भृष्टाचार व वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर सीएमओ को कमिश्नर ने किया निलंबित
उमरिया
शहडोल कमिश्नर सुरभि गुप्ता के निर्देश पर कलेक्टर उमरिया द्वारा नगरपरिषद नौरोजाबाद अनियमितता मामले में जांच कराई गई, जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर हुआ। जांच रिपोर्ट आने के बाद सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, लेकिन सीएमओ ने जवाब नहीं दिया। इस पर मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण संहिता और अपील नियम 1966 के तहत उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
जिले के अंतर्गत नौरोजाबाद में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी ज्योति सिंह के कारनामे किसी से छिपे नहीं है। लगातार लंबे समय से उनके द्वारा निर्माण कार्यों और सामग्री की खरीद फरोख्त में गड़बड़ी की जाती रही है। इसी के चलते कमिश्नर शहडोल के निर्देश पर कलेक्टर उमरिया के द्वारा मामले की जांच कराई गई। जांच में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई।
पूरे मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद कलेक्टर उमरिया के द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी नौरोजाबाद ज्योति सिंह को पत्र जारी कर कारण बताओ नोटिस जारी किया। सात दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया था, लेकिन सीएमओ ज्योति सिंह के द्वारा कारण बताओ नोटिस का भी जवाब नहीं दिया गया। ज्योति सिंह की कार्यशैली से वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का भी लगातार अवहेलना करना प्रतिलक्षित होता है।
सीएमओ नौरोजाबाद ज्योति सिंह के उक्त कृत मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण संहिता के विपरीत एवं दंडनीय है। इसी के चलते मध्य प्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 9 (1) क के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को उपयोग में लाते हुए कमिश्नर शहडोल सुरभि गुप्ता ने नगर परिषद नौरोजाबाद की सीएमओ ज्योति सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
बता दें कि सीएमओ ज्योति सिंह इसके पहले उमरिया नगर पालिका परिषद की मुख्य नगर पालिका अधिकारी रही हैं। इस दौरान भी इनके द्वारा तमाम कार्यों और खरीदी में व्यापक रूप से गड़बड़ी सामने आई थी, जिसके चलते ज्योति सिंह कई अखबारों और चैनलों की सुर्खियों में रही हैं। इस दौरान भी उनके क्रियाकलापों की जांच कराई गई। उसमें भी गड़बड़ियां सामने आई थीं। इसके बाद उनका स्थानांतरण नगर परिषद नौरोजाबाद के लिए किया गया। वहां वह लगातार सामग्री की खरीदी और निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार में संलिप्त रही।