हमले मे घायल नर्स को समय से नही मिला इलाज, अस्पताल पहुँचने से पहले हुई मौत
*रामभरोसे स्वास्थ्य व्यवस्था, जिम्मेदार मौन*
उमरिया
बदहाली की दलदल मे डूब चुकी जिले की स्वास्थ्य सेवाओं का शिकार अब आम नागरिक ही नही खुद विभागीय अमला भी हो रहा है। ऐसी ही घटना प्रकाश मे आई है, जिसमे गंभीर रूप से घायल एक नर्स को न तो मौके पर इलाज मिला और नां ही एंबुलेंस। जिसकी वजह से हालत बिगड़ती चली गई और उमरिया लाते समय रास्ते मे ही मौत हो गई। दरअसल मृतका जानकी पति नवीन कुशवाहा 36 निवासी मारवाड़ी मोहल्ला चंदिया तहसील क्षेत्र अंतर्गत उप स्वास्थ्य केन्द्र पतरहटा मे नर्स के रूप मे पदस्थ थी। महिला का गत दिवस अपने देवर से जमीन को लेकर विवाद हुआ। तभी आरोपी ने उसे सब्बल दे मारा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी।
*रिसता रहा सिर से खून*
बताया गया है कि वारदात के बाद महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चंदिया लाया गया, परंतु वहां डाक्टर साहब मौजूद नहीं थे। इस दौरान उसके सिर से लगातार खून का रिसाव हो रहा था, जिसकी वजह से मरीज की स्थिति खराब होती जा रही थी। काफी इंतजार के बाद भी जब डाक्टर नहीं आये तो परिजन अपने ही वाहन मे घायल नर्स को लेकर जिला अस्पताल की ओर भागे, परंतु रास्ते मे ही उसकी मौत हो गई। परिजनो का कहना है कि यदि समय रहते जानकी का उपचार शुरू हो जाता तो उसकी जान बच सकती थी।
*आज होगा पोस्टमार्टम*
जिला चिकित्सालय की अस्पताल चौकी पुलिस ने बताया कि जमीन को लेकर हुए विवाद मे आरोपी ज्ञानप्रकाश कुशवाहा ने अपनी भाभी जानकी कुशवाहा पर लोहे के सब्बल से हमला कर दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। मृतका का शव अस्पताल की मरचुरी मे रखवाया गया है। रात हो जाने के कारण पीएम नहीं हो सका। यह प्रक्रिया कल की जायेगी। घटना चंदिया थाना क्षेत्र की होने से जीरो पर कायमी कर प्रकरण संबंधित थाना क्षेत्र की ओर प्रेषित किया जायेगा। आगे की कार्यवाही चंदिया पुलिस करेगी।
*रामभरोसे स्वास्थ्य व्यवस्था*
बताया जाता है कि नये सीएमएचओ डॉ. एसबी चौधरी के आगमन के बाद से जिले की स्वास्थ्य सेवायें मे गर्त मे पहुंच गई हैं। करोड़ों रूपये के बजट वाले इस विभाग मे व्याप्त भ्रष्टाचार और भर्रेशाही की वजह से आये दिन बेकसूर लोगों को अपनी जान से हांथ धोना पड़ रहा है। इससे पहले मानपुर मे एक महिला की मृत्यु के बाद लोगों ने जमकर बवाल काटा था। जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से लेकर, सामुदायिक स्वास्थ्य एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों तक मे मीटिंग, इटिंग और सेटिंग का खेल चल रहा है। महकमे के अधिकारी और कर्मचारी बिल बनाओ, भंजाओ और साहब को खिलाओ के खेल मे लिप्त हैं। दूसरी ओर चौधरी साहब जैसे अधिकारियों की करतूत की वजह से उपजे विवादों की समस्या का निपटारा जिला प्रशासन को करना पड़ रहा है।