नगरपरिषद की सह पर, आस्था के नाम पर मेला क्षेत्र में, श्रद्धालुओं, ग्रामीणों व दुकानदारों से की गई जमकर लूट

नगरपरिषद की सह पर, आस्था के नाम पर मेला क्षेत्र में, श्रद्धालुओं, ग्रामीणों व दुकानदारों से की गई जमकर लूट

नप अध्यक्ष की मूक सहमति, सड़क बंदकर पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली, पुलिस बनी रही मौन*


अनूपपुर

जिले के बरगंवा नगर परिषद के बरगंवा नाथ हनुमान मंदिर मेला ग्राउंड में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मकर संक्रांति के अवसर पर तीन दिवसीय मेला का आयोजन किया गया। यहाँ के लोग मकर संक्रांति को एक त्यौहार के रूप में मनाते है। इस आस्था के केंद्र मेले में दूर-दूर से हजारों श्रद्धालुओं ने हनुमान जी के दर्शन कर मेला का आनंद उठाते चले आ रहे हैं। मेला की सारी व्यवस्था नगरपरिषद के अध्यक्ष, अधिकारियों, कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियों की देख रेख में किया गया था। इस वर्ष के मेला में चारो तरफ अव्यस्था ही अव्यस्था देखने को मिली। व्यवस्था ने नाम व आस्था के नाम पर श्रद्धालुओं व भोले भाले ग्रामीण जनता को जमकर लूटा गया। जिससे मेला व मन्दिर में आने वाले लोगो को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ऐसा लग रहा था कि इस बार मेला का आयोजन लोगो को लूटने के लिए किया गया है। इससे अच्छी व्यवस्था तो ग्राम पंचायत के समय मे होता था। कम से कम आस्था के नाम पर लोगो को लूटा तो नही जाता था। मेला की व्यवस्था पर नगरपरिषद ने एक मोटी रकम खर्च किया होगा, मगर अव्यस्था पर नगरपरिषद की सारी व्यवस्था की पोल खुलते नजर आईं। इस कारण से परिषद के अध्यक्ष गीता गुप्ता के ऊपर एक न धुलने वाला दाग लग गया है। कही न कही इस अवैध क्रिया कलापो अध्यक्ष की मूक सहमति नजर आ रही है। नगर परिषद बनने के बाद लोगो ने सोचा था कि क्षेत्र का विकास होगा मगर विकास के नाम कुछ और ही नजर आ रहा है। 

*सड़क बंदकर की अवैध वसूली*

बरगंवा नाथ हनुमान मंदिर में जो मेले का आयोजन होता हैं, वह मार्ग चचाई से केल्होरी, सोड़ा फैक्टरी, ओपीएम, अमलाई जाने के लिए मुख्य मार्ग है, उस मार्ग को मेला आयोजन के नाम पर पार्किंग के नाम पर वसूली करने वाले लोग स्टापर लगाकर पूरी तरह बंद कर दिया था, जिससे उस मार्ग से निकलने वाले लोगो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था जिन लोगो को सोडा फैक्टरी जाना था जिसकी दूरी मेला ग्राउंड से 2 किलोमीटर थी, मगर पार्किंग वालो दादागिरी पर उतारू होकर उन सभी लोगों वापस चचाई के रास्ते अमलाई होकर सोडा फैक्टरी भेजा जिसकी दूरी लगभग 10 किलोमीटर घूमकर जाना पड़ा, जिससे लोगो परेशान हुए। जो लोग पार्किंग का शुल्क दे दिए उनको उस रास्ते से आगे जाने दिया गया। यह दोहरा नियम नगर परिषद का नाम मे कालिख पोतने जैसा है। बरगंवा मन्दिर में जो प्रतिदिन बाइक व कार से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को भी पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली की गई। उन सभी वाहनों को जबर्दस्ती पार्किंग में खड़ा कराकर 20 से 50 रुपयो की अवैध वसूली की गई। जबकि वह लोग मेला नही मन्दिर आये थे। मेला वाला रास्ता अगर बन्द करना था तो चचाई, अमलाई, सोडा फैक्टरी व ओपीएम के पास रास्ता डाइवर्ट का बोर्ड लगवाना था, जिससे आम लोगो को सूचना मिल जाती और परेशानी नही होती।

*सड़क बन्द करने का किसने दिया आदेश*

कोई भी सड़क को किसी खास कारण से डाइवर्ट करना होता हैं तो इसकी सूचना कलेक्टर व एसडीएम को देकर उनसे परमिशन लेनी होती है और इसकी सूचना एक से दो दिन पहले लोगो को दी जाती है। सड़क को बंद करने के लिए किससे परमिशन ली गयी नगरपरिषद बताए, अगर परमिशन नही ली गयी तो जबरदस्ती सड़क बन्द कर पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली करने वालो के ऊपर नगरपरिषद कार्यवाही करेगी या अभयदान देकर उनके क्रिया कलापों पर अपनी मूक सहमति प्रदान करेगी।

*दुकानदारों से गई अवैध वसूली*

सूत्र व नाम न छापने पर दुकानदारों ने बताया कि इस वर्ष मेला क्षेत्र में कोई भी अच्छी व्यवस्था देखने को नही मिली। मेला क्षेत्र में छोटे बड़े दुकान लगाने 50 रुपये से लेकर 2 हजार रुपए की वसूली की गई। व्यवस्था के नाम पर नगरपरिषद ने जमकर वसूली करवाई मगर चारों तरफ अव्यवस्था नजर आई। दुकानदारों से तय कीमत से ज्यादा रुपए लिए गए, जबकि मेला क्षेत्र में दुकान लगाने वाले ज्यादातर छोटे दुकानदार थे। मेला में मुँह देखी वसूली की गई, जो लोग खास थे, उनसे कम रुपए और कुछ लोगो को पूरी तरह छूट देकर रुपए ही नही लिए गए। इस तरह का दोहरा व्यवहार नगरपरिषद को शोभा नही देता है।

*पुलिस रही मौन*

मेला में कोई अनहोनी न हो इसलिए चचाई पुलिस की टीम को मेला की व्यवस्था के लिए लगाई गई थी मगर पुलिस वहाँ पर पुतला बनकर मौन खड़ी रहकर खानापूर्ति करते नजर आई। सड़क बन्द कर लोग पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली करते रहे, और पुलिस देखती रही, बीमार व्यक्ति को भी 10 किलोमीटर ज्यादा चलकर अपने गंतव्य तक पहुँचना पड़ा। क्या आस्था के नाम पर इस तरह आम जनता के साथ करना कहा तक उचित है। इन लोगो के ऊपर कार्यवाही कौन करेगा यह सवाल प्रशासन के लिए अहम है।

इनका कहना है।

सड़क को बंद करने की परमिशन किसी ने नही दी थी बस मेला क्षेत्र में कोई घटना दुर्घटना न हो इसलिए बंद किया गया होगा। 

राकेश उइके, थाना प्रभारी, चचाई

इस तरह रास्ता बंद करने का किसी को अधिकार नही है, मेला क्षेत्र में अगर अवैध वसूली की गई हैं तो गलत हैं, ऐस लोगो पर जरूर कार्यवाही होनी चाहिए।

*राज तिवारी, उपाध्यक्ष नगर परिषद बरगंवा*



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