लावारिस समझ पुलिस ने दफनाया, वह पड़ोस थाने से हुआ था लापता, पुलिस की लापरवाही आई सामने
*दो थानों की आपसी तालमेल की कमी उजागर*
शहडोल
जिले के बुढार थाना क्षेत्र के ग्राम गोपालपुर में 13 जनवरी को सड़क किनारे एक अज्ञात युवक का शव मिला। पहचान न हो पाने पर अगले दिन 14 जनवरी को पुलिस ने उसे लावारिस समझकर दफन कर दिया। बाद में पता चला कि वह युवक धनपुरी थाना क्षेत्र के बिलियस नंबर 1 निवासी भोला बर्मन था, जिसकी गुमशुदगी की शिकायत उसकी मां ने तीन दिन पहले, 11 जनवरी को, धनपुरी थाने में दर्ज कराई थी। लेकिन दोनों थानों की आपसी तालमेल की कमी के चलते शव को लावारिस घोषित कर दिया गया।
बुढार थाना पुलिस ने तर्क दिया कि उन्होंने जिले के सभी थानों से संपर्क कर शव की पहचान कराने की कोशिश की, लेकिन पहचान नहीं हो सकी। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे बुढार मुक्तिधाम में दफना दिया गया। दूसरी ओर, धनपुरी थाना पुलिस ने मृतक की गुमशुदगी की सूचना 11 जनवरी को ही दर्ज कर ली थी, लेकिन उस सूचना को ठीक से अन्य थानों तक नहीं पहुंचाया गया।
मामला दो थानों की आपसी तालमेल की कमी को उजागर करता है। बुढार और धनपुरी थाना एक ही पुलिस अनुभाग के तहत आते हैं और महज चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। इसके बावजूद बुढार थाना पुलिस को मृतक की गुमशुदगी की जानकारी नहीं मिली, और शव को लावारिस घोषित कर दिया गया।
जब इस घटना की जानकारी पांच दिन बाद मृतक के परिजनों तक पहुंची, तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत शव को कब्र से बाहर निकाला गया और परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों ने धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार किया।
इस घटना ने बुढार और धनपुरी थानों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि धनपुरी पुलिस ने गुमशुदगी की सूचना समय पर अनुभाग और अन्य थानों को प्रेषित की थी, तो बुढार पुलिस ने लापरवाही कैसे कर दी? वहीं, बुढार थाना पुलिस का दावा है कि उन्होंने जिले के सभी थानों से संपर्क किया था, फिर भी सूचना का आदान-प्रदान क्यों नहीं हो सका। इस संबंध में धनपुरी थाना प्रभारी खेम सिंह पेंद्रो ने कहा कि गुमशुदगी की सूचना समय पर सभी संबंधित थानों और प्रशासन को भेज दी गई थी।