रोजगार, मुआवजा व पुनर्वास को लेकर किसानों का अनिश्चितकालिन धरना प्रदर्शन प्रारंभ- भूपेश शर्मा
*प्रबंधन प्रशासन जागे, जब तक समस्या का हल नही होगा तब तक कोयला उत्पादन रहेगा ठप्प*
शहड़ोल
जिले के रामपुर बटुरा कोयला क्षेत्र के प्रभावित किसानों के द्वारा 2010 से लगातार किसानों के द्वारा आवेदन, ज्ञापन, धरना, प्रदर्शन अपनी पुश्तैनी जमीनों को देकर मुआवजा रोजगार की मांग कर रहे हैं, आए दिन छोटे-छोटे समस्याओं को लेकर रोजगार और मुआवजा को बाधित किया जा रहा है, किसानों को जान बूझकर परेशान किया जा रहा है। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन किसानों ने एक बैठक बुलाई और सर्वसम्मत से पिछले दिनों प्रबंधन सहित जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन को जो ज्ञापन के साथ चेतावनी भी दिया गया था की अगर 15 दिवस के अंदर किसानों की समस्या का हल नहीं किया जाता है तब तक अनिश्चित काल के लिए खदान को बंद करेंगे। कुंभकर्णी नींद में सोए हुए प्रबंधन और प्रशासन को बिलकुल भी सुध नहीं आया। किसानों को परेशान करने का अपराधी एसईसीएल ही नहीं है बल्कि समस्या को बढ़ावा देने के लिए तहसील मुख्यालय बुढार भी कहीं ना कहीं जिम्मेदार है। किसान कलेक्टर से समाचार के माध्यम से निवेदन करते हैं की तहसील का आकस्मिक निरीक्षण करें और छोटे-छोटे फाइलों को किस तरह से रोक के रखा जा रहा है नामांतरण, सेजरा, बटंनबारा जैसे मामलो म्यूटेशन हो बहुत ही आमंत्रण हो साजरा हो आपसी बंटनबारा हो इन मुद्दों की भी हालत गंभीर है। तहसील सोहागपुर हो या बुढार हो पूरी तरह से बाबू राज चल रहा है, बट वृक्ष की तरह जड़ जमाकर बैठे हुए हैं ना कोई देखने वाला है ना कोई सुनने वाला है। कोल माइंस में कुछ लोगों को रोजगार दिया जा रहा है तो कुछ लोगों को नहीं दिया जा रहा है।
किसान अपनी मांग पत्र सौंपते हैं, समय देते हैं, हाथ जोड़ते हैं, जब इतने में नहीं सुना जाता तो जो गांधी और विनोबा भावे के सूत्र पर चल पड़े, संघर्ष के रास्ते उतरकर किसान अब आवाज बुलंद कर रहे हैं, हम अपना अधिकार मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते का नारा लगाते हुए खदान को पूर्णता बंद कर दिया और शांति में तरीके से सड़क के किनारे खुले आसमान में बैठे हुए हैं। प्रशासन की लापरवाही पर किसान यह कह रहे हैं कि अब आर पार की लड़ाई होगी, हमको हमारा पुनर्वास, हमारा मुआवजा, हमारा हमको रोजगार दे दिया जाए, जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा तब तक खदान नहीं खुलेगी। रामपुर बटुरा उप क्षेत्रीय प्रबंधक के खुद का प्रयास पर्याप्त नहीं है जब तक कार्मिक विभाग व महाप्रबंधक किसानों का सुध नहीं लेंगे तब तक नहीं लगता की समस्या का समाधान होगा। किसानों से ऐसे राजस्व रिकॉर्ड की मांग की जा रही है जो सरकार के पास भी नहीं है उसे कहा से लाकर दे। किसानों का कहना है इन सभी मुद्दों के समाधान के लिए आंदोलन स्थल पर ही टेबल लगाकर समस्या का हल किया जाए। मुख्यालय बिलासपुर के सक्षम अधिकारियों की टीम जिनको रोजगार देना है जब तक संपूर्ण रोजगार की फाइल कंप्लीट ना हो जाए या मुआवजा पुनर्वास ना हो जाए तब तक के लिए खदान को बंद कर दिया जाए।
मुख्य रूप से आंदोलन की अगुवाई करने वालों में सरपंच ग्राम पंचायत रामपुर कि जनपद सदस्य, उपसरपंच, पूर्व जनपद सदस्य, पूर्व उपसरपंच, जिला पंचायत सदस्य, किसान नेता एवं गांव के संपूर्ण प्रभावित किसने की उपस्थिति सुबह से ही आंदोलन चल रहा है। किसान नेता भूपेश शर्मा पुलिस के माध्यम व देश के चौथे स्तंभ निवेदन किया है ज्यादा से ज्यादा किसानों का मुद्दे को प्रबंधन और प्रशासन तक पहुचाए, जिससे ससमस्या का जल्द हल हो सके। क्षेत्र के ऐसे सामाजिक संस्था और संगठन जो किसानों की समस्या पर लड़ते आ रहे हैं, उन्हें भी बुलाया गया है साथ ही एसईसीएल के अलग-अलग संगठनों के पदाधिकारी को निवेदन किया जा रहा है आप लोग भी आए और किसानों के आंदोलन में अपनी सहमति देकर समस्या का समाधान कराए।