है, ज्ञानसिंह द्वारा जब संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट बिरसिंहपुर की 500 मेगावाट की पांचवीं इकाई के लोकार्पण उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के द्वारा किए जाने के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में मंच से बिरसिंहपुर में छठवीं विस्तार इकाई के निर्माण की जो घोषणा की गई थी, अब तक  कागजों में सर्वे के बाद भी बंद पड़ी है, जिस का निर्माण नितांत  जरूरी है।

बिरसिंहपुर के संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट के समीप इस नए पावर प्लांट की 6वीं विस्तार इकाई की स्थापना के लिए थर्मल पावट प्लांट हेतु मौलिक सुविधाओं जैसे बांध,विकसित आवासीय कॉलोनी, ट्रांसमिशन लाइन, साउथ ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे की बिलासपुर कटनी रेल लाइन एवं CIC क्षेत्र की कोयला खदानों से समीप भरपूर मात्रा में कोयले की उपलब्धता, राष्ट्रीय राजमार्ग 43, इस पावर प्लांट की आदर्श स्थिति के लिए सर्वश्रेष्ठ है तथा सबसे कम लागत में, सस्ती बिजली यहाँ बन सकेगी।

उमरिया जिले में इस प्रस्तावित थर्मल प्लांट के आरंभ होने से क्षेत्र एवं समीप के जिलों के हजारों हजार मजदूरों ,आदिवासियों, शिक्षित युवाओं, बेरोजगारों को  दशकों के लिए स्थायी रोजगार की उपलब्धता निश्चित हो सकेगी, तथा कई नगर जो धीरे धीरे  व्यवसाय की कमी से उजड़ रहे,  उद्योग खुलने से उनके व्यापार को नया रास्ता मिल सकेगा, साथ ही प्रदेश के विकास में बिजली उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण भूमिका  यह क्षेत्र अपनी  और अहम भूमिका निभा सकेगा।


*जन जन के अंतर आत्मा की आवाज़.* 

*नया उद्योग लगाएं* 

*उमरिया जिला विकसित बनाएं*

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