प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार, विकलांग हितग्राही से अवैध वसूली का मामला उजागर

प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार, विकलांग हितग्राही से अवैध वसूली का मामला उजागर

*दूसरी किश्त के लिए रोजगार सहायक मांग रहा है 10 हजार*


अनूपपुर

जमुना कोतमा ग्राम पंचायत सकोला, जनपद पंचायत अनूपपुर (म.प्र.) में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर विकलांग हितग्राही के साथ हुए शोषण का मामला सामने आया है, इस गंभीर प्रकरण में रोजगार सहायक रमेश कुमार विश्वकर्मा पर गरीबों के हक का पैसा छीनने और अपने पद का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

पीड़ित राजबली यादव, जो शारीरिक रूप से अक्षम हैं और चलने-फिरने में असमर्थ हैं, ने बताया कि उन्हें वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थी घोषित किया गया था योजना के अंतर्गत उन्हें प्रथम किश्त के रूप में ₹25,000 की राशि प्राप्त हुई थी, लेकिन जब उन्होंने दूसरी किश्त के लिए रोजगार सहायक से संपर्क किया, तो उन्होंने ₹10,000 की मांग की मजबूर होकर, पीड़ित ने यह राशि रोजगार सहायक को दी।

यह मामला बेहद शर्मनाक है, क्योंकि यह न केवल एक विकलांग व्यक्ति के अधिकारों का हनन है, बल्कि सरकारी योजनाओं के उद्देश्य का भी उपहास है गरीबों और वंचित वर्ग के लिए चलाई जा रही योजनाओं को रोजगार सहायक जैसे भ्रष्ट अधिकारियों ने अपनी कमाई का जरिया बना लिया है।

रमेश कुमार विश्वकर्मा पर पहले भी कई आरोप लग चुके हैं लेकिन प्रशासन की लापरवाही और कार्रवाई के अभाव में उनके हौसले बुलंद हैं, इस मामले में रोजगार सहायक ने न केवल विकलांग हितग्राही से अवैध वसूली की बल्कि जनपद और पंचायत प्रशासन को भी बदनाम किया है।

इसके अलावा रोजगार सहायक पर ग्राम पंचायत सचिव निरंजन जायसवाल के कार्यों में बाधा डालने का भी आरोप है, सचिव की जानकारी के बिना खेत तालाब निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया, जिसमें मजदूरों को मास्टर रोल नहीं दिया गया और उनकी मजदूरी का पूरा भुगतान भी नहीं हुआ यह स्पष्ट रूप से रोजगार सहायक की मनमानी और भ्रष्टाचार को उजागर करता है। रोजगार सहायक का यह रवैया न केवल उनकी जिम्मेदारी के प्रति लापरवाही दिखाता है बल्कि यह भी साबित करता है कि वे गरीब और जरूरतमंदों के अधिकारों को नजरअंदाज कर अपनी जेब भरने में लगे हैं।

*जनता और प्रशासन से अपील*

इस मामले में तत्काल जांच कर रोजगार सहायक रमेश कुमार विश्वकर्मा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए साथ ही पीड़ित राजबली यादव को उनका हक दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई किए बिना सरकारी योजनाओं का सही लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाना संभव नहीं है। यह घटना समाज में जागरूकता और सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने की सख्त जरूरत को रेखांकित करती है अगर इस पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह भ्रष्टाचार का और बड़ा रूप ले सकता है।

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